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11 जनवरी 2024

400 किलोमीटर के ठंड भरे सफ़र से,दो लोगों को मिलेगी रौशनी

 

400 किलोमीटर के ठंड भरे सफ़र से,दो लोगों को मिलेगी रौशनी


शाइन इंडिया फाउंडेशन के अंदर जागरूकता अभियान से अब कोटा शहर के साथ-साथ कोटा के आसपास के छोटे बड़े शहरों में नेत्रदान के प्रति लोग जागरुक होते जा रहे हैं । इसी जागरूकता का परिचय देते हुए,चौमहला कस्बे से चौथा नेत्रदान प्राप्त हुआ है।

बुधवार शाम को शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र दिनेश डबकरा, कमलेश दलाल, और अजय गोयल ने कोटा में डॉ कुलवंत गौड़ को सूचना दी की ,कोटा से 200 किलोमीटर दूर चौमहला निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश कुमार निगम की धर्मपत्नी रमाबाई निगम का देवलोक गमन हो गया है ।

समाजसेवी अमित अग्रवाल ने पुत्र राजकीय शिक्षक कुंजबिहारी निगम एवं सुपौत्र डॉ० शुभम निगम से नेत्रदान के लिए चर्चा की, सेवाभावी परिवार होने के कारण तुरंत ही नेत्रदान के लिए सहमति प्राप्त हो गयी । 

सहमति प्राप्त होते ही ,कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम के तकनीशियन उत्कर्ष मिश्रा ने 200 किलोमीटर दूर चौमहला पहुंचकर रात्रि में नेत्रदान प्राप्त किया। देर रात्रि को संपन्न नेत्रदान प्रक्रिया के समय भी बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे,एवं सभी ने प्रत्यक्ष अपनी आंखों से नेत्रदान प्रक्रिया को देखकर जानकारी को प्राप्त किया कि नेत्रदान से चेहरे पर कोई प्रभाव नहीं होता, इस छोटी सी प्रक्रिया में शरीर से रक्त भी नहीं आता। देर रात पुनः 200 किलोमीटर का ठंड भरा सफर तय करके शाइन इंडिया की टीम कोटा पहुंची ।

नैत्रदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद शाइन इंडिया फाउंडेशन की ओर से, शोकाकुल परिवार को, परोपकार के प्रेरणास्पद कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। 

समाजसेवी अमित अग्रवाल ने बताया कि,चौमहला से यह चौथा नेत्रदान है, इससे पूर्व में भी धापूबाई जैन,मोहनबाई जैन,शिक्षक सुरेश जैन व सरोज देवी जैन का नेत्रदान भी चौमहला से प्राप्त हो चुका है। धीरे-धीरे भ्रांतियां का निवारण होने के बाद चौमहला में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है

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