मजीद मलिक , फिर मजीद कमांडो , फिर शिक्षाविद , वकील , डॉक्टर मजीद कमांडो को उनकी सालगिरह पर बधाई ,, मुबारकबाद ,
बहुमुखी प्रतिभा के धनी , शिक्षाविद , समाजसेवक , भाई मजीद कमांडो को , उनकी सालगिरह पर पुरखुलूस दुआओं के साथ दिली मुबारकबाद ,, जी हाँ दोस्तों , भाई मजीद कमांडो , यूँ तो , भारत माता के नाम से शिक्षण संस्थाए संचालित कर , लोगों की सेवा कार्यों में जुटे हैं , शिक्षा की अलख जगा रहे हैं , रोज़गारोन्मुखी शिक्षा से लोगों को जोड़कर अपने पैरों पर खड़े होने लायक बनाने की कोशिशों में जुटे हैं , ,खासकर, आदिवासी , दलित , पिछड़े क्षेत्र किशनगढ़ में इनके शैक्षणिक इदारे चलाये जा रहे हैं , , दोस्तों भाई मजीद कमांडों , यूँ ही यारों के ,यार अतिथि देव भवं , मेहमान की मेज़बानी खुदा के लिए फ़र्ज़ है , के सिद्धांतों पर चलने वाले हैं , यूँ तो यह हर आने जाने वाले , शख्स का , बढे अहतराम के साथ , स्वागत , सत्कार करते हैं , हाल ही में कोटा अभिभाषक परिषद के वकील साथियों की पिकनिक , किशनगढ़ क्षेत्र में ही गई थी , इन्ही के भारत माता कॉलेज में , अतिथि सत्कार का इन्हे अवसर मिला , यक़ीनन , वकीलों की अधिकतम संख्या होने के बावजूद भी , परंरागत तरीके से हर आगंतुक वकील साथी का सम्मान , उनका स्वागत , उनका सत्कार , और फिर अपने भवन ,, परिसर की मेज़बानी ने , वकीलों की पिकनिक, सेर सपाटे को , खुशनुमा बना दिया , वहां की पिकनिक दावत को और ज़्यादा लज़ीज़ बना दिया ,, मजीद कमांडो , यूँ तो देसवाली समाज के कल्याणकारी कार्यों से भी जुड़े रहे हैं , यह सबसे कम उम्र में भर्ती होने वाले , पुलिस कर्मी है , मजीद कमांडों में अदम्य साहस , कर्तव्य परायणता के चलते , इन्हे मसूरी में कमांडो का विशेष प्रशिक्षण दिया गया ,और इसके बाद , मजीद खान , मजीद कमांडों के नाम से पहचाने जाने लगे , ,तीन विषय हिस्ट्री , पोलिटिकल साइंस , पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन , में एम ए करने के बाद , मजीद कमांडों ने , एल एल बी , फिर डी एल एल , बी ऐड , बी पी ऐड , फिर डॉक्टरेट की उपाधि लेने के लिए , पी एच डी की , , इस तरह से ,, मजीद खान पहले , मजीद कमांडो बने , फिर गुरूजी बने , फिर एडवोकेट बने , फिर डॉक्टरेट की उपाधि के बाद , डॉक्टर मजीद मलिक कमांडो के नाम से मशहूर हो गए , झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र , बारां ज़िले में आने वाले किशनगंज क्षेत्र में , और अन्य क्षेत्रों में इनके शैक्षणिक संस्थान हैं , मजीद मलिक कमांडो , पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के निकटतम हैं , सांसद दुष्यंत सिंह के नज़दीकी है , , मजीद मलिक कमांडो , अपने क्षेत्र में , खेल गतिविधियों के संचालक भी हैं , यह कबड्डी के बहतरीन खिलाड़ी है , पुलिस में कबड्डी टीम के प्रदेश कप्तान भी रहे हैं , जबकि , आदिवासी क्षेत्र के आसपास के लोगों में यह , भारत माता के ज़रिये ,, राष्ट्रीयता , क़ौमी एकता , का पाठ भी पढ़ाते है , साथ ही खेल प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए , , अंतरजिला स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिताएं कराकर , इस क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं , शैक्षणिक प्रतिभाओं को , सम्मानित कर, उनका उत्साह वर्धन भी करते हैं , इतना ही नहीं , अवसर पढ़ने पर, इनके क्षेत्र के बच्चे हो , अन्य बच्चे हों अगर वोह आगे पढ़ना चाहते हैं , कोटा या अन्य क्षेत्र में उनका एडमिशन होता है , कोई दिक़्क़त होती है , आर्थिक तंगी होती है , तो यह बंद मुट्ठी से , उनके मददगार बनते हैं , भाई मजीद कमांडो कहते है , ज़िंदगी अनमोल है , लेकिन ज़िंदगी में अल्लाह ने खिदमत ऐ ख़ल्क़ को , रोते हुए लोगों के आँसुओं को पोंछने , उन्हें हंसाने को , सबसे बढ़ी इबादत कहा है , ऐसे में , धर्म , जाति , समाज के दायरे से ऊपर उठ कर , हर पीड़ित , शोषित , पिछड़े लोगों की मदद करना , कोई अहसान नहीं , यह उनका फ़र्ज़ है , वोह अपनी उपलब्धियों को , अपने सेवा कार्यों , मदद के जज़्बे के तहत , की गई , असंख्य मदद के क़िस्सों को उजागर भी नहीं करते है , ,, अनावश्यक पब्लिसिटी से भी वोह दूर रहते है , हंस मुख ,, मृदुल स्वभावी , हर दिल अज़ीज़ , यारों के यार ,, आगंतुकों के स्वागत सत्कार में अव्वल , भाई मजीद कमांडों को , उनकी सालगिरह पर बधाई , मुबारकबाद , ,,ख़ुशनूदगी , कामयाबी , खुशहाली , सहयताबी , उम्रदराज़ी की बेशुमार दुआएं , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 अगस्त 2023
मजीद मलिक , फिर मजीद कमांडो , फिर शिक्षाविद , वकील , डॉक्टर मजीद कमांडो को उनकी सालगिरह पर बधाई ,, मुबारकबाद ,
शाइन इंडिया की सहयोग से संपन्न हुए दो नैत्रदान
और उन दोनों के सामने क़समें खायीं कि मैं यक़ीनन तुम्हारा ख़ैर ख़्वाह हूँ
और उन दोनों के सामने क़समें खायीं कि मैं यक़ीनन तुम्हारा ख़ैर ख़्वाह हूँ (21)
ग़रज़ धोखे से उन दोनों को उस (के खाने) की तरफ ले गया ग़रज़ जो ही उन
दोनों ने इस दरख़्त (के फल) को चखा कि (बेहष्ती लिबास गिर गया और समझ पैदा
हुयी) उन पर उनकी शर्मगाहें ज़ाहिर हो गयीं और बेहष्त के पत्ते (तोड़ जोड़
कर) अपने ऊपर ढापने लगे तब उनको परवरदिगार ने उनको आवाज़ दी कि क्यों मैंने
तुम दोनों को इस दरख़्त के पास (जाने) से मना नहीं किया था और (क्या) ये न
जता दिया था कि शैतान तुम्हारा यक़ीनन खुला हुआ धुश्मन है (22)
ये दोनों अर्ज़ करने लगे ऐ हमारे पालने वाले हमने अपना आप नुकसान किया और
अगर तू हमें माफ न फरमाएगा और हम पर रहम न करेगा तो हम बिल्कुल घाटे में
ही रहेगें (23)
हुक्म हुआ तुम (मियां बीबी षैतान) सब के सब बेहषत से नीचे उतरो तुममें से
एक का एक दुष्मन है और (एक ख़ास) वक़्त तक तुम्हारा ज़मीन में ठहराव
(ठिकाना) और जि़न्दगी का सामना है (24)
ख़ुदा ने (ये भी) फरमाया कि तुम ज़मीन ही में जिन्दगी बसर करोगे और इसी में मरोगे (25)
और उसी में से (और) उसी में से फिर दोबारा तुम जि़न्दा करके निकाले जाओगे
ऐ आदम की औलाद हमने तुम्हारे लिए पोशाक नाजि़ल की जो तुम्हारे शर्मगाहों
को छिपाती है और ज़ीनत के लिए कपड़े और इसके अलावा परहेज़गारी का लिबास है
और ये सब (लिबासों) से बेहतर है ये (लिबास) भी ख़़ुदा (की कुदरत) की
निशानियों से है (26)
ताकि लोग नसीहत व इबरत हासिल करें ऐ औलादे आदम (होशियार रहो) कहीं
तुम्हें षैतान बहका न दे जिस तरह उसने तुम्हारे बाप माँ आदम व हव्वा को
बेहशत से निकलवा छोड़ा उसी ने उन दोनों से (बेहश्ती) पोशाक उतरवाई ताकि उन
दोनों को उनकी शर्मगाहें दिखा दे वह और उसका क़ुनबा ज़रूर तुम्हें इस तरह
देखता रहता है कि तुम उन्हे नहीं देखने पाते हमने शैतानों को उन्हीं लोगों
का रफीक़ क़रार दिया है (27)
जो ईमान नही रखते और वह लोग जब कोई बुरा काम करते हैं कि हमने उस तरीके
पर अपने बाप दादाओं को पाया और ख़ुदा ने (भी) यही हुक्म दिया है (ऐ रसूल)
तुम साफ कह दो कि ख़ुदा ने (भी) यही हुक्म दिया है (ऐ रसूल) तुम (साफ) कह
दो कि ख़ुदा हरगिज़ बुरे काम का हुक्म नहीं देता क्या तुम लोग ख़ुदा पर
(इफ्तिरा करके) वह बातें कहते हो जो तुम नहीं जानते (28)
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मेरे परवरदिगार ने तो इन्साफ का हुक्म दिया है और
(ये भी क़रार दिया है कि) हर नमाज़ के वक्त अपने अपने मुँह (कि़बले की
तरफ़) सीधे कर लिया करो और इसके लिए निरी खरी इबादत करके उससे दुआ मांगो
जिस तरह उसने तुम्हें शुरू शुरू पैदा किया था (29)
उसी तरह फिर (दोबारा) जि़न्दा किये जाओगे उसी ने एक फरीक़ की हिदायत की
और एक गिरोह (के सर) पर गुमराही सवार हो गई उन लोगों ने ख़ुदा को छोड़कर
षैतानों को अपना सरपरस्त बना लिया और बावजूद उसके गुमराह करते हैं कि वह
राह रास्ते पर है (30)