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27 दिसंबर 2023

कांग्रेस को दीमक बनकर चाटने वालों को तलाश कर बाहर का रास्ता नहीं दिखाया , खुद कांग्रेस नहीं बदली , तो भाजपा के कांग्रेस में बैठे एजेंट,, नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा करने के प्रयासों में जुटे हैं , महात्मा गांधी की कोंग्रेस गोडसे की राह पर ,

 

कांग्रेस को दीमक बनकर चाटने वालों को तलाश कर बाहर का रास्ता नहीं दिखाया , खुद कांग्रेस नहीं बदली , तो भाजपा के कांग्रेस में बैठे एजेंट,, नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा करने के प्रयासों में जुटे हैं ,
महात्मा गांधी की कोंग्रेस गोडसे की राह पर ,
कोटा 26 दिसम्बर कांग्रेस में कौन हैं ऐसे लोग जो दीमक बनकर , कांग्रेस को खोखला कर रहे हैं , कांग्रेस में जो कांग्रेस के वोटर्स है , उन वोटर्स से , उनका प्रतिनिधित्व , उनके हक़ , हुक़ूक़ मारकर , कौन हैं ऐसे लोग जो नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को साकार करने में लगे है , कमोबेश , अभी कांग्रेस राष्ट्रिय पदाधिकारियों को पुनर्गठन सूचि में , कांग्रेस के सो में से सो फीसदी वोटर ,, जिताने और ज़मानत बचाने वाले वोटर्स प्रतिनिधित्व की उपेक्षा कर कोंग्रेस को बर्बाद करने की साज़िशें रच रहे हैं , ,
कांग्रेस अब कांग्रेस हरगिज़ नहीं रही ,,खुद को खुद बरबाद कर रही है ,, संघ के हाथों में तो नहीं है , लेकिन संघ से भी ज़्यादा बुरे ज़हरीले , गोडसे समर्थक , लोगों के हाथों में खेल रही है , यही वजह है के आज कांग्रेस हर जगह जीती हुई बाज़ी हार रही है , आपसी सर फुटव्वल , साम्प्रदायिकता , नफरतबाज़ी ,, ऊल जलूल , मूर्खतापूर्ण बयानबाज़ी के बीच , कांग्रेस दिन बा दिन निरंतर गिरती जा रही है , अफ़सोस इस बात पर है ,, कांग्रेस इन सब के बावजूद भी , ,सुधर नहीं रही है , सिर्फ बर्बादी , आत्मघाती क़दम ,, कांग्रेस की राह बन गई है , ,हाल ही में , कांग्रेस ने , अखिलभारतीय कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन किया है , देश भर के अलग अलग राज्यों के प्रभारी , महासचिव , ट्रेजरार बनाये है , यक़ीनन इस पुनर्गठन में , अदंरखाने में संघ से भी बुरा कोई शख्स जो , मुस्लिम विरोधी है , उसका पूरा हाथ रहा है , कुल 27 पदाधिकारियों की नियुक्ति , और जम्मू कश्मीर के फूंके हुए कारतूस के अलावा , सो में से सो वोट देने वाले , मुस्लिम समाज का प्रतिनिधित्व नहीं , छत्तीस क़ौमों की पार्टी कही जाने वाली इस कांग्रेस में , अगर इस पुनर्गठन में 27 में से एक की नियुक्ति का प्रतिशत निकाले , तो सिर्फ और सिर्फ तीन प्रतिशत के लगभग रहता है , एक वर्ग जो ,19 प्रतिशत है , जिस वर्ग के मुर्ख मतदाता हाँ मुर्ख इसलिए कहूंगा के वोह सब कुछ उपेक्षा का खुला खेल , जानकर भी सो में से सो वोट कांग्रेस को डालकर , ,कई विधानसभा सीटों पर , लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याक्षियों को जिता रहे हैं , ज़मानतेँ ज़ब्त होने से बचा रहे हैं , लेकिन जीतने के बाद ,, या फिर सरकार में आने के बाद इस वोटर वर्ग की जो स्थिति होती है , जो उपेक्षा होती है , वोह कांग्रेस को लगातार गर्क की तरफ ले जा रही हैं , एक गैर हिन्दू कोंग्रेसी ने , संघ के इशारे पर , भाजपा को मज़बूती देने और कांग्रेस से मूर्खता करवाकर , कांग्रेस के वोटर्स को नज़र अंदाज़ करने के फार्मूले पर काम किया , ,इस गैर हिन्दू कोंग्रेसी ने अपनी रिपोर्ट में डेढ़ दशक पहले , कांग्रेस का मुस्लिम पार्टी होना , कांग्रेस में मुस्लिमों की उपस्थिति होना बताया और , इनसे दूर रहकर भविष्य की चुनाव रणनीतियों पर काम करने के सुझाव दिए , सुझाव की पालना हुई , कांग्रेस के मंच से सभा स्थलों से , प्रचार स्थानों से , दाढ़ी , टोपी वालों सहित , नामवर मुस्लिम समाज के लोगों को अलग थलग रखने के निर्देश हुए , चुनाव में मंदिरों में पूजा शुरू करके , जनेऊ पहन कर खुद को , हिन्दू होने पर भी , हिन्दू साबित करने का प्रयास शुरू किये गये ,, हिन्दू समाज के लोग इस चुनावी गणित को खूब समझते रहे और , कांग्रेस की इस निति पर कांग्रेस से जुड़ने के स्थान पर अलग होते रहे , ,कांग्रेस के नेताओं के धर्म उनकी आस्थाओं का मज़ाक़ बनाकर चुनाव इश्यू बनाकर प्रचार करते रहे , ,जहां कांग्रेस की सरकारें रहीं , वहां कांग्रेस मुस्लिम वोटर्स से दूर होती गई , उनकी समस्याएं , उनके मसाइल , उनको , संगठन और सत्ता में प्रतिनिधित्व में कटौती दर कटौती करती रही , बढ़े वर्ग को , अपने साथ जोड़ने के लिए ,, सरकारी खर्च पर मंदिरों में खूब काम करवाए , डंके की चोट पर मस्जिदों के काम में रोड़े अटकाए , हज सब्सिडी खत्म हुई , बेहतरीन काम हुआ ,, लेकिन धार्मिक यात्रायें सरकारी खर्च पर शुरू हुईं , खूब धार्मिक यात्रायें हुईं , धर्म स्थलों पर सरकारी काम हुए , धार्मिक कार्यक्रम हुए , हंस चला कव्वे की चाल और खुद कव्वा तो बन गया , लेकिन अपना मूल स्वरूप अपना खज़ाना लूटाया जाता रहा , वोटर्स कम होते रहे , और जो सो में से सो फीसदी मुस्लिम वोटर्स कांग्रेस के वोटर्स रहे उनके साथ पक्षपात होता रहा , नेताओं के धक्के , कोनियें उन्हें घायल और अपमानित करती रहीं , नतीजा जिन गैर हिन्दू कांग्रेस नेता ने यह फार्मूला दिया था , उनके पुत्र तो , डंके की चोट पर , कांग्रेस को इस फार्मूले से तबाह , बर्बाद ,, हीरो से ज़ीरो की तरफ होता देख , ,कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले गए , ओर कई लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए , अभी लोकसभा के चुनाव के वक़्त ,, कांग्रेस के कई गांधीवादी लोग , कई धर्म निरपेक्ष का लबादा ओढे लोग भाजपा में जाने को आतुर हैं , ,कांग्रेस संघ से जुड़े निति निर्धारक लोगों के हाथों में खेलने लगी है , ,पिछले बीस सालों में , जहाँ कांग्रेस अलग अलग राज्यों में सत्ता में रही , इन मूर्खताओं की वजह से , ,सत्ता से दूर होती रही , राज्यों में सरकारें खत्म होती रहें , ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस के प्रत्याक्षियों की जमानतें ज़ब्त होती रहीं , लोकसभा में हालात यह हुए के दो टर्म से लोकसभा में , प्रतिपक्ष के नेता के निर्वाचन नियम के हिसाब से भी संख्याबल नहीं ला पाई ,, , इन बीस सालों में , दो सो से भी अधिक सुझाव पत्र , जनता से जुड़कर काम करने के सुझाव , कार्यकर्ताओं को घरों के बाहर खड़े रखकर धक्के दिलवाने के स्थान पर सम्मान देने के सुझाव , ,दिल्ली में बैठे नेताओं की मूर्खता को रोकने के सुझाव ,, सिर्फ आमसभाओं में कार्यर्कताओं को एकत्रित करना , फेंका फांकी करना , ऐसे मुर्ख बयान देना जिससे विपक्ष को मुद्दा हाथ लगे , जब चुनाव चल रहे हों , राज्यों में चुनाव हो रहे हों , और चुनाव की तैयारियों को छोड़कर , यात्राओं में कार्यकर्ताओं को उलझाने की साज़िशें की गई हों ,, कांग्रेस का सो में से सो फीसदी वोटर्स के अल्पसंख्यक विभाग के किसी भी राष्ट्रिय या राज्य अध्यक्ष ने कभी कोई रिपोर्ट नहीं दी , इन्होने रिपोर्ट ली भी ,नहीं बस , यह भाजपा से डरे हुए हैं , जाएंगे कहाँ सोचते रहे , और इधर भाजपा दीमक की तरह से , कांग्रेस के वोटों को कुतरती रही , इस चुनाव में , राजस्थान की हर भाग संख्या बूथ पर अगर आप परिणाम देखेंगे तो विकट नफरत के माहौल के बाद भी , मुस्लिम भाग संख्याओं में जहां भाजपा के पक्ष में ज़ीरो वोटिंग का हिसाब आता था , अब हर भाग संख्या में , दस , पंद्रह से लेकर सो से भी अधिक वोट तक पढ़े है , यह शुरुआत है , अगर भाजपा ने ,, वोटिंग पॉलिटिक्स में ज़रा भी नफरत के मुखालिफ खड़े होकर सद्भाव का खेल शुरू कर दिया , तो नरसिंम्हा राव ने एक साज़िश के तहत ,, मुस्लिम वोटर्स को भाजपा में जाने से रोकने के लिए , मस्जिद तोड़ने की जो सहूलियत दी थी , और मुस्लिम वोटर्स को भाजपा में जाने से रोक दिया था , वोह स्थिति उलट हो जाएगी , आप सोचिये , कांग्रेस ने अपना धर्म निरपेक्ष मुखौटा तार तार कर दिया , मध्य्प्रदेश में डंके की चोट पर कहा के राम मंदिर का ताला , राजीव गांधी ने खुलवाया था , राजस्थान में , मंदिरों में विकास कार्य हुए , धार्मिक यात्रायें हुईं , मुस्लिम इदारों को मटियामेट किया गया , उनके मसाइलों को रोंदा गया ,, मुस्लिमों को , सत्ता और संगठन से प्रतिशत के आधार पर दूर रखा ,गया टिकिट नहीं दिए गए , प्रसाद पर्यन्त पदों पर नियुक्ति नहीं की गई , जय सियाराम का नारा दिया गया , लेकिन क्या इस मूर्खता से कांग्रेस को वोट मिले ,, मध्य्प्रदेश , छत्तीसगढ़ में औंधे मुंह गिरे , राजस्थान में अगर अशोक गहलोत की योजनाओं से मतदाता कांग्रेस की तरफ खींचे ना होते तो , राजस्थान में कांग्रेस की दस सीटें भी नहीं आतीं क्योंकि , हाईकमान ने समाज के लोगों को पार्टी से इस खौफ से निष्कासित नहीं किया के उनके समाज के वोट कांग्रेस को नहीं मिलेगें , तो भी तो उनके समाज ने कांग्रेस को वोट नहीं दिए , मंदिरों में खर्च किया , धार्मिक नारे लगाए , लेकिन वोट कहाँ गए , तो अपनी चाल बदलने से वोट नहीं आते ,, वोट तो ईमानदारी से जनता के लिए , काम करने से आते हैं ,, कोई तो है कांग्रेस में जो दीमक बनकर ,, कांग्रेस को , चाट रहा है , कांग्रेस को खोखला कर रहा है , कांग्रेस को वोटर विहीन करने पर तुला हुआ , है , अभी जो , कांग्रेस की , पुनर्गठन सूचि है , उसको ही देखलो , कोई है , जो छत्तीस क़ौमों के स्थान पर कांग्रेस को ,, कांग्रेस के सो में से सो वोटर्स विहीन करना चाहता है , इस पर कई सालों से काम चल रहा है , लेकिन ज़रा सोचो ,, अगर सो में से सो फीसदी वोट देने वाला वोटर साक्षर हो गया ,, नहीं है कोई अल्लाह के सिवा और मोहम्मद उसके रसूल है , पर क़ायम होकर, किसी से भी डरने से इनका करते हुए , जहां उसकी इच्छा हो , उधर वोट डालने का ऐलान अगर उसने कर दिया , तो बिहार , उत्तर प्रदेश , केरल , उड़ीसा , पचिमी बंगाल सहित दूसरे राज्यों की तरह , कांग्रेस को हम और आप ढूंढते रह जायेंगे ,, अभी राजस्थान , मध्य्प्रदेश , महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ सहित कुछ राजय है , वहां से कांग्रेस मुस्लिम विहीन हुई , तो फिर कांग्रेस के पास बचेगा क्या , अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है , कांग्रेस फिर से पुरानी वाली कांग्रेस बने , हिन्दू ,, मुस्लिम , मंदिर मस्जिद वाली कांग्रेस नहीं , ,देश की छत्तीस क़ौमों की कांग्रेस बने , वोटर्स से धोखेबाज़ी छोड़े , यह जो लक्ज़री स्टाइल वाले , नेता लोग है , जिन्हे काम से ज़्यादा घूमने फिरने का शोक है ,उन्हें कांग्रेस कार्यालयों में नियमित कम से कम , बीस दिन तो बैठकर, कार्यर्कताओं से , मिलने उनके सुझाव सुनने , समस्याएं सुनने के लिए पाबंद करे , यह जो प्रभारी बनकर , लूटने आते है , कार्यर्कताओं के लाखों , करोड़ों ख़र्च करवाते है , गिफ्टें लेते हैं ,मुर्ख बनाकर चले जाते है ऐसे लोगों को बर्खास्त करो , यह जो कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर , कॉर्पोरेट सेक्टर की तरह , सर्वे टीम , ,टिकिट देने के पूर्व सर्वे , पर्चियां बांटने की ठेकेदारी , , पर कार्यर्कताओं का हक़ मारकर , अरबों अरब रूपये जो खर्च किये जा रहे हैं , ,हवाई सफर , ठहरने की पांच सितारा व्यवस्था पर अनावश्यक खर्च किये जा रहे हैं , यात्राओं के नाम पर ,जैनियों से अंडे , मांस मंछली की दावतें ली जा रही हैं , जैकेट से लेकर , हर तरह के लाखों रूपये की गिफ्टें ली जा रही हैं ,, उनसे बचो , कार्यर्कताओं से दूरी बनाने की जगह रूबरू मुलाक़ात करो , कार्यर्कताओं की निजी परेशानी ,, उनके दुःख दर्द , पारिवारिक मोत मरण में आना जाना शुरू करो , लाट्साहब की तरह , चारों तरफ सुरक्षा घेरे में रहकर , बस भाषण दिए , फेंका फांकी की चल दिए , इस मूर्खता को छोडो , ,हर ज़िले के कांग्रेस कार्यालय में जाकर बैठकें लोग , कांग्रेस कार्यालय आबाद करो , यह जो विधायक , यह जो सांसद ,, मंत्रियों की जेब में संगठन है , उसे बाहर निकालो , ज़मीनी कार्यर्कताओं को ज़िम्मेदारी भी दो , सम्मान भी दो , अलग अलग उनसे खुद जाकर मिलो , एक संभाग में हज़ार से ज़्यादा मुख्य कार्यकर्ता नहीं होते हैं , जाओ , उनसे मिलो , उनके साथ चर्चा करो , एक रिपोर्ट लिखित में बनाओ , चिंतन करो , मंथन करो , खुद को बदलो , मूर्खताएं , मूर्खता भरे बयान छोडो , आस्तीन चढाने की जगह , नेताओं की तरह लिबास पहनों , नहीं तो बेवजह दखलंदाज़ी छोड़ो , देश को तुम नेता हो , साबित करने के लिए फिर से , रायबरेली , अमेठी में जाकर काम करो वहां से चुनाव लड़ो ,, फिर जीत कर आओ , खुद को सक्षम बनाओ , हिम्मत दिखाओ , नरेंद्र मोदी जहां से चुनाव लड़ें वहां से ,, खुद हिम्मत करके चुनाव लड़ो ,, राजनीती में हर जीत चलती है , योद्धा की पूंछ होती है , भगोड़े बनकर , कहीं और जाकर सत्ता सुख प्राप्त करने वालों को जनता कभी नेता नहीं मानती है , खुद को छत्तीस क़ौमों का नेता साबित करने के लिए विश्वास की स्थिति बनाओ ,,,,,,, लेकिन में बीस सालों से , ,भैंस के आगे बीन बजा रहा हूँ , अभी तक तो कुछ हुआ नहीं , लेकिन में कोंग्रेसी हों , कटटर कोंग्रेसी हूँ , ओरिजनल कोंग्रेसी हूँ ,व्यक्ति का गुलाम नहीं , कांग्रेस की नीतियों , संविधान का गुलाम हूँ ,इसलिए में तुम्हारी इन कमियों को , इन मृखताओं को उजागर करके , बदलने की कोशिश करता रहूंगा , कांग्रेस को मज़बूत करने के फार्मूले देता रहूंगा, यह सार्वजनिक इसलिए करना पढ़ रहा है , क्यूंकि कार्यर्कताओं से तुम मिलते नहीं , उनकी सुनते नहीं , उन्हें वक़्त देते नहीं , ,उनके भेजे हुए पत्र पढ़ते नहीं , ई मेल मेसेज खोलते नहीं , ,कार्यर्कताओं तक सिर्फ तुम जो कहो वही पहुंचाते हो , कार्यकर्ता क्या चाहता है , वोह तुम सुनते नहीं ,, देखते नहीं ,,, कोशिश भी नहीं करते , किराये के कॉर्पोरेट सेक्टर के लोगों को , प्रचार , प्रसार , सर्वे वगेरा के काम देकर , कांग्रेस के खज़ाने को खाली करते हो , बदलो , सुधरो , कोंग्रेसी हो तो कांग्रेस को बचा लो , नहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा और दूसरी पार्टियों में चले जाओ ,,हम फिर से कांग्रेस का शासन देश में राष्ट्रहित में चाहते है , क्या बदल सकोगे खुद को , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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