जहन्नम इसलिए होगा ठिकाना वक़फ खोरो का
जमींने रब की बंती है निशाना वक़फ खोरो का
भरा करते है अपने पेट मे वो आग दोज़ख की
बा ज़ाहिर रोटिया होती है खाना वक़फ खोरो का
क़सम अल्लाह की अल्लाह को अच्छा नही लगता
नमाज़ों के लिए मस्जिद मे आना वक़फ खोरो का
सफर वो कर ही लेते है सुहाना ज़िंदागानी का
सफर बर्ज़ख का ना होगा सुहाना वक़फ खोरो का
उन्हें बिच्छु की सूरत मे कभी अजगर की सूरत मे
डसेगा क़ब्र के अंदर खज़ाना वक़फ खोरो का
मुस्लल्ले पर भी आकर उनको क़ुरबे रब नही मिलता
भला किस काम कका सजदे मे जाना वक़्फ़ खोरो का
कभी भी शोक़ इन चोरो के तुम नज़दीक मत जाना
बोहत नुकसान देगा दोस्ताना वक़फखोरो का
शोक़ आबिदी सहारनपुरी
With thanks to Maulana Safdar
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