अंगों का दान, मनुष्य को साधारण से असाधारण बनाता है - ओम बिरला
2. समय आने पर अंगों का दान करना ही मानवता की पहचान है - ओम बिरला
स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण मंत्रालय,नई दिल्ली,द्धारा 3 अगस्त को भारतीय अंगदान
दिवस घोषित किया गया है, उसी क्रम में पूरे भारतवर्ष में अंगदान की
जागरूकता हेतु कार्यक्रम किए गए ।
कोटा
संभाग में भी शाइन इंडिया फाउंडेशन द्धारा पूरे हाड़ौती संभाग में अंगदान
की जागरूकता हेतु प्रत्येक जिला स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों,चिकित्सकों
एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से अंगदान जागरूकता अभियान मनाया गया ।
इसी
क्रम में कल लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला जी ने अपने कोटा स्थित कार्यालय
पर शाइन इंडिया फाउंडेशन द्धारा बनाए गए अंगदान जागरूकता पोस्टर का अवलोकन
किया ।
श्री ओम बिरला जी
ने अपने वक्तव्य में कहा कि,एक मनुष्य ही है,जो अपने शरीर का अंग,दान करके
किसी ऐसे व्यक्ति को जीवन दे सकता है, जो कि अंगों के खराब होने के कारण
मौत के करीब आ चुके हैं । अंगदान करके दूसरों को जीवन देने वाला ईश्वर
तुल्य ही है,क्योंकि ईश्वर के अलावा एक अंगदाता,अपने अंगों के दान से
ही,मृत व्यक्ति को पुनः जीवन दे सकता है ।
अंगदान
जागरूकता पोस्टर के अवलोकन के दौरान संस्था की ओर से संस्था संस्थापक डॉ
कुलवंत गौड़,समाजसेवी राकेश जैन और ज्योति मित्र टिंकू ओझा उपस्थित थे ।
ज्ञात हो की,संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन द्धारा 3 अगस्त से 17 अगस्त तक
हाड़ौती में अंगदान जागरूकता पखवाड़ा कार्यक्रम भी मनाया गया , इस दौरान 8
पुण्य आत्माओं के नेत्रदान भी संभाग से प्राप्त किए गये।
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