एक मुस्कुराहट, पीड़ित लोगों की सुनवाई , ओर उमके इंसाफ के लिये क़ानूनी कार्यवाही, कमोबेश यही फ़र्ज़ सहायक पुलिस निरीक्षक रेहाना अब्बासी की है, शराफत ऐसी के अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गलतियों से बचाने के लियें खुद की कुर्बानी तक का कर्तव्य निष्ठ जज़्बा है, ऐसी पुलिस जो इन दिनों अपवाद है , उस रेहाना अब्बासी को उनकी सालगिराह पर ढेरों खुशियों की दुआओं के साथ मुबारक़बाद ,
बधाई
,
सिविल डिफेंस की पारंगत रेहाना अब्बासी , एक सिपाही के पद से पुलिस में
भर्ती हुईं, मुश्किल से मुश्किल ड्यूटी ईमानदारी से , फिर हेड, फिर सहायक
पुलिस निरीक्षक , महिला पुलिस थाने में अनुसन्धान का , कोर्ट मुंशी का
रिकॉर्ड तोड़ कामयाब अनुभव , टूटते हुए , बिखरते हुए रिश्तों को बचाकर ,
सैकड़ों परिवारों को एक किया, उनकी दुआएं आज भी इन रेहाना को रोज़मर्रा मिलती
हैं, कर्तव्य निष्ठा के वालिद के संस्कार, पत्रकार भाई की परवरिश, भटकने
का नाम ही नहीं, नोकरी में चलते , बी ए, एम ए , फिर एम ए , फिर एल एल बी,
एक तरफ पढाई , दूसरी तरफ क्रिमनल इन्वेस्टिगेशन मनोविज्ञान का अनुभव ,
अदालत मुंशी के चलते , क़ानून की हर बारीकी का ज्ञान , बस बन गईं रेहाना से
हरफन मोला रेहाना , अपने अधिकारियों के प्रति कर्तव्यनिष्ठ , उनकी भूल चुक
पर भी उन्हें बचाने के लिये , उनके प्रति खुद नुक़सान उठाकर वफादारी का
जज़्बा , ऐसी बहन रेहाना अब्बासी को उनकी सोलहवीं सालगिराह पर बधाई
, मुबारक़बाद, अख़्तर खान अकेला
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)