समाजसेवी,नेत्रदानी परिवार के बेटे बहू का देहदान संकल्प
किसी
ने सही कहा है की सामाजिक कार्यों की शुरुआत सबसे पहले घर से ही होती
है,धाबाइयों के चौक,बूँदी निवासी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी हर्ष लाठी और उनकी
पत्नी मनीषा लाठी ने विवाह की दंसवी वर्षगांठ पर देहदान का संकल्प लिया ।
हर्ष
जी ने बताया कि प्रारंभ से ही उन्होंने अपने पिताजी को सामाजिक कार्यों
में अग्रणी देखा अंत में परिवार के सहयोग से उनका नेत्रदान का कार्य भी
संपन्न हुआ । हर्ष के पिताजी स्व० श्री गणेश दत्त लाठी "दत्ता जी" का वर्ष
2010 में बूंदी जिले का तीसरा नेत्र दान संपन्न हुआ था, उसके बाद से बूंदी
जिले में नेत्रदान का कार्य बढ़ने लगा ।
देहदान
के प्रति अपने विचार प्रकट करते हुए हर्ष जी ने कहा कि, मानव जाति को
श्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मृत देह पर भावी चिकित्सकों
का अध्ययन करना बहुत जरूरी है । देह की अनुपलब्धता के कारण ही हम दोनों पति
पत्नी ने देहदान का संकल्प लिया है । हर्ष और मनीषा *हार्टफुलनेस
मेडिटेशन* संस्थान से भी जुड़े हुए हैं, जहाँ देह को नश्वर मानकर,देहदान के
महत्व को बताया गया हैं।
मनीषा
जी ने भी ध्यान के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की, पिताजी के
नेत्रदान के बाद ही हमें अंगदान और देहदान के बारे में जागरूकता आयी है,
देहदान के महत्व को जानने-समझने के बाद,परिवार के सभी सदस्यों की सहमति के
बाद मैंने देहदान संकल्प पत्र भरने का निर्णय लिया।
हर्ष
और मनीषा ने देहदान संकल्प के लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति-मित्र
संजय लाठी को संपर्क किया,पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत इदरीस
बोहरा और संजय लाठी ने,दंपत्ति को देहदान प्रशस्ति पत्र भेंट किया ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)