ऐ ता हा (रसूलअल्लाह) (1)
हमने तुम पर कु़रान इसलिए नाजि़ल नहीं किया कि तुम (इस क़दर) मशक़्क़ (2)
त उठाओ (2)
मगर जो शख़्स खु़दा से डरता है उसके लिए नसीहत (क़रार दिया है) (3)
(ये) उस शैह की तरफ़ से नाजि़ल हुआ है जिसने ज़मीन और ऊँचे-ऊँचे आसमानों को पैदा किया (4)
वही रहमान है जो अर्श पर (हुक्मरानी के लिए) आमादा व मुस्तईद है (5)
जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है और जो कुछ दोनों के बीच में
है और जो कुछ ज़मीन के नीचे है (ग़रज़ सब कुछ) उसी का है (6)
और अगर तू पुकार कर बात करे (तो भी आहिस्ता करे तो भी) वह यक़ीनन भेद और उससे ज़्यादा पोशीदा चीज़ को जानता है (7)
अल्लाह (वह माबूद है कि) उसके सिवा कोइ माबूद नहीं है (अच्छे-अच्छे) उसी के नाम हैं (8)
और (ऐ रसूल) क्या तुम तक मूसा की ख़बर पहुँची है कि जब उन्होंने दूर से आग देखी (9)
तो अपने घर के लोगों से कहने लगे कि तुम लोग (ज़रा यहीं) ठहरो मैंने आग
देखी है क्या अजब है कि मैं वहाँ (जाकर) उसमें से एक अँगारा तुम्हारे पास
ले आऊँ या आग के पास किसी राह का पता पा जाऊँ (10)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 मई 2022
मगर जो शख़्स खु़दा से डरता है उसके लिए नसीहत (क़रार दिया है)
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