पूर्वमंत्री रामकिशन वर्मा की चतुर्थ पूण्य तिथि पर विशेष, खाड़ी ग्रामोद्योग के उपाध्यक्ष पंकज मेहता कोटा कृषि विद्यालय , या राजकीय महाविद्यालय का नाम उनकी स्मृति में उनके नाम से करने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई फैसला राजस्थान सरकार ने नहीं लिया है,
रामकिशन वर्मा ,जो राम भी थे ,जो किशन भी थे ,,लेकिन वर्मा न हो सके क्योंकि उन्हें इंसान बनकर ,निर्गुट रहकर ,,इंसानियत का पैगाम जो देना था ,जी हाँ रामकिशन वर्मा ,,एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं पूरा राजस्थान रोशन था आज उनकी , पुण्यतिथि पर उनके अपनों ने ,उनके अनुकरणीय साथियों ने उन्हें बेहिसाब याद किया ,,उनकी सियासी भोलापन ,,निष्पक्ष्ता ,,निर्भीकता ,और सादगी मिजाज़ को सभी ने सराहा ,,अनुकरणीय बताया ,सियासत का एक नया अध्याय जिसमे न गुरुर हो न तकब्बुर हो ,न नफरत हो ,,न किसी होने वाले काम से इनका हो ,बस इक़रार हो ,,बस प्यार ही प्यार हो ,, ,,दोस्तों रामकिशन वर्मा जो कभी राजनीति के अखाड़े के सुपरहिट पहलवान थे ,,जिनके कई पट्ठे आज राजनितिक अखाड़ों के सिरमौर है ,,जो अपने दांव पेच और पटेबाज़ी से हर चुनाव जीतकर मुखर होते थे ,,,वही रामकिशन वर्मा आज एक बार फिर लोगों के दिलों में उनकी शख्सियत पर चर्चा के कारण जीवित से हमारे आपके सभी के इर्द गिर्द नज़र आने लगे ,,,,,,कोटा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ,,,कोटा राजकीय महाविद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष ,,राजस्थान सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर केबीनेट मंत्री रहे रामकिशन वर्मा को कोटा के विकास ,,कोटा कांग्रेस की मज़बूती के दौर में अगर याद ना किया जाए तो यह नाइंसाफी की बात होगी ,,,,,,,,सादगी ,,ईमानदारी ,,यारबाज़ी का प्रतीक रहे रामकिशन वर्मा अशोक गेहलोत ,,भेरो सिंह शेखावत के निजी मित्रों में प्रमुख रहे है ,,,,रामकिशन वर्मा शिवचरण माथुर ,,हरिदेव जोशी ,,अशोक गेहलोत मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री रहे है ,,वह राजस्थान आवासन मंडल ,,स्वायत शासन ,,,खाद्य आपूर्ति रसद ,,,,युवा खेल मामलात ,,,,स्टेटिक्स ,,,भाषाई अल्पसंख़्यक वक़्फ़ जैसे ना जाने कितने मंत्रालयों के कामयाब मंत्री रहे रामकिशन वर्मा के कार्यकाल में ही कोटा नगर परिषद नगर निगम बनी ,,,,हाउसिंग बोर्ड की योजनाये शुरू हुई ,,नए कोटा के नाम पर कॉलोनियां विकसित हुई ,,पानी की समस्या के लिए बढ़ी पाइप लाइन ,,गंदे पानी की निकासी के लिए सीवरेज लाइन बनी ,,चंबल गार्डन सहित ना जाने कितने खूबसूरत उद्यान बने ,,,सौंदर्यकरण योजनाये लागू हुई ,,,,रामकिशन वर्मा जो सियासत में यारबाज़ की छवि रखते थे , ,,उन्होेन अपने कई मित्रों को पहले उंगली पकड़कर चलना सिखाया फिर राजनीति के आला मुक़ाम पर स्थापित किया है ,,,रामकिशन वर्मा महमाँनवाज़ी में अव्वल कहे जाते थे ,,उनके जयपुर स्थित निवास पर कोटा को जो भी जाता था उसकी समस्या सुनवाई बाद में,, पहले उसे खाना खिलाया जाता था ,,,,किसी के काम में ना नुकुर नहीं ,,राजनितिक द्वेषता से किसी का नुकसान नहीं ,,,अधिकारियों पर कोई रॉब नहीं ,,,परिवार का मंत्री पद पर कोई असर,, कोई सिफारिश नहीं ,,,गाँधीवादी कांग्रेस ,,रामपुरा के कड़के सेव ,,,,कचोरी ,,,,,ठहाके ,,इनकी दिनचर्या रहती थी ,,,,मंत्री बनते ही इनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पत्रकारों को बुलाकर दोस्ताना सुलूक करते और विभाग के बारे में सवाल पूंछने पर मासूमियत से विनम्र होकर हाथ जोड़ते हुए जवाब देते ,,,,आप आओ ,,,,खाओ पियों ,,अपने सभी काम करवाओ ,,लेकिन मुझ से विभाग के बारे में सवाल मत करो ,,यह अधिकारीयों के काम है ,,मुझे पता नहीं कोनसे स्विच से कोनसा पंखा चलता है ,,वोह हँसते,, कोटा की विकास योजनाये बनाते ,,तलवंडी ,,वक्फनगर ,,, विज्ञाननगर ,,महावीर नगर ,दादाबाड़ी ,,,बसंत विहार ,,केशवपुरा सहित कई ऐसी कॉलोनियां है जो इनके कार्यकाल में शहरीकरण योजना के तहत विकसित हुई है ,राजस्थान में इन्होने खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया ,,निर्भीक ,,नीडर ,,बेबाक होकर अपनी बात कहना ,,अपनों के साथ अपनी बात करना ,,,,यारबाज़ी के सिद्धांत के तहत अपने लोगों को पुरस्कृत करना इनका स्वभाव रहा है ,,,,,यह कोटा लाडपुरा ,,रामगंजमंडी से कई बार विधायक रहे , ,,,,,कोटा देहात कांग्रेस के अध्यक्ष रहे , ,,,,,,,,,प्रदेश की कई समितियों में रहे , ,,,,कोटा ईदगाह को इनके कार्यकाल में ही चंबलगार्डन की ज़मीन के बदले प्रतीकात्मक राशि जमाकर भूमि आवंटित की गई थी ,,इनके वक़्फ़ देवस्थान मंत्री कार्यकाल में कई मंदिरों का उद्धार हुआ तो कई दरगाह ख़ानक़ाह को पर्यटन से जोड़ा गया ,,,यातायात मंत्री के कार्यकाल में कई गाँव बस सेवा से जोड़े गए ,,,शहरी यातायात को सुगम बनाया गया ,,,,,रामकिशन वर्मा कई बार केबिनेट मंत्री रहे ,,महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री रहे,, सभी मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रहे ,,प्रतीपक्ष में रहने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रहे ,,लेकिन कभी घमंड नहीं ,,कभी विवाद नहीं ,,कभी किसी के वाजिब काम से इंकार नहीं ,,कभी किसी से मुलाक़ात मिलने में नखरेबाजी नहीं ,,,अंतिम समय में भी आप रामपुरा की ऐतिहासिक पीपली के पास अपना सात्विक साधू की तरह राजनितिक जीवन जी रहे थे , रामकिशन वर्मा की उदारता विनम्रता ,,आने वाली सियासी पीढ़ी के लिए एक मिसाल बनी है ,,,ऐसी शख्सियत जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरु की नज़र से देखते हैं, सचिन पायलेट,, जिनके वालिद , राजेश पायलट, ,जिनकी वालदा ,, रमा पायलेट रामकिशन वर्मा मुखर साथी रहे है ,,,,जो कभी गुर्जर समाज के एक छत्र नेता रहे हो ,, ऐसी शख्सियत जिसने राह चलते लोगों को बुलाकर आला मुक़ाम दिया हो ,,जिनकी रौशनी से राजस्थान रोशन था ,,आज वोह दिया बुझ गया ,लेकिन उसकी रौशनी की किरण ,उसकी उम्मीदें ,आज भी ज़िंदा है ,,26 अप्रेल 1941 में जन्मे रामकिशन वर्मा ने आपात काल से लेकर ,कांग्रेस ,भाजपा ,,जनता पार्टी के कई सियासी खेल देखे ,कई दांव पेंच खेले ,लेकिन खुद ने खुद को सियासत से बचा कर रखा ,,विलासिता से दूर रखा ,परिवारवाद की राजनीती से खुद कोसों दूर रहे ,पुरे जीवन में ,भ्रस्टाचार ,अनियमितता ,, बेईमानी का एक आरोप भी इन पर नहीं लगा ,यह चिराग आखिर टिमटिमाया और अचानक चार वर्ष पूर्व आज ही के दिन 10 मई 2018 को गुल हो गया,,अगर उनकी सियासी जीवनशैली में सादगी भरे कृत्यों , उदारता , निष्पक्षता ,ईमानदारी ,साफगोई ,सहित सभी हुनर पर एक पुस्तक प्रकाशित की जाए तो वोह आज की नफरत बाज़ी ,गुटबाज़ी ,चालबाज़ी ,,अकड़बाज़ी सियासत में सुधार का एक ज़रिया ,एक रास्ता बन सकती है ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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