जिस देश में महिला का अपहरण करने वाले राक्षस की हत्या करने का इतिहास हो , जिस देश में ,महिला का अपमान करने वाले से महिला के चीर हरण को बचाने , और फिर महाभारत के मैदान में ऐसे लोगों को सबक़ सिखाकर , उनसे सिंहासन छीनने का इतिहास हो, वहां सरे राह , खुलकर , पूर्व नियोजित तय्यारी के साथ लाउडीस्पीकर लगाकर, , विशेष स्थल के बाहर , बेटियों , महिलाओं के साथ बलात्कार करने , उनका अपहरण करने , की धमकियां , उकसाने की कार्यवाही हो, और वहां का शासन , वहां का मुख्यमंत्री , वहां का प्रधानमंत्री , वहां के राष्ट्रपित , वहां के सुप्रीमो जज खामोश हो , तो फिर संस्कृति , महिलाओं के मान सम्मान की तहज़ीब के पतन शुरुआत निश्चित है , ताज्जुब है , देश की महिलाये , देश में आर एस एस संगठन से जुडी महिलाये , विधायक , सांसद , मंत्री बनी बैठी महिलाएं , राष्ट्रिय और राज्य आयोग की महिलाये इस तरह की बेहूदगी, महिलाओं की इज़्ज़त , अस्मत लूटने की धमकियां देने वालों के खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठा पाई है, क्यों ऐसे लोग , पुलिस सुरक्षा के घेरे में , खुलेआम , निरपराधी बनकर , अपने कुछ लोगों के बीच हीरो बनकर घूम रहे है , क्या यही हमारे देश की संस्कृति है ,, क्या अंग्रेज़ों से हमारे देश को महात्मा गांधी ने इसीलिए आज़ाद कराया , , क्या भगत सिंह , चंद्रशेखर आज़ाद ने इसी दिन के लिए , फांसी खाई थी ,, सोचिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश की महिलाओं के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने उन्हें खुले आम उठाकर ले जाने , बलात्कार करने की धमकिया वोह भी योजनाबद्ध तरीके से देने के मामले में , हमारी छवि को कितना आघात पहुंच रहा होगा , ,महिलाओं के मान सम्मान को ठेस पहुंचाना , उनके खिलाफ उकसाना , वोह निर्दोष महिलाये जिनका किसी भी वाद विवाद से कोई संबध नहीं है , उन्हें समूह , धर्म एक आधार पर घसीटकर इस तरह के बयान देना , देश के क़ानून ,देश के संविधान के खिलाफ है, लेकिन , कहते है ना ,, मोदी है , तो मुमकिन है ,, उत्तर प्रदेश के एक धार्मिक स्थल के बाहर , मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नारे के साथ , महिलाओं का यह केसा अपमान है , एक महन्त बजरंग मुनि साहब , का ऐलान कहो , घोषणा कहो , भड़काना कहो , देश ने विडिओ में सूना है , इसके पहले भी कई तरह की हेट स्पीच इस देश में लोगों ने सुनी है ,आगे भी धर्म की आड़ में ऐसे लोग ,. महिलाओं के अपमान , की बात करते है,, रोज़ मर्रा की यह घटनाए , एक दूसरे के धर्म को गाली देना, धार्मिक स्थल के बाहर , नारेबाजी , घुस जाना , यह तो कोई बात नहीं , लेकिन देश में रह रही महिलाओं के साथ बलात्कार करने , उनका अपहरण करने के लिए लोगों को उकसाना जंगलराज से भी बढे जंगलराज के माहौल को पैदा करना है , ,ऐसा यहां हो रहा है, ऐसा यहाँ खुले आम हो सकता है, क्योंकि भारत के संविधान , भारत के क़ानून के खिलाफ ऐसे लोग जब जेल नहीं जाते , जब उन्हें सज़ा नहीं मिलती , जब वोह सज़ा के लिए गिरफ्तार करने की जगह, सरकारी खर्च पर , सुरक्षागार्ड लेकर घूमते है , तो वोह यह सब करने , लिखने ,बोलने के लिए खुद को आज़ाद समझने लगते है, उस पर उनके इस कथन के बाद ,जब राजधर्म के नाम पर मुख्यमंत्री चुप्पी साध लें, देश की महलाओं की अस्मत , इज़्ज़त को सुरक्षा के लिए ज़िम्मेद्दार कहे जाने वाले , प्रधानमंत्री आँखे बंद कर लें , कानों में रुई डाल लें , उनकी जुबां खामोश हो जाए ,, देश का महिला आयोग , उत्तर प्रदेश का महिला आयोग ,, देश के संविधान , क़ानून की मर्यादाओं के संरक्षक , महामहिम कहे जाने वाले राष्ट्रपति महोदय ,,चुप्पी साध लें ,, लोकतंत्र को बचाने की पैरवी करने के लिए , सुप्रीमकोर्ट के चैंबर से बाहर निकलकर , पत्रकार वार्ता कर , आम लोगों से देश के लोकतंत्र को बचाने की गुहार कर , राज्य सभा में जाने वाले , या फिर सो मोटो , कई मामलों में प्रसंज्ञान लेकर, ऐसे शैतानों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश देने वाले , चुप्पी साध लें ,खुद को अपनी ज़िम्मेदारी से अलग कर लें , तो फिर कुछ भी मुमकिन है , संत महिलाओं के सम्मान की रक्षा की बात करने वाले होते है ,,संत महिलाओं की इज़्ज़त , अस्मत को लूटने के लिए उकसाने वाले कभी नहीं होते , कोई धर्म इसकी इजाज़त भी नहीं देता , तो फिर धर्म से जुड़े ओरिजनल गैर सियासी लोग , ऐसे लोगों को सज़ा क्यों नहीं दिलवाते , संत हो , साधू हो ,महंत हो , ,मौलवी हो, मुफ़्ती हो , क़ाज़ी हो ,पादरी हो, कोई भी अगर इस तरह से महिलाओं के खिलाफ उकसाये तो सबसे पहले तो उसकी पदवी छीनकर उनके ही समाज को ऐसे लोगों को अपमानित करना चाहिए , फिर ऐसे लोगों को सबक़ दिलाने वाली सज़ा के लिए जेल भेजना चाहिए , यह सब आतंकवादी के ही बोल है , किसी भी बहन बेटी की इज़्ज़त अस्मत खुलेआम लूट लेने के लिए कोई भी इंसान तो कभी किसी को उकसा ही नहीं सकता ,, लेकिन जब हमारे इस देश में, एक तरफा व्यवस्था है , ऐसे लोगों को सज़ा देने की जगह सुरक्षा मिल रही है , प्रधानमंत्री खुद अपनी ज़िम्मेदारी से दूर ऐसी गंभीर घटना पर खामोश है , मुख्यमंत्री जो महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बात करने वाले को सज़ा दिलवाने की बात करते है , वोह खामोश है,हाईकोर्ट , सुप्रीमकोर्ट , जो सो कोल्ड , ऐसे गंभीर मामलों में संज्ञान लेकर निर्देश देती है ,वोह खामोश है,, जब देश की संसद , राज्यसभा , विधानसभा , लोकसभा अध्यक्ष इस मामले में खामोश है, , जब महिलाओं की इज़्ज़त अस्मत बचाये रखने के लिए , बने हुए महिला आयोग , जो राष्ट्रिय , राज्य स्तर पर बने हुए है , वोह खामोश हों , जब देश के संविधान के रक्षक , आदरणीय राष्ट्रपति महोदय ऐसे मामलों में खामोश हों ,, देश के अलग अलग संगठनों की महिलाएं खामोश हो, तो फिर ,महिला के चीर हरण करने वालों को , महिला का अपहरण करने वालों को मृत्यु दंड देने वाले इतिहास का यह देश , खामोश हो जाये , तो क्या कहिये ,, ऐसे क़ानून तोड़ने वाले , महिलाओं की इज़्ज़त अस्मत लूटने का नारा देकर , आम लोगों को उकसाने वालों के हौसले तो बुलंद होंगे ही , लेकिन देश की महिलाये ,, देश के पुरुष , देश की बेटियां , बहुएं , बहने , बेटे , भाई , पिता ,, बुज़ुर्ग , अपनी आत्मा को , झकझोर कर , ज़रा अपनी आत्मा से ज़रूर पूंछना , क्या कोई भी धर्म , किसी भी महिला के मान , सम्मान , इज़्ज़त , अस्मत से खेलने के लिए उकसाने ,धमकाने की इजाज़त देता है, अगर नहीं तो फिर ऐसे लोग जो भड़काऊ बातें करते है, क्या उनके खिलाफ , सख्त कार्यवाही नहीं होना चाहिए , अरे उत्तरप्रदेश में संबंधित थानाधिकारी चुप है , पुलिस अधीक्षक चुप है ,आई जी चुप है , पुलिस महानिदेशक चुप है , मुख्य सचिव चुप है , मुख्यमंत्री चुप है ,हायकोर्ट चुप है, महिला आयोग चुप है , महिला संगठन चुप है , ओरिजनल धार्मिक गुरु चुप है , देश के प्रधानमंत्री चुप है ,, राष्ट्रिय महिला आयोग चुप है , देश की सुप्रीम कोर्ट चुप है , देश के संविधान के प्रमुख , राष्ट्रपति चुप है ,देश की फौज के कमांडर चुप है ,तो होने दो, , लेकिन यह देश हम सब का है ,, इस देश को बचाने के लिए , हमे तो एक होना पढ़ेगा , हमे तो ऐसे लोगों से देश की महिलाओं की इज़्ज़त अस्मत की सुरक्षा करना होगी, हमे तो , किताबों में , अख़बारों में विज्ञापनों में लिखे नारे ,बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओं के नारे के खिलाफ , बेटियों की इज़्ज़त अस्मत लूटने के लिए उकसाने वाले के खिलाफ आवाज़ उठाना होगी, लेकिन क्या हम अंध भक्त है , क्या हम ऐसे मुद्दों की गंभीरता आपस में आरोप प्रत्यारोप लगाकर , तात्कालिक मुद्दे पर आरोपी को बचाने उसके कहे कथनों को जस्टिफाई करने का प्रयास नहीं करते , ज़रा खुद से पूंछना ,ज़रा खुद की माँ से , खुद की बहन से , खुद की बेटी से , खुद की बहु से पूंछना के महंत के जो बोल है , इसके पहले भी जो लोग ऐसे बोल बोलते है , क्या वोह ठीक है , अगर वोह इसे ठीक कहे तो तो तुम अंध भक्त बने रहना , खामोश रहना , लेकिन अगर वोह ऐसे लोगों के खिलाफ , अपना मत व्यक्त करे तो प्लीज़ ,, इस देश को ,इस भारत महान को , ऐसी गंदगी से बचाने के लिए ऐसे लोगों के खिलाफ मुहीम ज़रूर चलाना, ,,,,चलाओगे ना ,,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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