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22 अप्रैल 2022

मुग़ल बादशाह जहांगीर

 

मुग़ल बादशाह जहांगीर को उसके वालिद बादशाह अकबर ने एक लंबी चौड़ी मज़बूत और मालदार हुकूमत विरासत में दी थी. इसलिए वो सुकून के साथ हुकूमत करता था. और उसका ज़हन इस पुर सुकून माहौल में नई नई चीज़ें ईजाद करने की तरफ़ लगा रहता था. तारीख़ में उसकी ईजाद की हुई बहुत सी चीज़ों का ज़िक्र मिलता है.
जलेबी के तर्ज़ पर उड़द के आटे से इमरती जहांगीर की ईजाद है. इमरती लफ्ज़ अमृत से है. अमृत का मतलब है मीठा पानी क्यूंकि उसमें शीरा भरा होता है इसलिए इसे इमरती कहा गया और अपनी लज़्ज़त की वजह से इसे बहुत पसंद किया गया. और अब ये हिंदुस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश में खूब पसंद की जाती है. जहांगीर के नाम पर इसको जहांगीरी भी कहा जाता है. पुराने लोग जहांगीरी और पुरानी बूढ़ीयों की ज़बान से जंगीरी सुना जाता था. वो बोलती थीं "जंगीरियां बांटी हैं". दक्षिण भारत में आज भी इमरती को झांगरी कहते हैं जो जहांगीरी की बिगड़ी हुई शक्ल है.

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