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15 अप्रैल 2022

देश के वर्तमान हालातों में , धर्म के नाम पर , कुछ लोगों द्वारा , हिंसा को धर्म का हिस्सा मानकर जहाँ , धर्म की सहिष्णुता की तस्वीर को तार तार करने का प्रयास क्या जा रहा है

 देश के वर्तमान हालातों में , धर्म के नाम पर , कुछ लोगों द्वारा , हिंसा को धर्म का हिस्सा मानकर जहाँ , धर्म की सहिष्णुता की तस्वीर को तार तार करने का प्रयास क्या जा रहा है , धर्म को सियासत से जोड़कर , वोटों की राजनीति के नाम पर इससे खेला जा रहा है , ऐसे माहौल में,, देश के सभी मंदिरों , मंदिरों की संस्कृति , उनका धार्मिक पर्यटन की तरह जुड़ाव , की समस्त जानकारियाँ के साथ , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल द्वारा लिखित पुस्तक , मंदिर संस्कृति धार्मिक पर्यटन , ओरिजनल धर्म की हिस्सेदारी की तरफ लोगों का रुख मोड़कर , देश की विशालता , धार्मिक सहिष्णुता , पौराणिक इतिहास , मंदिर , मठ , उनके इतिहास , उनकी निर्माण शैली , सहित समस्त जानकारी , गागर में सागर की तरह भर कर पेश करने से , देश भर में , धार्मिक यात्राओं पर ,आने जाने वाले पर्यटक , रिसर्च स्कॉलर , आम आदमी के लिए उपयोगी पुस्तक साबित हो  रही है,  विख्यात लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल , ने उक्त पुस्तक में , देश भर के सभी मंदिरों , उनका संक्षिप्त इतिहास , उनकी निर्माण शैली , को चित्रित कर , इस पुस्तक को पाठको के लिए जींवत रिपोर्टिंग की तरह , बहुउपयोगी बना दिया है , ,जो ज्ञानवर्धक भी है, और वर्त्तमान नफरत के माहौल में ओरिजनल धर्मान्धता की तरफ लोगों को आकर्षित कर , माहौल के लिए स्वास्थ्वर्धक भी है , मंदिर संस्कृति धार्मिक पर्यटन पुस्तक का , हाल ही में , कोटा रेंज के पुलिस महानरीक्षक रवि दत्त गोड़ ने एक औपचारिक कार्यक्रम के साथ, इसका विमोचन किया ,,  लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने  इस    पुस्तक प्रकाशन की मुक्त कंठ से सराहना भी की है ,, क़रीब 142 पृष्ठ में , देश के मंदिर , उनका इतिहास , उनका चित्रण , उनकी निर्माण शैली, धार्मिक आस्थाओं को, समेट कर पाठकों , धार्मिक पर्यटकों , धर्मावलम्बियों के लिए , एक रिसर्च नोटबुक ,  बनाकर पेश कर दिया है , ,जो असम्भव को सम्भव बना देना वाला ही लेखन  कहा जाएगा ,, यूँ तो डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का पुस्तक लेखन का अपना अनुभव है , वोह राजस्थान सरकार में जन सम्पर्क अधिकारी के बाद , वरिष्ठ उप निदेशक जन सम्पर्क पद से सेवानिवृत्त हुए है , हज़ारों हज़ार उनके लेखक प्रकाशित हुए है , जबकि मंदिरों , उनकी शैली , उनका धार्मिक पर्यटन से  जुड़ाव पर , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का अपना अनुभव है , उन्होंने आज़ादी के बाद की पुलिस प्रणाली पर , डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है , इसी कारण उनकी यह पुस्तक , धार्मिक स्थलों को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने का शॉर्टकट है , , 142 पृष्ट की यह पुस्तक , आकर्षक मुख पृष्ठ और अंतिम पृष्ठ  के खूबसूरत रंगीन कलेवर में है , अंतिम पृष्ठ पर , लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का संक्षिप्त परिचय है , 160 रूपये तुच्छ मूल्य की यह पुस्तक , अमेज़ॉन पर भी उपलब्ध है , पुस्तक का परकसन वी एस आर डी अकेडमिक पब्लिशिंग ,, कानपुर ने किया है , ,पुस्तक के प्राक्थन में , सीनियर सेक्शन इंजीनियर  रेलवे कोटा के अधिकारी  अनुज कुच्छल द्वारा संक्षिप्त  प्राक्थन में देश भर की मंदिर संस्कृति , पूजा पद्धति , मूर्ति स्थापना की जानकारी शामिल की है , जबकि लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने अपने  लेखकीय में , मंदिर संस्कृति , विरासत , इतिहास और सहयोगियों का विवरण  शामिल किया है , ,पुस्तक में लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने भारत के सभी मंदिरों का संक्षिप्त उल्लेख करते हुए , पाठकों  के लिए , आसान करते हुए , आठ हिस्सों में बाँट कर , संक्षित आर्कषण किया है , जिसमे , ,ं मंदिर संस्कृति का प्रादुर्भाव , भारत के चार धाम , सप्तपुरी , देवी के 51 शक्तिपीठ , द्वादस ज्योतिर्लिंग , विश्व विरासत   मंदिर  यूनेस्को की सूचि में शामिल , उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर , दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिर , अनुक्रम में , देश के सभी मंदिर , शक्ति पीठ , के मंदिरों का सारांश है , इसमें ग्वालियर , के सास बहु के मंदिर का भी ज़िक्र किया गया है , जो अपने आप में अनूठा है , अन्य मंदिरों के शैली , उनके निर्माण काल , पूजा पद्धति , निर्माण भवन का आर्किटेक्ट का भी विवरण शामिल है , उक्त पुस्तक , पर्यटकों को तो धार्मिक आकर्षण पैदा कर , धार्मिक पर्यटन से जोड़ने वाले है ही , लेकिन रिसर्च स्कॉलर्स के साथ , विदेशी भारतीय अप्रवासियों के लिए भी यह पुस्तक बहु उपयोगी पुस्तक है , और वर्तमान हालातों में  लोग नफरत का भाव छोड़कर , मोहब्बत की भाषा में , मंदिर का भावार्थ , पूजा का भावार्थ , सेवा भाव समझ सकें , ओरिजनल धार्मिक भावार्थ उनके अंर्तमन में जन्म लेकर , माहौल में सहिष्णुता , एक दूसरे से मोहब्बत , प्यार , एक दूसरे की मदद का जज़्बा पैदा हो , इसके लिए भी यह पुस्तक , धर्म की तस्वीर अमन सुकून के लिए पैदा करने वाली साबित होगी ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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