सरकार ऐ दो आलम ,,हुज़ूर स अ व ,,पैगम्बर ऐ इस्लाम ,,हज़रत मोहम्मद साहिब ने ,,,फ़रमाया ही नहीं ,,,,क़ुरानी हुक्म का हवाला देकर ,,सख्त हिदायत दी है ,,किसी भी मज़दूर को ,,उसका पसीना सूखने से पहले ,,उसकी मज़दूरी ,,उसकी मज़दूरी का वाजिब हक़ ,,दे दिया जाए ,ऐसा शख्स जो मज़दूरों का हक़ मारता है ,वोह खुदा का गुनाहगार है ,,आज मज़दूरो का हक़ मारने वाले गुनाहगारो के खिलाफ ,,,मज़दूरों का पसीना सूखने से पहले उनकी मज़दूरी हांसिल करने को लेकर ,,संघर्ष का दिन है ,,अफ़सोस ,,मज़दूर को ,,कई वर्षो से आज तक उसका वाजिब हक़ ,,उसको वाजिब इन्साफ नहीं मिल सका ,,,,,मज़दूर दिवस पर ,,सभी मज़दूरों को
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 अप्रैल 2022
सरकार ऐ दो आलम ,,हुज़ूर स अ व ,,पैगम्बर ऐ इस्लाम
बधाई
,,मुबारकबाद ,खुदा से दुआ है ,,के विश्व के सभी मज़दूरों ,,खासकर ,,मेरे
मुल्क ,,हिंदुस्तान के सभी मज़दूरों को उनका वाजिब हक़ मिले ,,रोज़गार के अवसर
बढे ,,उद्योगों ,,व्यापरियों का मुनाफ़ा बढे ,,ताकि मेरे देश के मज़दूरों की
मज़दूरी भी बढे ,,उनकी तरक़्क़ी भी हो ,,उनके चेहरे पर ,,मुस्कुराहट हो
,,उनके बुलंद हौसलों में तरक़्क़ी हो ,,उनके हाथों में मेरे मुल्क की हिफाज़त
का तिरंगा झंडा हो ,,और मेरे इस देश के डेढ़ सो करोड़ लोगो के दिल में
,,मेरे इस मुल्क की हिफाज़त ,,अटूट एकता ,,का जज़्बा पैदा हो ,,फ़िरक़ापरस्ती
खत्म हो ,,तरक़्क़ी हो ,,हर शख्स एक मज़दूर की तरह ,,मेरे इस मुल्क की फ़लाह
बहबूदगी ,,तरक़्क़ी के लिए ,,निष्पक्ष ,,निर्भीक होकर काम करे ,,अल्लाह मेरे
मुल्क के हर शख्स ,,में मेरे मुल्क की हिफाज़त और तरक़्क़ी की मज़दूरी का जज़्बा
पैदा करे ,,आमीन ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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