हाईकोर्ट बेंच की मांग पर बोले मंत्री धारीवाल, राज्य सरकार असक्षम है...कुछ नहीं कर सकते, चीफ जस्टिस कर चुके रिजेक्ट,,
कोटा में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर विधि मंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कि राज्य सरकार (law minister shanti dhariwal said that state government is incompetent) इसमें असक्षम है, कुछ भी नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से प्रस्ताव के लिए 17 पत्र भेजे हैं. वहां से हमें बताया कि तीन अलग-अलग चीफ जस्टिस इन को रिजेक्ट कर चुके हैं.
कोटा. अभिभाषक परिषद कोटा की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को न्यायालय परिसर में आयोजित हुआ. इसमें बतौर मुख्य अतिथि यूडीएच व विधि मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में न्यायालय परिसर निर्माण से लेकर एयरपोर्ट और हाईकोर्ट बेंच की मांग पर बोले.धारीवाल ने कहा कि वकीलों ने कहा है कि हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर सीएम से मुलाकात करवाइए. इसके पहले भी हम मुलाकात करवा चुके हैं. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से प्रस्ताव के लिए 17 पत्र भेजे हैं. वहां से हमें बताया कि तीन अलग-अलग चीफ जस्टिस इन को रिजेक्ट कर चुके हैं. विधि मंत्री धारीवाल ( (law minister shanti dhariwal) ) ने यह भी कह दिया कि हमें फोन पर कहा गया है कि आइंदा इस तरह का पत्र नहीं भेजा जाए. हाईकोर्ट की तरफ से ही प्रस्ताव आने पर राज्य सरकार राज्यपाल और फिर वहां से राष्ट्रपति को भेजते हैं, जहां से बेंच का फैसला होता है. देशभर में 22 बैंच ही चल रही है. राज्य सरकारों के इतने प्रयास करने के बाद भी चीफ जस्टिस हाईकोर्ट बेंच के लिए बात करने के लिए तैयार नहीं होते हैं. वापस राज्य सरकार को पत्र नहीं लिखा गया है. राज्य सरकार इसमें असक्षम है, कुछ भी नहीं कर सकती है.मंत्री धारीवाल ने वकीलों की कॉलोनी के बारे में भी कहा कि उन्होंने हाल ही में बंधा धर्मपुरा से 120 फीट का रोड एडवोकेट कॉलोनी के लिए बनवाने का बजट जारी किया है. 2012 में हमारी शासन में ही यह कॉलोनी वहां पर बनाई गई थी. इसके बाद भाजपा की सरकार में 5 साल निकल गए लेकिन काम नहीं हुआ. वहां पर बिजली पानी से लेकर सब इंतजाम हो चुके हैं और जो भी कमियां हैं वह भी दूर कर देंगे. लेकिन वहां पर एडवोकेट अपने निवास बनाना शुरू करें. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा मौजूद थे।
मंत्री ने दिलाई शपथः कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा, महासचिव गोपाल चौबे, उपाध्यक्ष कन्हैयालाल शाक्यवाल, संयुक्त सचिव सोनल विजयवर्गीय, पुस्तकालय सचिव महिपाल सिंह चौहान, अर्थ सचिव अनिल कुमार शर्मा सहित नौ कार्यकारिणी सदस्यों को शपथ दिलाई है.पढ़े: हाईकोर्ट बेंच की 17 साल पुरानी मांग को लेकर वकीलों का प्रदर्शन, कहा- पहले कोटा का हकवकीलों को दी सलाह, विकास कार्यों के दौरान नहीं करें कोई विवादः धारीवाल ने एडवोकेट की न्यायालय परिसर के तीनों गेटों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने की मांग को स्वीकार कर लिया है. साथ ही न्यायालय परिसर स्थित अभिभाषक सभागार का जीर्णोद्धार कराने की बात कही है. आर्किटेक्ट को दिखाकर इसे फर्स्ट क्लास सभागार बना दिया जाएगा. बारिश के पानी से भी निजात दिलाई जाएगी. साथ ही धारीवाल ने कहा कि यहां पर अगर हम लोग काम करवाते हैं, तो विवाद होता है. इसके चलते काम में अड़चन आ जाती है. ऐसे में अनावश्यक विवाद के चलते काम बंद हो जाते हैं. इस तरह के विवाद नहीं होंगे, तो ज्यादा अच्छा रहेगा. विवाद होता है, तो हमारी काम करने की इच्छा भी नहीं होती. साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर 3 साल पहले ही उन्हें यहां बुला लिया जाता, तो अब तक कई काम भी करवा सकते थे.
पार्किंग शुल्क लेने पर जताई आपत्तिः मंत्री धारीवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के बंगलों को उन्होंने छोटा किया और वहां पर पार्किंग का निर्माण करवाया है. डाक्टरों को इससे परेशानी हुई, लेकिन वकीलों और कोर्ट परिसर में आने वाले लोगों को राहत मिली है. अब अभिभाषक परिषद ने इस पर कब्जा कर लिया है और हम तो इसे निशुल्क देना चाहते थे, लेकिन आप लोग इसका चार्ज ले रहे हैं.न्यायालय परिसर के लिए बोले अभी नहीं मिली वित्तीय स्वीकृतिः विधि मंत्री धारीवाल ने कहा कि कोटा में नए न्यायालय परिसर के लिए 198 करोड़ रुपए मंजूर अभी नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि इसकी तकनीकी स्वीकृति ही मिली है. वित्तीय स्वीकृति अभी नहीं मिली है. वित्तीय स्वीकृति के बाद में यह मामला दिल्ली जाएगा, फिर वहां के बाद काम शुरू होगा. उन्होंने कहा कि वकील मुझसे कह रहे हैं, आप इसका लोकार्पण कर देना, धारीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मुझे दोबारा चुना जाएगा?.
कोटा में हाइकोर्ट बैंच की मांग, आंदोलन की दी चेतावनीएयरपोर्ट पर बोले धारीवाल, पैसा ही नहीं कैसे बनाएंगे ग्रीन फील्डः मंत्री धारीवाल ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से पुराने एयरपोर्ट की जमीन को वापस लेने की बात दोहराई है. उन्होंने कहा कि हमने 700 हेक्टेयर जमीन निःशुल्क दे दी. फॉरेस्ट की जमीन का लैंड यूज चेंज करने का पैसा दे दिया. अब एक चिट्ठी अलग आ गई है. जिसमें सिविल एविएशन डिपार्टमेंट कुछ और कह रहा है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया अलग कह रही है. सिविल एविएशन 2500 एकड़ जमीन की मांग कर रहा है. जबकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए 3000 एकड़ जमीन लेने की कह रही है. हमारा कहना है कि जब पैसा ही नहीं है तो ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट कैसे बनाया जाएगा?. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया पुराने एयरपोर्ट को बेचने की बात कह रहे हैं, लेकिन इसको बेचने कौन देगा, हम इसे बेचने नहीं देंगे. केंद्र सरकार से बजट एलॉट करवाओ और बनवाओ इस एयरपोर्ट को, कौन मना कर रहा है, पूरी ताकत आपके साथ है.एयरपोर्ट की जमीन को बेच नया बनाने की कोशिश में केंद्र सरकारः धारीवाल ने कहा कि एयरपोर्ट की 171 एकड़ जमीन है. जिसमें से 9 एकड़ में मिनी सचिवालय बनेगा. अन्य बची हुई जमीन में पेड़ लगाए जाएंगे, ताकि यह पूरा एरिया ग्रीन जोन जैसा बन जाए. यहां पर मिनी सचिवालय होने से सारे दफ्तर और न्यायालय एक जगह पर शिफ्ट हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि पुराने एयरपोर्ट की जमीन का कब्जा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया हमें देने को तैयार नहीं है. यह लोग कह रहे हैं कि नया एयरपोर्ट बनाना है. इसके लिए जमीन को बेच देंगे. इसको बेच कर इतनी रकम भी नहीं आएगी कि नया एयरपोर्ट बन जाए. शांति धारीवाल ने कहा कि यहां पर स्टेट का बनाया हुआ एयरपोर्ट था. यह जमीन राज्य सरकार की ही है. राज्य सरकार ने इसे सिविल एविएशन या एएआई को अलॉट नहीं किया है. पुराने समय में एक जंबोजेट सेवा चलती थीस ऐसे में सिविल एविएशन वालों ने सेटलमेंट में इस जमीन पर अपना नाम लिखवा लिया है. सिविल एवियशन डिपार्टमेंट के दावे को चैलेंज कर देंगे.
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