अब हाड़ौती के परिवारों में परम्परा बन रहा है,नैत्रदान
2. नेत्रदानी परिवारों के सहयोग से बढ़ रहा है नेत्रदान
शाइन
इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान जागरूकता अभियान अब परिवारों में नेत्रदान
होना एक परंपरा सा बन गया है । प्रारंभ में शोकाकुल परिवारों को नेत्रदान
के बारे में समझाने में काफी परेशानी संस्था सदस्यों को आती थी परंतु आज
जिन परिवारों में पहले नेत्रदान हुआ है,वही लोग आगे रहकर इस मुहिम को
बढ़ाने में सहायक बने हैं ।
मंगलवार
देर रात को तलवंडी निवासी नवजोत सिंह (29 वर्ष) का शहर के निजी अस्पताल
में आकस्मिक निधन हुआ,परिवार के बेटे भूपेश पलैया को संस्था सदस्यों ने
सम्पर्क कर याद दिलाया कि,पूर्व में वर्ष 2014 में उनके पिता रमेश चन्द्र
पलैया का भी मृत्यु उपरांत नैत्रदान करवाया गया था। पिता के कार्यों से
प्रेरित होकर भूपेश जी ने तुरंत भाई के नैत्रदान के लिये सहमति दे दी ।
जिसके उपरांत संस्था के गजेंद्र ओझा और आई बैंक सोसाइटी के टेक्नीशियन देर
रात अस्पताल में ही नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया ।
इसी
क्रम में आज दोपहर में गायत्री विहार बजरंग नगर निवासी श्रीमान अमृत लाल
जी अरोड़ा (80 वर्ष) का आकस्मिक निधन हो गया, इसके उपरांत उनके भतीजे व
ज्योति मित्र इशांक अरोड़ा ने तुरंत ही अपने ताऊ जी के नेत्रदान के लिए
संस्था को संपर्क किया पूर्व में इसी परिवार से इनके भाई राजकुमार अरोड़ा,
और सरोज सेठी जी का नेत्रदान भी संपन्न हुआ है । संस्था शाइन इंडिया
फाउंडेशन व आई सोसाइटी ऑफ टेक्नीशियन के सहयोग से नैत्रदान का कार्य निवास
पर सम्पन्न हुआ।
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