में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,,,,
क्या खाऊंगा ,
क्या पहनूंगा ,
में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,,,
अम्मीजान है ,,
महमान है ,,
में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,,
बच्चे है ,क्या चाहिए उन्हें
में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,
मेरी इबादतों का
मेरी नमाज़ों का
मेरी नेकियों का ,
खुदा का दिया इनाम हो तुम ,
में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,
मेरी फ़िक्र ,मेरे लिए
खुदा से मांगने वाली
दुआ तुम हो ,
में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,,
किसी और की गालियां
किसी और के तंज़
किसी और की डाँट डपट
में सुनु तो क्यों सुनु
तुम हो तो सही ,,
अल्लाह तुम्हे सलामत रखे
सलामत रखे तुम्हारी सासु माँ को
सलामत रहे
तुम्हारे बेटे बेटियां
सलामत रहे ,तुम में ,,
मेरे बहन ,मेरे भाई
मेरे भतीजा ,भतीजी
मेरी बहने ,मेरे बहनोई ,,
मेरे साडू ,मेरी सालियाँ ,
सलामत रहे ,
मेरे मामू मेरी मामियां
मेरे कज़िन ,मेरी भावज ,
सलामत रहे ,मेरी भाभियाँ
मेरे साले मेरी सलेजें
मेरे दोस्त ,मेरी दोस्तानियाँ
सलामत रहे
तुम सलामत रहो
में सलामत रहूं
तुम्हारी खुशियां
तुम्हारा हौसला
तुम्हारी सह्तयाबी
सलामत रहे ,,,
तुम्हारी ख्वाहिशें
तुम्हारी चाहतें
बखेर जल्दी हो पूरी
तुम्हारे दुआएं है
तुम्हारी इबादतें है
तुम्हारी नमाज़े है
कुछ कुछ
तुम्हारी बद्तमीज़ियां ,,
कुछ कुछ तुम्हारी बेहूदगिया
हे तो है ,,,
में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,,
में अल्लाह से दुआ करूं
तुम और सब
रिश्तेदार ,दोस्त ,आहबाब
कहे आमीन ,सुम्मा आमीन
में और तुम ,हम सब रहे सलामत
तुम्हारी खुशियां रहे
हर ख़्वाब हो पुरे तुम्हारे
तुम्हारी हर दुआ हो क़ुबूल
में क्यों फ़िक्र करूँ मेरी
तुम हो तो सही ,,,,
आमीन ,,आमीन सुम्मा आमीन
,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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