कोटा में लगातार साइबर ठगी , ब्लेकमेलिंग , की घटनाये आम हो गयी है , साइबर अपराधों में , जो लोग अपराधी है , अपराध करने के बावजूद भी वो डंके की चोट पर अपने मोबाइल खुलेआम चालु रखकर , दूसरे लोगों के साथ ठगी करते रहते है , लेकिन पुलिस के पास , ट्रेकिंग सॉफ्टवेयर होने के बावजूद भी , पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में नाकामयाब रहकर, प्रकरण में एफ आर लगाने का अभियान चला रही है , , नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के लिए साइबर ठग अपराधियों के खिलाफ नकेल कसना , उन्हें गिरफ्तार ,करना , बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाना एक बढ़ी चुनौती है , ,वर्ष 2021 तो कोटा अपराध नियंत्रण स्थिति में सभी जानते है , , कांग्रेस के शासन में ,, कांग्रेस के नेताओं की सिफारिशों पर लगे अधिकारीयों ने , कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष के अपमान जैसी घटनाओं तक को नज़र अंदाज़ कर दिया , फिर साइबर ठगी और दूसरे मामलों की तो अहमियत ही किया है , कुछ घटनाये कोटा में , अंधी गुत्थी बनी , लेकिन सुलझी भी है ,, सट्टे के कारोबारियों के खिलाफ ,, थाने के अलावा विश्वसनीय पुलिस टीम को भेजकर छापा पढ़वाना पढ़ा ,है , ऐसे में नए पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के लिए , कोटा की पुलिसिंग , ट्रेफिक चालानबाज़ी , ट्रेफिक अव्यवस्थाएं ,, अंधी गुत्थियां , कोरोना नियंत्रण गाइड लाइन की पालना , साइबर क्राइम के खिलाफ तात्कालिक धर पकड के अभियान , ,शांति समितियों की बैठक के ज़रिये , फीडबैक , पुलिस बीट प्रणाली की मजबूती , मुखबीर प्रणाली की विश्वसनीयता ,, थानों पर मुक़दमा दर्ज नहीं होने के मामले या अनुसंधान में मनमानी की शिकायतों पर तत्काल सीधी सुनवाई , ओर तत्काल कार्यवाही एक बढ़ी चुनौती है पुलिस प्रशिक्षण , रोज़ होने वाली चोरी की घटनाओं की रोकथाम , पुराने चोरों का खुलासा सभी उनके लिए चुनौती है ,, , धौलपुर पुलिसिंग , अपराध नियंत्रण और ,, पुलिस के आम जनता के प्रति कार्यव्यवहार को नियंत्रित करने में सफल रहे ,, कोटा पुलिस अधीक्षक , केसर सिंह शेखावत कार्यभार ग्रहण के बाद , प्राथमिकताओं के आधार पर , किन मामलों में कामयाब होते है यह तो वक़्त ही बताएगा ,,
साइबर क्राइम में , 9339231471 ,,8453014719 ,9078813584 ,9650710136 ,भाई कीर्तिवर्धन साहित्यकार के अनुसार 8453033418 सहित कई मोबाइल नंबरों से ठगी हो रही है ,, कोटा में डॉक्टर , इंजीनियर , वकील , उनके ,परिवारजन , कोई भी इस तरह की ठगी से अछूते नहीं है ,, पुलिस के लिए ऐसे अपराधियों को पकड़ना अब एक बढ़ी चुनौती बन गया है , पे टीम के नाम पर , हाल ही ,में , एक , व्यापारी , एक वकील साहब के बेटे से ठगी हुई है , जबकि विडिओ डाउन लोड के नाम ,पर , एक वकील साहब , डॉक्टर , वगेरा को ,डरा धमकाने का प्रयास किया है ,, पुलिस ,ने मुल्ज़िमों को अभी तक नहीं पकड़ा , लेकिन हाँ इन लोगों ने अपने सुकून के ,,लिए जुओं के डर से गोदडे नहीं फेंके जानते , वाली कहावत को झुंठलाते , हुए , बार बार फोनों पर ब्लेकमेलिंग , अवैध वसूली की धमकियों से तंग आकर अपने चालू नंबरों को स्विच ऑफ़ कर दिए और नए मोबाइल नबंर की सिम अलबत्ता लेकर खुद को सुरक्षित करने का प्रयास किया है,,,,,
कोटा सहित देश भर के लोगों को साइबर क्राइम के नाम पर ठगा जा रहा है , ब्लेकमेल किया जा रहा है , रोज़मर्रा हज़ारों हज़ार घटनाओं के बावजूद भी , केंद्र सरकार , राज्य की सरकारें , पुलिस , और संबंधित एजेंसियां इस मामले में गंभीर नहीं है , साइबर क्राइम रोकथाम , साइबर थाने , साइबर जागरूकता कार्यक्रमों , साइबर सेमिनारों , प्रशिक्षण के नाम पर , सरकारें , संस्थाएं ,करोड़ों करोड़ नहीं अरबो अरब रूपये हर साल खर्च करते रहे है ,,ताज्जुब है , ऐसे मामलों में , अख़बारों की चुप्पी , न्यूज़ चेनल्स की चुप्पी, समाजसेवियों , सरकार के सलाहकारों की चुप्पी संदिग्ध सी लगती है , देश भर में,साइबर संबंधित दर्ज मुक़दमों में ,पुलिस अधिकतम एफ आर लगा रही है, , अव्वल तो , अपराधियों के दूर दराज़ के होने से , उन्हें वहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों द्वारा ज़िम्मेदारी से भेजा ही नहीं जाता , और अगर वोह जाएँ भी तो, सिर्फ ठगी जिस मोबाइल से की गयी है, उस मोबाइल धारक का नाम पता , वोह लेते ,है उस जगह जाते है , मोबाइल धारक या तो मरा हुआ निकलता है , या फिर फ़र्ज़ी आई डी से सिम निकलवाने की कार्यवाही होती है ,फिर पुलिस कर्मी लोट आते है , हो गयी फोर्मलिटी और ,पुलिस ने मुक़दमे में एफ आर ठोक दी ,,हैरानी इस बात पर है , के लगातार वोह मोबाइल नंबर जिससे ठगी की जा रही है , या हनी ट्रेप के नाम पर , ब्लेकमेलिंग के प्रयास हो रहे है , वोह चालू रहते है ,बंद किये जाते , लेकिन पुलिस के पास सारे संसाधन होने के बावजूद , सायबर एक्सपर्ट होने के बावजूद,, साइबर इंस्ट्रूमेंट ,सुविधाएं जिसमे ,मोबाईल ट्रेकिंग के ज़रिये, जो चालु मोबाइल है, उस मोबाइल की लोकेशन पर जाकर,मोबाइल धारक को पकड़ा जा सकता है , लेकिन साइबर जांच में ,अजीब जांच है , चालू मोबाइल के पीछे तो ट्रेकिंग करते हुए नहीं जाते , मोबाइल की सिम किसके नाम से है, और उस सिम धारक के पते पर है , फर्जी आई डी से सिम ली है, सिमधारक की मृत्यु हो गयी , सरपंच का प्रमाण पत्र ले लेते है , लेकिन ट्रेकिंग करते हुए ,चालू मोबाइल धारक को नहीं पकड़ेंगे ,, अभी कोटा में जितनी भी साइबर ठगी हुई , उसमे जो मोबाइल नंबर काम में लिए , उन मोबाइल धारकों ने , ठगी में इस्तेमाल किये गये , मोबाइल आज भी चालु रखे है , वोह उसी मोबाईल नंबर से , दूसरों को भी ठग रहे है , ,अब एक नया हनी ट्रेप ब्लेकमेलर गिरोह सक्रिय है , यह गिरोह , एक लड़की से , विडिओ कॉल करवाता है , कोई अगर उठा ले तो वोह ऊपर के कपड़े उतारने का एक्शन कर , विडिओ रिकॉर्ड करती है , और फिर दुबारा उस व्यक्ति को उस विडिओ को , फेसबुक , यू ट्यूब चैनल , पर डाउन लोड की धमकी देती , है ,, इसे रोकने के लिए , रूपये जमा कराने की मांग करती है , दबाव बनाती है , मेसेज करती है ,, अगर ऐसा व्यक्ति रूपये नहीं दे , तो फिर एक यू ट्यूब चैनल का , विज़ुअल भेजा जाता है , साइबर थाने के नाम पर अज्ञात व्यक्ति पुलिस अधिकारी बनकर फोन करता है , यू ट्यूब से इस विडिओ को हटाने के लिए ,जो यू ट्यूब वाला कहे , वोह मानलेने का दबाव बनाता है , फिर यू ट्यूब की तरफ से भी फ़र्ज़ी आदमी द्वारा ट्रयूकॉलर पर नाम दर्जकरवाकर , फोन किया जाता है ,कूल मिलाकर , एक बढ़ा गिरोह , इस साइबर ठगी , साइबर ब्लेकमेलिंग , हनी ट्रेप के काम काज को , नियमित रूप से बिंदास होकर , कर रहे है , वोह इन मोबाइलों को बंद नहीं करते , चालू रखते है , क्यंकि उन्हें पता है पुलिस में अगर कोई गया भी तो शिकायत करने वाले को या तो समझा बुझा कर भेज दिया जाएगा , या फिर , अगर दबाव में कोई मुक़दमा दर्ज भी हुआ , तो उस मुक़दमे में बाहर की सिम है , परमिशन नहीं मिल रही है , बहुत दूर है , क़ानून व्यवस्था के मामले है , उस नाम पर , मामला लंबित रहेगा , फिर साल खत्म होने के वक़्त फोर्मलिटी कर , प्रकरण में एफ आर लग जायेगी , जिस सिम से ठगी होती है , अगर उस सिम की ट्रेकिंग से मुल्ज़िम को पड्कने पुलिस प्राथमिकता के आधार पर जाए , तो फिर ऐसे ठगों , ब्लैकमेलरों पर थोड़ी लगाम लग सकती है , लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है , ,,, हाल ही में , कोटा में एक वकील साथी के पास पहले एक महिला का विडिओ कॉल आया ऑफिस में बैठे वकील साहिब ने फोन उठाया , हलो किया , तो महिला विडिओ कॉल पर थी , एक्शन किये ,वकील साहब ने फोन काट दिया , फिर लड़की ने फोन किया , वकील साहब की लड़की ने फोन उठाया , फिर एक्शन किया फोन काट दिया , फिर मेसेज पर विडिओ डाउन लोड करने की धमकी , यू ट्यूब की धमकी पांच हज़ार रूपये की डिमांड , फिर साइबर क्राइम थाने का खुद को बताकर , , अज्ञात व्यक्ति का फोन करने का नाटक , फिर यू ट्यूब चैनल से विडिओ हटाने के लिए रुपयों की डिमांड , वगेरा वगेरा पैतरे खेले गए , वकील साहब थे ,इसलिए वोह डरे नहीं , उन्होंने सारी दास्तान लिखकर , ,थाने में दे दी, अभी तक एफ आई आर तो नहीं कटी , लेकिन क्या कार्यवाही हुई , इसका भी पता नहीं चला है ,लेकिन अगर ऐसे फोनो को ट्रेकिंग के ज़रिये , मौके पर जाकर , उस मोबाइल धारक को पुलिस ट्रेकर से पकड़ने की शुरुआत कर दे , तो यक़ीनन ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति पर अंकुश लगना शुरू हो जाएगा ,, लेकिन क्या ऐसा हो सकेगा , इसमें अभी भी संदेह है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 जनवरी 2022
कोटा में लगातार साइबर ठगी , ब्लेकमेलिंग , की घटनाये आम हो गयी है , साइबर अपराधों में , जो लोग अपराधी है , अपराध करने के बावजूद भी वो डंके की चोट पर अपने मोबाइल खुलेआम चालु रखकर , दूसरे लोगों के साथ ठगी करते रहते है
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