लगातार चार दिनों में संभाग में चार पुण्यात्मा के नैत्रदान सम्पन्न*
*140 किलोमीटर जाकर सेवानिवृत्त शिक्षक का लिया नैत्रदान*
गुरुवार
सुबह सुनारो की गली,अकलेरा निवासी श्रीमान नेमी चंद जी जैन (78 वर्ष) साहब
का हृदयाघात से निधन हो गया,उसके उपरांत उनके भतीजे व शाइन इंडिया के
ज्योतिमित्र मंगलेश जैन ने ताऊ जी के नेत्रदान के लिए सभी परिवार के
सदस्यों की समझाइश की,सबकी सहमति बनने पर अंतिम यात्रा का समय भी थोड़ा
देरी से रखा गया इसके उपरांत शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा से डॉ कुलवंत गौड़
कार से रवाना हुए, 3 घंटे में 140 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद डॉ
कुलवंत गौड़ ने नेमीचंद जी का नेत्रदान उनके निवास स्थान पर लिया ।
*10 मिनट में पहुंचकर 15 मिनट में नेत्रदान संपन्न*
*रात भर समझाइश के बाद सुबह संपन्न हुआ नेत्रदान*
इसी
तरह गुरुवार शाम 8:00 बजे स्टेशन क्षेत्र निवासी कुमार साइकिल वाले श्री
भव्य कुमार (38 वर्ष) का घर पर ही हृदय गति रुक जाने से आकस्मिक निधन हो
गया । वो सेवा कार्यों में सदा आगे रहने वाले रहे हैं ।
इनकी
मृत्यु की सूचना शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र नीरज सिंह व मुकेश
अग्रवाल को मिली । सूचना मिलते ही मुकेश जी ने घर के एक-एक सदस्य से
नेत्रदान करवाने के बारे में चर्चा की सहमति नहीं बन पायी । डॉ कुलवंत गौड़
ने भी रात में दो-तीन बार परिवारों से अनुरोध किया,परंतु आखरी चर्चा रात
2:00 बजे होने तक नेत्रदान के लिए कोई भी सहमत नहीं हुआ ।
सुबह
अंतिम यात्रा से ठीक पहले मुकेश अग्रवाल जी ने भव्य के मामा जी नीरज सचदेव
से एक बार दुबारा नेत्रदान करवाने की प्रार्थना की । आखिर में सचदेव जी और
भव्य के भाई यश कुमार ने सहमति दी,तो 10 मिनट में शाइन इंडिया की टीम,आई
बैंक के तकिनीशियन टिंकू ओझा के साथ निवास पर पहुँची, शवयात्रा का समय भी
हो रहा था,पर 15 मिनट में नैत्रदान की प्रक्रिया सम्पन्न हो गयी।
नेत्रदान
के उपरांत बाहर जितने भी शोकाकुल परिवार के सदस्य बैठे हुए थे, उन सभी को
डॉ कुलवंत गौड़ ने नेत्रदान के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी दी,जिससे
भविष्य में यदि कभी कोई दुखद घटना हो,उनके आस पड़ोस में या रिश्तेदारों में
होती है, तो भ्रान्तियों के कारण पुनः इस तरह से पुण्य कार्य में कोई देरी
ना हो सके ।
इस तरह से
बीते 24 घंटे में दो पुण्य आत्माओं के नेत्रदान संपन्न हुए और विगत 4 दिनों
में लगातार चार नेत्रदान संस्था के सहयोग से हाड़ौती संभाग में संपन्न हुए
हैं ।
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