सेवानिवृत्त शिक्षिका का जन्मदिवस पर नेत्रदान संकल्प*
*घर घर जाकर समझाईश से बढ़ रहा नेत्रदान देहदान संकल्प*
वैश्विक
बीमारी कोरोना के बाद से लोगों में बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से
बाहर निकलने का सोचा है, ऐसे में बहुत परिवारों ने पिछले एक साल के दौरान
नेत्रदान,अंग दान और देहदान संकल्प में अपनी रुचि दिखाई है । इसी समय को
शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों ने अच्छा अवसर मानते हुए लोगों को मोबाइल
से कॉल करके नैत्रदान-अंगदान-देहदान के बारे में बताना प्रारंभ किया ।
परिवार की इच्छा होने पर संस्था सदस्य कोविड गाइडलाइंस की पालना के
साथ,उनके घर जाकर इन सब विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हैं ।
इसी
क्रम में कल शॉपिंग सेंटर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षिका उमारानी शर्मा ने
अपने 71 वें जन्मदिवस के अवसर पर नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा । उमा जी
नेत्रदान संकल्प को लेकर काफ़ी उत्साहित थी,उनको इस बात की खुशी थी कि,मेरा
जीवन मेरे जीवित रहते भी लोगों को शिक्षा देने में काम आया,और मेरी मृत्यु
के बाद भी दृष्टि बाधित लोगों की आंखों में रोशनी पहुंचाने के काम आ सकेगा ।
सेवानिवृत्ति
के बाद से उमा जी भारत विकास परिषद की मां पन्नाधाय शाखा के साथ सामाजिक
कार्यों में संलग्न हैं, उनके नेत्रदान संकल्प के कार्य से प्रेरित होकर
शाखा के अन्य सदस्यों ने भी नेत्रदान संकल्प पत्र भरने में रुचि दिखायी है ।
उमा
जी के बेटे आनंद मिश्रा ने भी अपनी माँ के नैत्रदान से प्रेरित होकर
नेत्रदान के कार्यों को अपने सभी दोस्तों और रिश्तेदारों में पहुंचाने का
आश्वासन दिया, उन्होंने यह भी कहा कि जल्दी ही वह अपने माध्यम से कुछ
नेत्रदान जागरुकता शिविर आयोजित करने का प्रयास करेंगे, जिसमें लोगों को
नेत्रदान संकल्प लेने के लिए जागरूक किया जाये ।
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