पण्डित जवाहरलाल नेहरू की भारत के मुस्तक़बिल की बढ़ी सोच , राष्ट्र के निर्माता बच्चे मन के सच्चे, जो देश का भविष्य होते हैं , उन्हें अगर, प्यार, मोहब्बत से सही तरह से तरक़्क़ी का रास्ता दिखाया जाए तो देश का भविष्य सुरक्षित भी होगा, विकसित भी होगा , इस सोच को कोटा के बालकों की उपेक्षा ने अपमानित किया है, नतीजा जिन बच्चों की पढ़ने, खेलने कूदने की उम्र , जिनके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकारी योजनाएं है , विभाग है, अधिकारी हैं, बजट है , साधन हैं , लेकिन चाइल्ड लाइन, पुलिस जवेनाइल यूनिट, बालकल्याण संस्थाएं , समाज कल्याण विभाग , अधिकारियों , खबरनवीसों की उपेक्षा से , नेहरू की सोच के खिलाफ , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की व्यवस्थाओं के खिलाफ ऐसे बच्चे पढ़ाई की जगह अपने संरक्षक की शह पर, सड़कों, चौराहों , रेडलाईट , चाट पकोड़ी की चोपाटियों के इर्द गिर्द भीख मांग रहे हैं , दया के पात्र है,, अगर यह तस्वीर है, शिकायत के बाद भी कोई सुधार कोई ध्यान नहीं है, तो फिर कैसे चाचा नेहरू, कैसे चाचा नेहरू के सपने, कैसा चाचा नेहरू का भारत का भविष्य , बच्चों के आज के संस्कार , आज की पढ़ाई , आज की व्यवस्थाएं भविष्य में उपेक्षित रहीं तो फिर यह सब दिखावा, बेमानी सा लगता है,, सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त समाज सेवी संस्थाए , अधिकारी , और कथित समाजसेवकों के साथ , खबरों से जुड़े लोगों का अगर खुला गठंबंधन हो तो कुछ भी सम्भव है , सड़को पर भटकते उपेक्षित बालकों , महिलाओं , बुज़ुर्गों , या आदतन भिक्षावृत्ति में लगे लोगों की तरफ किसी की निगाह भी नहीं जाती है , शिकायत भी अगर हो तो शिकायतकर्ता की शिकायत को फूटबाल बनाकर , इतिश्री कर ली जाती है , फिर अगर ऐसी शिकायत मुख्यमंत्री स्तर भी हो , निर्देश हों तो भी , यह गठबंधन ,, कागज़ी खानापूर्ति कर , पत्रावली ठंडे बस्ते में डाल देते हैं , ,कोटा में , अलग अलग चौराहों ,, रेडलाइट ,, गलियों , सड़कों , स्टेशन , बस स्टेण्ड ,, सहित विभिन्न स्थानों पर जबरन भीख मांगने वाले बच्चों , बुज़ुर्गों , महिलाओं , के मामले में , ऐसे लोगों के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा , चलाई गयी , कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुँचाने ,, ऐसे लोगों को चिन्हित कर , उन्हें बालकल्याण समिति के ज़रिये ,, बालगृहों में भिजवाकर उनकी शिक्षा , कल्याण की व्यवस्थाएं करने , बुज़ुर्गों , महिलाओं , विमंदित लोगों को ,, रेस्क्यू कर , उन्हें ग्रहों में भिजवाकर ,, सुरक्षित रखने के लिए , ज़िम्मेदार अधकारियों , सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाली समाजसेवी संस्थाओं के मामले में मेरी लिखित शिकायत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने , कोटा जिला प्रशासन को निर्देश दिए , जिला प्रशासन ने इस मामले में ज़िम्मेदार समाजकल्याण अधिकारी को सख्ती से पालना के निर्देश दे दिए , अब समाजकल्याण अधिकारी का काम संबंधित स्टाफ और सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त , शिकायत में चिन्हित जगह पर , पुलिस के ज़रिए , या संबंधित स्टाफ के ज़रिये , सभी ऐसे उपेक्षित बच्चों , बुज़ुर्गों , महिलाओं , को , जो आदतन भिक्षावृत्ति में लगकर , रोज़गार की तरह लगे हुए है , छोटे बच्चों को पढ़ाने की जगह , ,भीख मांगने , और छोटे बच्चों को गोदियों में लेकर , रहम के नाम पर तमाशा कर रहे है , उन्हें रेस्क्यू कर संबंधित आश्रमों में भेजकर , सरकार की सभी तरह की योजनाओं का लाभ दिलवाना था , लेकिन मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बावजूद भी ,, अधिकारीयों ने , समाजसेवियों ने , कुछ नहीं किया ,, बस एक पत्रावली चलाई , पत्र लिखा और मुझे कुछ संस्थाओं के नाम लिखकर , एक पत्र भेज दिया , के आपकी मुख्यमंत्री को भेजी गयी शिकायत पर , उनके निर्देशों से , कार्यवाही के लिए पत्र लिख दिया है , और आश्रम की जो सूचि भेजी जा रही है , इन्हे सूचित कर दें , ताकि रेस्क्यू कार्यवाही हो सके , , अजीब बात है ना , कार्यवाही इन्हे करना थी , इन्हे करना है ,, हज़ारों लाखों का वेतन , हज़ारों लाखों की आर्थिक मदद के बिल , समाजसेवी संस्थाएं उठा रही है , और उनके कर्तव्य जो उन्हें रोज़मर्रा पालना करना है , वोह उसे निर्वहन करने की जगह , शिकायत करता को ऐसा करने के लिए कह रहे है , ऐसे अधिकारी , जो मुख्यमंत्री को भेजी गयी शिकायत पर ,भी , उनके सख्त निर्देशों के बावजूद भी , वोह ऐसी हिम्मत दिखा सकते है , उनकी हिम्मत को दाद ही देना चाहिए , ,मेरी शिकायत जुलाई महीने की , फिर जाँच हुई , कार्यवाही हुई , अगस्त महीने में शिकायत का डिस्पोज़ल , मुझे पत्र भेजा गया , भारत माता सेवा समिति कोटा के लालचंद ,वृद्धाश्रम रंगबाड़ी कोटा , जागृति मंदिर समिति कोटा , जय कुमार जैन , वृद्धाश्रम विवेकानंद नगर कोटा , राजस्थान अनुसूचित जाति महिला एवं शिशु विकास समिति कोटा , श्रीमती लाडवर्मा , वृद्धश्रम नया गांव कोटा , भारती नवयुवक सेवा समिति कोटा वृद्धाश्रम डकनिया कोटा , अपना ग्रह माँ माधुरी ब्रिज वारिस सेवा सदन , के डॉक्टर बी ऐ भारद्वाज विमंदित गृह , गंगविज़न मानसिक विमंदित गृह कोटा , के संदीप जैन , मानसिक विमंदित ग्रह एवं विद्यालय , के पते मोबाईल नंबर लिखकर भेज दिए , एक पत्र बाल समिति को भेज दिया , बस हो गया इनका काम , और इन्होने इनकी ज़िम्मेदारी की पत्रावलियों को बंद कर दिया , क्योंकि इन्हे भरोसा है , के इनका गठबंधन , ,अख़बारों खबर छपने नहीं देगा , इनका गठबंधन , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज़ियुअल के साथ खबर नहीं चलने देगा , इनका गठबंधन नेताओं , समाजसेवी संस्थाओं से इस मुद्दे पर को आवाज़ नहीं उठाने देगा , ,इनका गठबंधन इस काम में लगे अधिकारी , कर्मचारियों , निरीक्षकों , समाजसेवी संस्थाओं से , ,कोई जवाब तलब नहीं करने देगा ,,लेकिन यह सब एक संवेदनशील मुख्यमंत्री , द्वारा चलाई गयी , वृद्धों , महिलाओं , विमंदित लोगों और खासकर , उपेक्षित बालकों के कल्याण , शिक्षा , कोचिंग , उनके भविष्य के निर्माण के लिए बनाई गयी योजनाओं की भौतिक क्रियान्विति के साथ धोखा है जिसे फिर से मुख्यमंत्री, अशोक गहलोत के समक्ष खुलासा करने के साथ कार्यवाही के प्रयास शुरू कर दिए गये है ,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)