मै अकेले होके भी अकेले नही..क्योंकि मेरा वो दोस्त है.....
साथ ना हो के भी है साथ..क्योंकि मेरा वो दोस्त है.....।
अपने छोड़ गए साथ मेरा, पर उससे ना छुटा साथ मेरा...।
क्योंकि मेरा वो दोस्त है...।
जाने क्यों वो मेरे साथ है....क्या अपना नही है कोई तेरा..।
लाख बार हुआ झगड़ा मेरा, छुटा ना पर साथ तेरा....।
क्योंकि तु ही मेरा सच्चा दोस्त है...।
मैं हुं खास उसके लिए.. मेरे साथ से ही चलता है जीवन उसका...।
अलग होके भी दुर नही.. क्योंकि ऐसा ही मेरा वो दोस्त है..।
हर कदम पर देता है साथ मेरा..मुश्किलें के साथ ओर गहरा हुआ रिश्ता तेरा
रहेगा सलामत अपना ये खुबसुरत रिश्ता..क्योंकि खुदा भी है दोस्त उसका....।
खास है सबसे.... इसलिए ही शायद वो मेरा दोस्त है...!!!
मेरा बसंत..
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