भारत स्काउटर एवं गाइडर के साथ नैत्रदान विषय पर जागरूकता कार्यशाला
संभाग
में शाइन इंडिया फाउंडेशन द्धारा पुनः वृहद स्तर पर
नैत्रदान-अंगदान-देहदान की जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन होना प्रारंभ हो
गया है । संस्था के प्रयासों से आने वाली भावी पीढ़ी को विद्यालय स्तर पर ही
जागरूक करने के लिये छात्रों व शिक्षकों के साथ जागरूकता कार्यशाला का
आयोजन किया जा रहा है ।
शुक्रवार
को बून्दी में भारत स्काउट गाइड यूनिट लीडर के साथ नैत्रदान- अंगदान-
देहदान के विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। 200 स्काउटर-गाइडर के साथ
शाइन इंडिया फाउंडेशन,बूँदी के ज्योति-मित्र इदरीस बोहरा व कोटा से आये
अन्य सदस्यों द्धारा नेत्रदान की वर्तमान समय में जरूरत, नैत्रदान की
प्रक्रिया व नैत्रदान से जुड़ी भ्रान्तियों पर विस्तार से जानकारी दी गयी ।
इसके साथ ही उनको कॉर्निया की अंधता के कारण व उनके निवारण पर भी विस्तार
से समझाया गया ।
आई बैंक
सोसायटी के बीबीजे चैप्टर के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि नैत्रदान
मृत्यु के बाद होने वाली ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पूरी आँख न लेकर सिर्फ
कॉर्निया लिया जाता है,10 मिनट में पूरी हो जाने वाली इस प्रक्रिया में
किसी तरह का कोई रक्त नहीं आता है,और न हो इससे चेहरा विकृत होता है । 2
वर्ष से 80 वर्ष के व्यक्ति का नैत्रदान संभव है । चश्मा लगा हुआ,
मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए,ब्लड प्रेशर, हृदय सम्बंधित बीमारी की दवा लेने
वाले व्यक्ति का नैत्रदान संभव है । मृत्यु के बाद 8 घंटे में ,सर्दियों
में 10 घंटे में व डीपफ्रीज़ में पार्थिव शव को रखने पर 24 घंटे में भी
नैत्रदान संभव है ।
इस
अवसर पर ट्रेनिंग कमिश्नर श्रीमति विमलेंद्र राठी ने कहा कि देश को अच्छे
नागरिक देने के लिये अच्छी शिक्षा के साथ साथ ,समय समय पर इस तरह के
सामाजिक कार्यों की कार्यशाला से बच्चों में न सिर्फ समाज,देश के प्रति
दायित्व बढ़ता है,बल्कि उनमें नई ऊर्जा व आत्मविश्वास का संचार करता है । इस
उद्देश्य के साथ ही यह सारी जानकारी स्काउटर गाइडर को नैत्रदान के बारें
में बतायी गयी ।
कार्यशाला
के अंत में सम्बंधित विषय पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया
। भारत स्काउट गाइड के साथ आयोजित हुई इस कार्यशाला में ट्रेनिंग कमिश्नर
भंवरलाल चौधरी, ट्रेनर्स औकार सिंह हाड़ा, ज्वाला प्रसाद गौतम, रामलाल
मेघवाल, उमा हाड़ा, आशारानी चौहान, मीना कुमारी ने संकल्प शक्ति के साथ
लोगों को जागरूक करने की बात कहीं। स्काउटर दशरथ कुमार, बाबूलाल राठौर,
शिवलाल मीणा, गाइडर मैना कुमारी ने नैत्रदान को अपने मनुष्य जीवन का सबसे
पुण्य कार्य बताया ।
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