छात्र-छात्रोंओं के साथ,नैत्रदान-अंगदान पर कुछ बात
स्काउट एवं गाइड के साथ नैत्रदान-अंगदान विषय पर कार्यशाला
संभाग
में शाइन इंडिया फाउंडेशन द्धारा पुनः वृहद स्तर पर
नैत्रदान-अंगदान-देहदान की जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन होना प्रारंभ हो
गया है । संस्था के प्रयासों से आने वाली भावी पीढ़ी को विद्यालय स्तर पर ही
इस तरह के सामाजिक कार्यो के लिये जागरूक किया जा रहा है।
पश्चिम
मध्य रेल भारत स्काउट एवं गाइड चतुर्थ स्टेट रैली कोटा के समापन समारोह पर
विद्यार्थियों को शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों द्धारा नेत्रदान की
वर्तमान समय में जरूरत, नैत्रदान की प्रक्रिया व नैत्रदान से जुड़ी
भ्रान्तियों पर विस्तार से जानकारी दी गयी । इसके साथ ही उनको कॉर्निया की
अंधता के कारण व उनके निवारण पर भी विस्तार से बच्चों को समझाया गया ।
शाइन
इंडिया फाउंडेशन के ज्योति-मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि मृत्यु बाद शरीर
का कोई मोल नहीं है,यदि जलाने-दफ़नाने से पहले मृत देह के कोई अंग से किसी
के जीवन को बेहतर किया जा सकता है तो,हर धर्म-समाज-वर्ग के लोगों को इस नेक
कार्य के बारे में अपने परिवार के सदस्यों को बताना चाहिये ।
संस्था
संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ ने कहा कि,देश को अच्छे नागरिक देने के लिये अच्छी
शिक्षा के साथ साथ ,समय समय पर इस तरह के सामाजिक कार्यों की कार्यशाला से
बच्चों में न सिर्फ समाज,देश के प्रति दायित्व बढ़ता है,बल्कि उनमें नई
ऊर्जा व आत्मविश्वास का संचार करता है ।
कार्यशाला के अंत में विद्यार्थियों के लिये, सम्बंधित विषय पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया ।
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