कोटा की धरती पर पहली बार पांच को कमल करेंगे कमाल ज्यादा से ज्यादा संख्या पहुंचे पत्रकार अधिवेशन मेंं - के के शर्मा
के डी अब्बासी
कोटा। देश अग्रणी पत्रकार संगठन आईएफ डब्ल्यूजे के कोटा जिला अध्यक्ष के के शर्मा आगामी 5 सितंबर को कोटा की धरती पर पहली बार ऐसा कमाल करने जा रहे हैं जो इससे पहले कभी कोटा में हुआ ही नहीं। अब तक पत्रकार संगठन अपने अपने सदस्यों को अपने अधिवेशन में बुलाते थे बाहर के पत्रकारों को उन्होंने कभी आमंत्रण पत्र भी नहीं दिया और दोनों किसी पत्रकार पर मुसीबत आई तो यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वह तो फला संगठन से जुड़ा है लेकिन केके शर्मा हाडोती के सभी पत्रकारों को साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं। कमल कह रहे हैं की पत्रकार किसी भी संगठन से जुड़ा है या नहीं जुड़ा है लेकिन हर पत्रकार के हित की बात करने के लिए वह सबको एक करने का यह शानदार प्रयास कर रहे हैं। इसलिए के के शर्मा ने हाड़ोती के सभी पत्रकार संगठनों के नेताओ उनके सदस्यों को जा जाकर आमंत्रण पत्र देकर सह सम्मान बुलावा पत्र दे रहे हैं। है। उन पत्रकारों को भी जो किसी भी संगठन से जुड़े हुए नहीं हैं उन पत्रकारों को भी से आमंत्रण पत्र देकर सह सम्मान पांच सितंबर को होने वाले अधिवेशन में बुलाया है। के के शर्मा ने इस बार सबसे अलग हटकर इस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए दिन रात उनकी टीम जुटी हुई है। के के शर्मा ने बताया कि 5 सितंबर को होने वाले अधिवेशन में आमंत्रित किया है यह अन्य संगठनों से हटकर अलग बात सामने आई है। कमल शर्मा ने बताया कि सम्मान समारोह 71 वर्ष पूर्व गठित देश के अग्रणी पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे के तत्वावधान प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ के दिशा निर्देशानुसार 5 सितंबर को आयोजित किया जायेगा। आईएफडब्ल्यूजे के कोटा जिला अध्यक्ष केके शर्मा "कमल" ने सभी सदस्यों की कोटा जिला महासचिव व कार्यक्रम सयोजक कामेन्दू जोशी एवं कोटा महानगर अध्यक्ष व कार्य क्रम सह सयोजक की उपस्थिती में मीटिंग कर सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों को कार्य की जिम्मेदारी भी बाटी ।वही कोटा आईएफडब्ल्यू जे महानगर अध्यक्ष व कार्यक्रम सहसंयोजक दुष्यन्त सिंह गहलोत ने कोटा महानगर टीम सदस्यों एवं पदाधिकारीयो की मीटिंग कर सभी के सुझाव लिए ।ओर कार्यक्रम में हाडौती से आने वाले पत्रकारों को फोन कर अधिवेशन में आमंत्रित किया।। कोटा शहर व जिला के सदस्य व पदाधिकारियों ने कोटा शहर सहित हाडोती के समस्त जिलों व तहसीलों के पत्रकारों को समस्त उपखण्ड अध्यक्ष के दुवरा अलग अलग टीम बनाकर सभी को कार्ड वितरित कर कार्यक्रम में आने का न्योता दिया।।वही कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप देते हुए कोटा महानगर अध्यक्ष व कार्यक्रम सह संयोजक गहलोत ने बताया कि अधिवेशन में समस्त हाड़ौती के पत्रकार एकत्रित होंगे। अधिवेशन में पत्रकारों द्वारा कोरोना काल में किए गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कई संस्थाओं द्वारा जरुरतमंद परिवारों तक कोरोना काल मे खाद्य सामग्री पहुंचाने का प्रबंध किया गया था उन भामाशाहों का भी अधिवेशन में सम्मान किया जाएगा । वहीं दूसरी और गहलोत ने बताया कि आईएफडब्ल्यू जे के महानगर व जिला के तमाम सदस्य व पदाधिकारी द्वारा शहर के वरिष्ठ पत्रकार व जनप्रतिनिधि व भामाशाह को आमंत्रित कार्ड वित्रित किये जा रहे है। जिसके लिए टीम का गठन किया गया है कार्यक्रम टीम सदस्य विनोद शर्मा सुशील श्रीवास्तव, साबिर, देवेंद्र गुर्जर राम पवार, विक्रम सिंह चौहान ,मोहन सेन ,मोहनलाल ईशा, सुनील सेन,पवन भावसार ,उमेश गोस्वामी,आदि सदस्य हाडोती पत्रकार अधिवेशन एवं सम्मान समारोह आई एफ डब्ल्यू जे को सफल बनाने को लेकर जी जान से मेहनत कर रहे हैं।
पत्रकारों के हित और उत्थान के लिए बने सख्त कानून व्यवस्था दुष्यन्त सिंह गहलोत
आई एफ़ डब्ल्यू जे कोटा महानगर अध्यक्ष दुष्यन्त सिंह गहलोत ने बताया कि अधिवेशन में पत्रकार गण की दिल की बात भी सुनी जाए गी। गहलोत ने बताया कि आजादी से लेकर आज तक पत्रकार और उसकी पत्रकारिता ही ऐसा समाज को जागरूक करने का माध्यम रहा है जिससे हमारे समाज में फैल रहे कुरीतियों अव्यवस्था भ्रष्टाचार आदि के साथ कई सूचनाओं को एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचाने का जरिया बना रहा है। परन्तु चौथे स्तंभ के तौर पर देखे जाने वाले प्रबल स्तंभ को सबसे ज्यादा समाज में खतरा भी होता है फिर भी पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर, सामाजिक आर्थिक राजनीतिक धार्मिक जैसे पहलुओं पर समाज को जागरूक करने का पूरा प्रयत्न सदियों से करता आ रहा है.आज देश में कानून और सुरक्षा की बात की जाए तो सिर्फ पत्रकारों के विकास और उनसे जुड़े सुरक्षा न्याय जैसे शब्दों का कहीं भी जिक्र नहीं होता है जैसे पत्रकारों को सुरक्षा की आवश्यकता ही नहीं पड़ती हो एक तरफ तो हर तबके के लोग संविधान में किसी ना किसी सख्त कानून व्यवस्था से जुड़े हुए हैं जबकि पत्रकारों के हित की बात की जाए तो, ना तो जीविकोपार्जन के लिए कोई मदद ना ही समाज में पत्रकारों की कोई सुनिश्चित न्याय व्यवस्था प्राप्त है और इसी वजह से हर प्रशासनिक और राजनीतिक लोग समाज में इन्हें ही दबाने की कोशिश करते हैं.कुछ दिनों से तो यह देखा जा रहा है जब किसी मामले की गंभीरता और प्रकाशित करने की बात आती है तो क्षणिक लाभ वास्ते पत्रकारों पर दबाव बनाया जाता है और नहीं तो पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कर दी जाता है. आखिर पत्रकार खबरों को गोपनीय रखता है तो दलाल जैसे शब्दों से नवाजा जाता है और उसे उजागर करता है तो मुकदमे का डर दिखा दिया जाता है । ऐसे कई मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार गणों के साथ सभी पत्रकार गण अपने सुझाव साझा करें गे।
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