आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

30 अगस्त 2021

जन्माष्टमी ,, श्री कृष्ण जन्माष्टमी , भारतीय संस्कृति के संस्कार , भारतीय संस्कृति , भारतीय नैतिकता , भारतीयता की पहचान , शिक्षा , सभी कुछ तो इस अवसर पर , है , बस दोहराई नहीं जाती , ,अपनाई नहीं जाती ,, जी हाँ दोस्तों ,श्री कृष्ण जन्मोत्सव है

 जन्माष्टमी ,, श्री कृष्ण जन्माष्टमी , भारतीय संस्कृति के संस्कार , भारतीय संस्कृति ,  भारतीय नैतिकता , भारतीयता की पहचान , शिक्षा , सभी कुछ तो इस अवसर पर , है , बस दोहराई नहीं जाती , ,अपनाई नहीं जाती ,, जी हाँ दोस्तों ,श्री कृष्ण जन्मोत्सव है  , निश्चित तोर पर पूजनीय  है  , लेकिन  अंगीकार  करने ,  स्वीकार करने , अपने जीवन में ,  प्रतिपादित , सिद्धांतों के तहत आत्मसात करने का  भी है , ,देश जानता  है भक्त जानते है  , गीता का ज्ञान जानते है , कौरवों और पांडवों का सच जानते है ,  श्री कृष्ण  की ज़िंदगी की हर शिक्षा , हर प्रतीकात्मक शिक्षा को  पहचानते है , फिर भी अंगीकार नहीं  करते ,, श्रीकृष्ण जेल में पैदा हुए , माँ  और पालने वाली माँ का सम्मान उनके लिए बराबर रहा , माँ का सम्मान कहाँ  है  ,  अपने मामा कंस ,  जो आतताई थे ,,  जनता पर ज़ुल्म करते थे , अत्याचारी , अनाचारी थे ,  रिश्तों में नज़ाकत होने के बाद भी , श्रीकृष्ण ने , जनहित में , शोषण ,  उत्पीड़न , ज़ुल्म , ज़्यादती ,  अहंकार से , लोगों को आज़ाद करने के लिए , कंस का वध किया ,, श्रीकृष्ण ने अमीरी गरीबी  की दोस्ती से अलग हठ कर  ,, खुद  ग्रामीणों के साथ खेले , बढ़े हुए , और फिर सुदामा के साथ दोस्ती का उदाहरण पेश किया , श्री कृष्ण ने , गांय  को सम्मान दिया , माता का दर्जा दिया , गांय के उत्पादन को , बढ़ावा दिया , गांय के उत्पादन , दूध , दही ,,  ,मक्खन के व्यापार ,  उससे रूपये कमाने का विरोध किया , दूसरे गांव में जाने के पहले ही , उन्होंने ,  मटके फोड़ने का प्रतीकात्मक विरोध कर , जता दिया के , अपने गांव का दूध ,, घी मक्खन  ,  अपने गाँव के लोगों के लिए , उनके स्वास्थ्य के लिए , और जमाखोरों के खिलाफ संदेश दिया के , ऐसे जमाखोरों की ,खाने ,  पीने की समाग्री को अगर चोरी कर लो , लूट लो , तो अपराध नहीं ,,  श्री कृष्ण ने , महिलाओं को  सम्मान दिया  ,  उन्होंने महिलाओं से पवित्र मित्रता का संदेश दिया ,  सुभद्रा , मीरा  ,   जो  भी हो  ,  उन्होंने ,  पवित्र रिश्तों के बंधन का संदेश दिया , महिलाओं के लिए ,  अपने जिस्म को ढकने , खुले में निर्वस्त्र होकर , नहाने धोने पर रोक लगाने के लिए उन्होंने , उनके वस्त्र , नहाते वक़्त खोल कर नहाने पर , वस्त्र चोरी करके , यह संदेश दिया , के निर्वस्त्रता , निर्लज्जता है ,,वस्त्र लज्जा है , और उनका यह संदेश ,  महिलाओं के लिए कारगर रहा , वोह वस्त्र पहन कर ही नहाने लगी  ,  उनके रिश्ते में पवित्रता ,, सिद्धांत , निति ,  प्रशिक्षण , शिक्षा सीख  थी  ,, महाबली से भी महाबली होने के बावजूद भी , विनम्रता , इंसाफ पसदं , ना कोई जात ,  ना कोई  धर्म  , ना कोई  समाज , बस  ,,  अत्याचारी ,  और अत्याचार से पीड़ित , दो ही उनके समाज थे , बेईमान और ईमानदार दो ही उनके समाज थे , उन्होंने हमेशा हँसते हँसते इंसाफ किया , खुद ताक़तवर होने पर भी , खुद   के पास  बढ़ी से बढ़ी शक्तियां होने के कारण महाशक्तियां होने पर भी ,  उन्होंने कभी  भी , शक्तियों  का दुरूपयोग नहीं किया ,  महिलाओं के प्रति सम्मान , उनकी इज़्ज़त , अस्मत की रक्षा , का संदेश ,  द्रोपदी के चीर हरण में , उन्होंने खुलकर दिया ,, द्रोपदी  के चीर हरण को  रोक कर उसकी  इज़्ज़त , अस्मत बचाई , और चीर हरण करने वाले , महिला का अपमान करने वाले हर शख्स  को , हर शासन को उन्होंने मटियामेट कर दिया ,,  व्यापारी बेईमानी ना करे , कम  नहीं तोलें , कम नहीं नापने , जमाखोरी नहीं करें , मूल्य  नियंत्रित रहे  ,, अत्याचार , अनाचार के खिलाफ आवाज़   उठायें , संख्या बल चाहे कम हो ,, लेकिन सच  के साथ खड़े रहो , शक्तिशाली हो , तब भी शक्तियों का दुरूपयोग मत करो , किसी भी जंग को जीतने के लिए , संख्याबल  की नहीं  , ताक़त की  नहीं  , हथियारों की  नहीं ,  सिर्फ साहस , युद्ध निति ,   समय  पर वार करने की  ज़रूरत होती है,,   जिसकी शिक्षा उन्होंने दी , धर्म और अधर्म के बीच युद्ध में , अगर अपना हो , पराया हो , रिश्तेदार हों , नातेदार हो , बढ़ा हो , जो  कोई भी हो   , अगर वोह अधर्म के साथ है , तो उस  पर कोई  रहम नहीं , उसका कोई बचाव  नहीं  ऐसे हर शख्स से जो अधर्मियों के साथ है  , युद्ध ही  उसके खिलाफ एक रास्ता है   ,  उन्होंने , सात्विक , जीवन का संदेश दिया , ईमानदारी का  संदेश , ओरिजनल राष्ट्रीयता का संदेश , धर्म के साथ खड़े रहने का संदेश  ,  जमाखोरों के खिलाफ संदेश  , महिलाओं  पर अत्याचार करने , उनकी अस्मत से खेलने वालों को , तबाह ,बर्बाद करने का संदेश  , महिलाओं का सम्मान करने ,  महिलाओं  को सम्पूर्ण वस्त्र धारण कर ,नग्नता से बचने का संदेश , नियमित व्यायाम , खेल कूद  ,  दोस्तों के साथ मनोरंजन  , छोटे बढे दोस्तों में भेद नहीं , सभी से अपनापन  , और दूध ,  दही , घी  ,  मक्खन ,  रोज़  खाकर ,शरीर को मज़बूत बनाने का  संदेश  ,  दुश्मन के खिलाफ युद्ध   करने का संदेश  ,  जीवन  में क्या लाये थे , क्या  ले जाओग , सब यहीं धरा  रह ,जाएगा  इसलिए , ईमानदारी , प्यार , मोहब्बत , धर्म , समन्वय  , सुकून  ,  एक दूसरे के मददगार बनकर , जीवन का संदेश उन्होंने दिया , लेकिन  आज , श्रीकृष्ण के इस देश में ,मिलावट खोरों की पो  बाराह है ,, गांय  के मांस का खुला व्यापार है , घी  , , मक्क्खन  , दूध , दही  में खुली मिलावट है,,  महिलाओं का  रोज़  अपमान हो रहा  है , उनकी  इज़्ज़त , अस्मत लुट रही  हैं  , खुद प्रभावशाली लोगों पर ऐसे अपराधियों को बचाने के आरोप  है , ,जमाखोरी , मुनाफाखोरी को बढ़ावा है  , , यारी दोस्ती , अमीरी ग़रीबी की खाई  में बंट गयी है,,  माँ  का सम्म्मान नहीं  , महिला मित्रों के साथ दुर्व्यवहार  है,,  ज़ालिमों  के  खिलाफ , अधर्मियों  के खिलाफ , हम  उनके खिलाफ होने की जगह उनके साथ खड़े मिलते है ,भीड़ देखकर ,, या फिर किसी भी एक ज़ालिम को देखकर , उससे  संघर्ष करने की जगह हम  डर जाते है ,भाग जाते है , भाइयों का सम्मान नहीं ,,पत्नी  का आदर नहीं  ,  अपने चाहने वालों के प्रति आदर सम्मान  नहीं ,  लहजे में गुस्सा है ,विनम्रता नहीं , चेहरे पर मुस्कुराहट की जगह  ,  क्रूरता है , थोड़ी भी पावर अगर मिली तो दुरूपयोग  शुरू , शक्तियों का सही  उपयोग  नहीं ,  सिर्फ दुरूपयोग ही दुरूपयोग  है ,   जबकि  श्री कृष्ण ,  प्यार के ,,  मोहब्बत के , ज़ालिमों  के खिलाफ उनको  मटियामेट करने के योद्धा के रूप में , महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को मटियामेट करने के रूप में , अमीरी , गरीबी की  खाई को दूर कर ,दोस्ती  ,  की  एक मिसाल  है  ,  महिलाओं  के प्रति आदर , सम्मान का  एक संदेश  है , अधर्म के विरुद्ध , धर्म   के एकता  ,  अटूटता ,  सिद्धांतों की एक  मिसाल है , तो फिर , हम  भारतीय संस्कृति  , में भारत में ,उनके दिए हुए संदेश  , का सम्मान करते हुए , उनके बताये हुए पथ पर चलते हुए , महिलाओं की सुरक्षा ,अधर्म के खिलाफ , धर्म का यद्ध   , जमाखोरी , मिलावटखोरी , मूल्य वृद्धि  ,  अनीति ,  पक्षपात ,, के खिलाफ  तो ईमानदारी का यद्ध लढ़ सकते है ,  हम  बहनों , बेटियों  , को , सम्पूर्ण शरीर ढक कर , रहने का  संदेश दे सकते है  , गांय  के मांस  के निर्यात , गांय के वध पर रोक लगवाने का क़ानून ला सकते है  , ,गांय   को राष्ट्रिय पशु  का दर्जा दिलवा सकते है ,,,  पीज़ा ,  बर्गर ,,  चाइनीज़ फ़ूड की जगह हम  , हमारे बच्चे रोज़ ,  दूध  , दही , घी  ,  मक्खन  ,  खा सकते है   , इनके उत्पादन में बढ़ावा दिलवाकर ,इसके व्यापार पर रोक लगवा कर , कम  क़ीमत में ऐसे खाद्य पदार्थ बाज़ार में उपलब्ध करवा सकते है   ,  वगेरा वगेरा वगेरा  ,, तो जनाब  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उनके बताये हुए रास्तों पर चलने वाले हर भारतीय , हर विश्व के नागरिक को बधाई ,  मुबारकबाद , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...