आपका-अख्तर खान

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29 अगस्त 2021

इन सात सालों में देश बदल गया है ,, सत्तर साल में जिस सरकार ने कुछ नहीं किया का नारा दिया है , अब वोह सब सत्तर साल में बनी चीज़ें ,ठेके पर दी जा रही है , या बंद कर बेचीं जा रही है

  इन सात सालों में देश बदल गया है ,, सत्तर साल में जिस सरकार ने कुछ नहीं किया का नारा दिया है , अब वोह सब सत्तर साल में बनी चीज़ें ,ठेके पर दी जा रही है , या बंद कर बेचीं जा रही है , किसानों पर लाठीवार कर उनके सर फोड़े जा रहे है , मोहल्लों , घरों में घेर कर , हिंसा को , नफरत को जायज़ ठहराया जा रहा है , ,देश के विकास के लिए एक ईंट नहीं रखी , एक उद्योग नहीं खोला , एक सरकारी रोज़गार नहीं दिया , ,देश चाहे गर्क में हो , लेकिन टेक्स आसमान पर है , पेट्रोल ,डीज़ल बुलंदियों पर है , महंगाई  , ज़रूरी चीज़ों के सामान की कीमतें अचानक बेहिसाब बढ़ गयी हैं ,, संवेदनाये खत्म हो रही है , लोकसभा में प्रतिपक्ष का नेता नहीं है , लोकसभा में अब , चर्चा नहीं होती , सिर्फ हंगामे होते है ,क्योंकि सरकार जिन बिंदुओं पर विपक्ष के साथ , जनहित में चर्चा करना चाहिए , उन्हें नियमों में बाँधकर , रोक देती है , और विपक्ष उन्हें , विधि नियमों  का हवाला देकर , राष्ट्र हित ,,देश  की जनता के हित में चर्चा करवाना चाहता है ,बिना चर्चा के सैकड़ों क़ानून बन गए, सैकड़ों बिल पारित हो गये, राज्य सभा तक में दल बदल हो गये  , अब तो राज्य सभा में , मुख्य न्यायधीश जैसे  लोग भी , सेवानिवृत्ति के बाद , नामज़द हो गए ,, देश बदल रहा है , सात सालों में बदल चूका है , अब सरकारों को चुन  कर नहीं बनाई जाती , सरकारें चुन चुन कर ,गिराई जाती है ,  खरीद फरोख्त होती है , बहुमत नहीं  होता ,दल बदल क़ानून   की बंदिशें होती है , तो इस्तीफे दिलवाये जाते है , फिर गैर क़ानूनी सरकारें बनाई जाती हैं , अजीब  है दास्तान ,, प्रधानमंत्री साहिब के कई  सलाहकार , बंदिशों में रहकर ,  इतना सब देखकर , सह ना सके , उनके स्वाभिमान की  भावना जाएगी , उन्होंने अंतरात्मा की आवाज़ सुनी , और सलाहकार जैसे पदों से इस्तीफे देकर अलग थलग हो गये है , देश बदल रहा है , अब हिंसा की घटनाये , आतंकवादी व्यवस्था के तहतं नहीं  होती,   राष्ट्रवाद की व्यवस्था , धार्मिक रक्षा व्यवस्था के तहत होती है , ,गली मोहल्लों में ,  दस बीस हीजड़े जैसे खुद को मर्द कहने वाले लोग ,  ,, बहादुर बनते है ,  किसी गरीब , व्यापारी , किसी भिखारी , किसी टेम्पो चालक  , किसी सब्ज़ी वाले , किसी भी  आते जाते को , निहत्थे को घेर लेते है ,  मारते हैं , पीटते है , वीडिओ बनाते है , और बढ़ी बहादुरी से  ,,  देश भक्त बनने का  प्रचार करते है , अब दलितों को सड़कों पर ट्रक से बांध कर घसीटा जाता है , दलितों को पेड़ों से बाँधा जाता है , अब बलात्कार की शिकार , महिलाओं  को ,इंसाफ के लिए सुप्रीमकोर्ट के बाहर अपनी अस्मत के सौदागरों को , सज़ा  दिलवाने , उन्हें गिरफ्तार करवाने के लिए , आत्मदाह करना पढ़ती है , उत्तरप्रदेश में विधायक बलात्कार के आरोपी ,  प्रताड़ित गवाह , उसके ,पिता  वकील का कार एक्सीडेंट करवाकर , मार देना चाहते है  ,, सुप्रीम कोर्ट के चार जज , लोकतंत्र बचाने की दुहाई देकर , सड़क पर बाहर आकर , प्रेस कॉन्फ्रेंस करते है , किसान सालों से आंदोलन करते है , देश बदल रहा है ,, देश की सरकार दो लोग चला रहे हैं , सेवानिवृत्त जज , अब राज्य सभा में जा रहे है , मन्त्रियौं के खिलाफ बलात्कार की शिकायतें है , उद्योपतियों को सहूलियतें , टेक्स माफ़ी , और आम जनता से टेक्स वसूली , जारी है , व्यवस्थाएं छिन्न भिन्न है , बेरोज़गार रोज़गार मांगे ,, तो पकोड़े तलवाये जाते है , हर एक्ज़ाम को बार बार , क़ानून बदल कर करवाये जाते है. अब अख़बारों में फर्स्ट पेज पर खबरें नहीं आती ,, विज्ञापन आते है , न्यूज़  चेनल्स अब खबरें नहीं बताते , देश के हालात पर चर्चा नहीं करते , विदेशों में क्या हो रहा है , उस पर चर्चाये होती है , भूख , गरीबी , बेरोज़गारी , देश की हिंसक घटनाओं , किसानों के आंदोलन , मज़दूरों की मौतें , गंगा में तैरती लाशें , अस्पतालों में अवव्यस्था ,  ऑक्सीजन की कमी, दवाओं की  कीमतों में बेहिसाब लूट खसोट के साथ , मनमानी वृद्धि , पेट्रोल , गैस , बिजली , भ्रष्टाचार , अन्ना  हज़ारे की आकस्मिक चुप्पी , शैक्षणिक स्तर में सुधार ,  राजनीति का अपराधीकरण , पर चर्चा नहीं होती है , सिर्फ मुद्दे भटकाने के लिए , हिन्दू , मुस्लिम, नफरत ,  पाकिस्तान , अफगानिस्तान ,  मंदिर , मस्जिद पर चर्चा  होती है , बोले ,  राजद्रोह , आंतकवादी , देश छोड़ कर चले जाओ के जुमले होते है  , पहली देश के प्रधानमंत्री है , जिन्होंने सात सालों में पत्रकारों से , सीधे उनके सवाल के जवाब देने के लिए , कोई  भी पत्रकार वार्ता नहीं  बुलाई है  , लोग अब खुद को ,  बहुसंख्यक समाज को इतना असुरक्षित महसूस करने लगे है , के दीपावली धनतेरस पर , तलवारें खरीदने की सलाह दे रहे है , जबकि ,  वोह खुद को असुरक्षित महसूस कर रोज़  , गिनती के लोगों से ,  असुरक्षा का  इन्तिज़ार कर रहे है , ,गांय के नाम पर सियासत करने वाले लोग , अब गांय का मांस  खाने वाले समर्थकों के साथ मिलकर ,, सरकार बना रहे हैं , उन्हें पार्टी का पदाधिकारी , राज्यों का सिरमौर बना रहे है , महिला नेताओं के लिए अभद्र टिप्पणियां ,  प्रतिपक्ष के नेता के सवालों का जवाब देने की जगह , उनके लिए अभद्र टिप्पणियां गेंग बनाकर की जाने लगी है , देश में ऐसा अनोखा भ्रष्टाचार , के ऍन सी पी के एक नेता , महारष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा में के साथ गठबंधन में शामिल होकर , सरकार बनाने लगे , और उनके खिलाफ जो भ्रष्टाचार के मुक़दमे थे , रातों रात खत्म , हरियाणा में , भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया , और फिर सरकार बनाने के गठबंधन के बाद  भ्रष्टाचार के आरोप में बंद ,  नेता जी , चंद घंटों में बाहर , जो लोग कांग्रेस या दूसरी पार्टियों में रहकर , टारगेट पर रहते है , निशाने पर रहते है , वोह भाजपा में शामिल हुए , सरकार बनाने में सहयोगी हुए , बस बन गए मंत्री ,  उनके सारे पाप खत्म ,  क्या  लिखूं  ,    लिखूं  कम  है , इनकी आँखों में तो शर्म नहीं , लेकिन मेरी आँखें नम  है  ,, देश बदल रहा है , सात सालों में देखो देश बदल रहा  है,,  काम के नाम पर सिर्फ योजनाओं के नाम ,पुरस्कारों के नाम , शहरों के नाम ,  स्टेडियम के नाम खुद के नाम करने के सिवा  कुछ   नहीं हुआ  है ,हाँ एक बदलाव आया है ,जब से कोरोना आया है ,तब से , देश की सरकार , देश में है , विदेशों की फ्लाइटों , विदेशों की महमानवाज़ी में बहुत कम है , , जी हाँ  दोस्तों देश सत्तर सालों में जो कर सका, वोह  अब सात सालों में , सम्पत्ति ठेके पर देकर , उद्योग ,संस्थान बंद करके ,, निजीकरण करके , बेचे जा रहे है , सहारा के सुब्रत राव ,  के खिलाफ मुक़दमे थे,  तो होंगे , सुप्रीमकोर्ट से सशर्त आज़ाद है तो होंगे ,  लेकिन सहारा जमा योजनाओं में , देश के हर राज्य  , राज्य के हर ज़िले में , हज़ारों हज़ार नहीं लाखों  लाख  परिवार बेसहारा है , सात सालों से उनकी बेटियों की शादी , बुढ़ापे के सहारे के रूप में जो राशि जमा थी वोह हड़प कर रखी है ,उसका कोई ब्याज  , मुनाफा , लाभांश , या मूल  नहीं दिया  जा रहा है ,ना जाने कितने लोग , कोरोना से या दूसरी  बिमारियों से मर चुके है , लेकिन उन्हें मदद  नहीं मिली है , उनका जमा  रुपया नहीं  मिला   है ,क्योंकि   देश बदल रहा  है   , ,आप  भी  बदलो  ,  खुद  को बदलो   ,  देश  को इस तरह से बदलने से रोको , भटके हुए , भटकजन की जगह , राष्ट्रजन बनों ,  राष्ट्रहित में जो सही है  उस पर जुबां खोलों  ,,सच बोलों , सच लिखो  , देश को बचाने के लिए ,  बेहतर लोगों   को फिर से सत्ता में लेकर आओ  ,,  आपके हाथों में ही देश  का भविष्य है ,, जुमलों  में ,  झूंठ में ,फरेब में , जितना आ गए ,आगये ,   अब खुद को भी बदलो  ,  देश के हालात फिर से खुशहाल करने के लिए ,  सरकारों को भी   बदलो ,,,चलो  मत बदलो ,  लेकिन राष्ट्रिय मुद्दों  ,,  जनहित के मुद्दों  , किसानों के मुद्दों  , देश की सुख शान्ति के  मुद्दों , बेरोज़गारों को रोज़गार देने के  मुद्दों ,महंगाई नियंत्रण करने के मुद्दों ,मरीज़ों की दवाओं की कीमतों के नियंत्रण के मुद्दों  , विकास के मुद्दों  ,  नए  उद्योगों   की स्थापना , पुराने उद्योगों ,  कंपनियों  ,स्टेशन  , एयरपोर्ट को बेचने या निजीकरण  के मुद्दों  ,  उद्योपतियों  के हाथों  में कत्थक  डांस  कर उनके फायदे के लिए कत्थक करने के स्वीकृत मुद्दों  पर कुछ तो बोलिये ,  जुबां तो खोलिये , देश  के लिए कुछ तो कीजिये ,  भटके हुए हो ,  ओरिजनल राष्ट्रवाद का वास्ता , राष्ट्र , राष्ट्र के हित संवर्धन  की तरफ तो बोलिये ,,    ,,  अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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