अपने मन में छुपे पूण्य के उदगार , सेवा समर्पण , बेज़ुबान पशु पक्षियों की सेवा के लिये उजागर रखने वाले भाई उजागर सिंह , प्रदेश पदाधिकारी अल्पसंख्यक , अधिकारी कर्मचारी महासंघ को उनकी सालगिराह पर
बधाई
, मुबारकबाद , अपने राजकार्य को पूर्ण महनत लगन से करने के साथ साथ
बेज़ुबान परिंदो की भूख प्यास की परवाह करने वाले उजागर सिंह यूँ तो एम बी
एस मेडिकल कॉलेज कोटा में रेडियोलॉजिस्ट प्रभारी के बाद , अब जे के लोन
कोटा में है,, लेकिन उनकी पहचान समाज में सेवा समर्पण कार्यो से बनी हुई
है ,उजागर सिंह अल्पसंख्यक कर्मचारी ,,अधिकारी महासंघ में भी , हारून खान
की टीम में, प्रदेश पदाधिकारी होने के नाते ,कर्मचारियों के दुःख दर्द से
सीधा नाता रखते है ,,उजागर सिंह ने कोटा एम बी एस मेडिकल कॉलेज में जब चार
वर्ष पूर्व कार्यभार संभाला तो अव्यवस्थाओ के चलते वाहन प्रति दिन पचास
एक्सरे ,,पच्चीस सोनोग्राफी ,,आठ एम आर आई,, पांच सीटी स्केन ,,का रिकॉर्ड
था ,,मरीज़ परेशांन थे ,लेकिन उजागर सिंह ने कार्यभार संभालने के बाद कामकाज
को व्यवस्थित किया ,,समयबद्ध किया ,,पहले वहां छह मशीने और आठ का स्टाफ था
,, लेकिन वर्तमानं में पंद्रह का स्टाफ है ,, कामकाज की अधिकता देखते
हुए ,,उजागर सिंह खुद ,,अपने निर्धारित ड्यूटी समय से दो घंटे प्रतिदिन
अधिक काम करते है ,,,वर्तमानं में यहां एक्स रे जांच ,,एम आर आई ,,सी टी
स्केंन व् अन्य रेडियोलॉजी जांचे ,,लाखो रूपये प्रतिदिन की होने लगी है
,,मेडिकल कॉलेज में मरीज़ो की सुविधानुसार तुरंत जाँच हो रही है जबकि मेडिकल
कॉलेज को इन जांचो से अब तक करोडो रूपये की आमदनी भी हो चुकी है ,जबकि
वरिष्ठ नागरिक ,,बी पी एल वगेरा की जांचे अलग है ,,अपने व्यस्त समय में से
उजागर सिंह रोज़ आधा घंटा बेज़ुबान परिंदो के लिए निकालते है ,, इनके निवास
की छत पर रोज़ सुबह सवेरे कई सालों से दाने पानी के हक़ में ,,परिंदे आ धमकते
है और ची ची करके अपना हक़ जताते है ,,उजागर सिंह प्रतिदिन सुबह सवेरे पांच
किलो बाजरा छत पर डालते है जिसे चुगने के लिए दो हज़ार से भी अधिक परिंदे
छत को खुशनुमा बना देते है ,,इनकी छत पर तोते ,मोर ,,कबूतर ,,कोयल ,,चिड़िये
सहित कई दुर्लभ पक्षी भी रोज़ आते है ,,इतना ही नहीं उजागर सिंह अपने
क्षेत्र में भूख से बिलखते कुत्तो को नियमित रूप से दो किलो दूध प्रतिदिन
पिलाते है ,,,,जानवरो ,,पशु पक्षियों को भी इनसे प्रेम है ,सुबह इनकी छत पर
परिंदो के प्यार का अजीब नज़ारा होता है ,,,उजागर सिंह अपने समाज के लिए भी
समय निकालते है ,,जबकि यारी दोस्ती में याराना भी निभाते है ,,यह
अल्पसंख्यक कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश पदाधिकारी होने के नाते
कर्मचारियो की समस्याओं और उनके निदान के प्रति भी नियमित सजग और सतर्क
रहते है ,,ऐसे मानवता प्रेमी ,,बेज़ुबान जानवरो के दोस्त ,,उजागर सिंह साहिब
की क़ाबलियत में से सिर्फ कुछ अंश ही में उजागर कर पा रहा हूँ ,,ऐसे उजागर
को मेरा सलाम ,,सेल्यूट ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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