tagged you and 16 others in a post: भाई इमरान प्रतापगढ़ी जी , भाई शमशेर खान भालू जी , भाई तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के हम जैसे लोग जी , काश इस आवाज़ को सुन लेते , इस आवाज़ पर कोई चिंतन , मंथन कर ,भटके हुए अधिकारीयों , संघ विचारधारा के अधिकारीयों से , मुख्य मंत्री अशोक गहलोत , शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा के जो उर्दू पढ़ने का इच्छुक है , उसे उर्दू पढ़ाई जायेगी , चाहे गेस्ट फेकेल्टी ही क्यों ना करना पढ़े , जैसे निर्देशों की पालना करवा पाते , काश इमरान प्रतापगढ़ी जी , कल आप , इस सहित , सारे हमारे दर्दों पर ,बात करते , , पत्रकारों को , ज़मीनी हक़ीक़त बताते , राजस्थान ने आपको अभूतपूर्व स्वागत , महमानवाजी दी , है , खुद मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत ने , क्वारेंटाइन के बावजूद भी , आपसे मुलाक़ात की है ,शायद उन्होंने सोचा हो , आप कुछ अपने लोगों की बात करेंगे , खुद प्रदेश अध्यक्ष , गोविन्द सिंह जी डोटासरा साहब , आपके इस्तेकबाल में आये है , उन्होंने शायद सोचा हो ,आप कुछ प्रतिनिधित्व , उर्दू निदेशालय , एकेडमी ,बोर्ड वगेरा की बात करेंगे , लेकिन ,,,,,, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी , हम उदास है , मायूस है , अपनी जंग खुद लड़ने की तैयारी में है ,,, "#ओ_मुहिब्बाने_उर्दू_कहाँ_हो_तुम मेरा बेटा महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय(अंग्रेजी माध्यम), मल्टीपरपज, गुमानपुरा, कोटा में कक्षा 6 में अध्ययनरत है। मैंने संस्था प्रधान को शाला दर्पण में तृतीय भाषा के रूप में उर्दू चयनित करने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर दिया है। शिक्षा विभाग के नियमानुसार शाला दर्पण पर जो तृतीय भाषा का चयन छात्र करता है स्कूल प्रशासन को उसकी पढ़ाई और मूल्यांकन की ज़िम्मेदारी लेनी होगी, लेकिन इस विद्यालय के प्रधानाचार्य बोल रहे हैं कि जब तक उर्दू की पोस्ट स्वीकृत नहीं हो जाती संस्कृत के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है, साथ ही साथ उनको अगले 7 दिनों तक मिलने की फुर्सत भी नहीं है। *मेरा समस्त समाजसेवकों से निवेदन है कि उर्दू की फलाह और बक़ा के लिए विद्यालय प्रबंधन से मिलें और कक्षा 6 से 10 तक के मुस्लिम बच्चों की सूचना एकत्रित करें, मल्टीपरपज इंग्लिश मीडियम स्कूल में काफी संख्या में मुस्लिम स्टूडेंट्स हैं, लेकिन प्रशासन उनको बेवकूफ बनाकर सबको ज़बरदस्ती संस्कृत पढ़वा रहा है, मेरे एक आदेश की कॉपी प्रधानाचार्य को भेजने से पहले तक वो बोल रहे थे कि इंग्लिश मीडियम में तृतीय भाषा के रूप में उर्दू पढ़ने का कोई ऑप्शन ही नहीं है, बाद में जब मैंने उन्हें आदेश की पीडीएफ सेंड की तब उन्होंने कहा कि पोस्ट स्वीकृत होने पर उर्दू मिलेगी, जबकि नियमानुसार शाला दर्पण पर यदि तृतीय भाषा के रूप में उर्दू अंकित की जाती है तो संस्था प्रधान का दायित्व है कि वो उर्दू भाषा के अध्यापन एवं मूल्यांकन की व्यवस्था करवाए।* उर्दू के अध्यापकों के तबादले मात्र से एक लाख से अधिक लोगों का विरोध प्रदर्शन करने वाला *कोटा शहर* वर्तमान में राजकीय विद्यालयों में टॉप रेंक के विद्यालय *मल्टीपरपज इंग्लिश मीडियम स्कूल, गुमानपुरा, कोटा* में उर्दू नहीं पढ़ाने पर ख़ामोश है, क्योंकि हक़ीक़त में वो संघर्ष उर्दू के लिए नहीं बल्कि उर्दू अध्यापकों के लिए किया गया था। *सब उर्दू अध्यापक
बधाई
के पात्र हैं जो अपनी जगह लगे हुए हैं, और बधाई
की पात्र है वो संस्था जो उर्दू की फलाह और बक़ा के लिए उस समय वुजूद में आई थी* मैं या कोई अन्य अभिभावक व्यक्तिगत रूप से तो अपने बच्चे को शाला दर्पण पर उर्दू अंकित करवाकर उर्दू पढ़वा सकते हैं, लेकिन जब तक पर्याप्त मात्रा में छात्रों का पंजीकरण शाला दर्पण पर तृतीय भाषा उर्दू के रूप में नहीं होगा, उर्दू की पोस्ट उस विद्यालय में स्वीकृत नहीं होगी, इसलिए मुहिब्बाने उर्दू और उर्दू के नाम से कोटा के मुसलमानों की भावनाओं को इस्तेमाल कर वुजूद में आई संस्था एवं समाजसेवकों से मेरा निवेदन है कि उर्दू की फलाह और बक़ा के लिए शीघ्रातिशीघ्र स्कूल प्रशासन से मिलकर न केवल *मल्टीपरपज इंग्लिश मीडियम स्कूल, गुमानपुरा, कोटा* में बल्कि हर उस विद्यालय में जहाँ पर्याप्त संख्या में उर्दू पढ़ने वाले बच्चे मौजूद हैं, विज़िट करें, सूचना एकत्रित करें, अभिभावकों से संपर्क करें एवं उनको शाला दर्पण पर अपने बच्चों को तृतीय भाषा के रूप में उर्दू अंकित करने हेतु प्रेरित करें, यह केवल एक बार की एक्सरसाइज है, एक बार पोस्ट सेंक्शन हो जाने के बाद विद्यालय प्रबंधन के पास कोई बहाना नहीं रहेगा। मंज़ूर हुसैन (संघर्षरत अभिभावक)". You can choose if you want to add it to your timeline.منظور wrote: "#ओ_मुहिब्बाने_उर्दू_कहाँ_हो_तुम मेरा बेटा महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय(अंग्रेजी माध्यम), मल्टीपरपज, गुमानपुरा, कोटा में कक्षा 6 में अध्ययनरत है। मैंने संस्था प्रधान को शाला दर्पण में तृतीय भाषा के रूप में उर्दू चयनित करने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर दिया है। शिक्षा विभाग के नियमानुसार शाला दर्पण पर जो तृतीय भाषा का चयन छात्र करता है स्कूल प्रशासन को उसकी पढ़ाई और मूल्यांकन की ज़िम्मेदारी लेनी होगी, लेकिन इस विद्यालय के प्रधानाचार्य बोल रहे हैं कि जब तक उर्दू की पोस्ट स्वीकृत नहीं हो जाती संस्कृत के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है, साथ ही साथ उनको अगले 7 दिनों तक मिलने की फुर्सत भी नहीं है। *मेरा समस्त समाजसेवकों से निवेदन है कि उर्दू की फलाह और बक़ा के लिए विद्यालय प्रबंधन से मिलें और कक्षा 6 से 10 तक के मुस्लिम बच्चों की सूचना एकत्रित करें, मल्टीपरपज इंग्लिश मीडियम स्कूल में काफी संख्या में मुस्लिम स्टूडेंट्स हैं, लेकिन प्रशासन उनको बेवकूफ बनाकर सबको ज़बरदस्ती संस्कृत पढ़वा रहा है, मेरे एक आदेश की कॉपी प्रधानाचार्य को भेजने से पहले तक वो बोल रहे थे कि इंग्लिश मीडियम में तृतीय भाषा के रूप में उर्दू पढ़ने का कोई ऑप्शन ही नहीं है, बाद में जब मैंने उन्हें आदेश की पीडीएफ सेंड की तब उन्होंने कहा कि पोस्ट स्वीकृत होने पर उर्दू मिलेगी, जबकि नियमानुसार शाला दर्पण पर यदि तृतीय भाषा के रूप में उर्दू अंकित की जाती है तो संस्था प्रधान का दायित्व है कि वो उर्दू भाषा के अध्यापन एवं मूल्यांकन की व्यवस्था करवाए।* उर्दू के अध्यापकों के तबादले मात्र से एक लाख से अधिक लोगों का विरोध प्रदर्शन करने वाला *कोटा शहर* वर्तमान में राजकीय विद्यालयों में टॉप रेंक के विद्यालय *मल्टीपरपज इंग्लिश मीडियम स्कूल, गुमानपुरा, कोटा* में उर्दू नहीं पढ़ाने पर ख़ामोश है, क्योंकि हक़ीक़त में वो संघर्ष उर्दू के लिए नहीं बल्कि उर्दू अध्यापकों के लिए किया गया था। *सब उर्दू अध्यापक
बधाई
के पात्र हैं जो अपनी जगह लगे हुए हैं, और बधाई
की पात्र है वो संस्था जो उर्दू की फलाह और बक़ा के लिए उस समय वुजूद में आई थी* मैं या कोई अन्य अभिभावक व्यक्तिगत रूप से तो अपने बच्चे को शाला दर्पण पर उर्दू अंकित करवाकर उर्दू पढ़वा सकते हैं, लेकिन जब तक पर्याप्त मात्रा में छात्रों का पंजीकरण शाला दर्पण पर तृतीय भाषा उर्दू के रूप में नहीं होगा, उर्दू की पोस्ट उस विद्यालय में स्वीकृत नहीं होगी, इसलिए मुहिब्बाने उर्दू और उर्दू के नाम से कोटा के मुसलमानों की भावनाओं को इस्तेमाल कर वुजूद में आई संस्था एवं समाजसेवकों से मेरा निवेदन है कि उर्दू की फलाह और बक़ा के लिए शीघ्रातिशीघ्र स्कूल प्रशासन से मिलकर न केवल *मल्टीपरपज इंग्लिश मीडियम स्कूल, गुमानपुरा, कोटा* में बल्कि हर उस विद्यालय में जहाँ पर्याप्त संख्या में उर्दू पढ़ने वाले बच्चे मौजूद हैं, विज़िट करें, सूचना एकत्रित करें, अभिभावकों से संपर्क करें एवं उनको शाला दर्पण पर अपने बच्चों को तृतीय भाषा के रूप में उर्दू अंकित करने हेतु प्रेरित करें, यह केवल एक बार की एक्सरसाइज है, एक बार पोस्ट सेंक्शन हो जाने के बाद विद्यालय प्रबंधन के पास कोई बहाना नहीं रहेगा। मंज़ूर हुसैन (संघर्षरत अभिभाव
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