राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , जादूगर है , उनकी जादूगरी ,,कोंग्रेस में संकट मोचक ,फार्मूला है ,, वोह कांग्रेस के एक सच्चे सारथी है , मुख्यमंत्री के रूप में उनके फैसले जननायक की तरह,,, ,जनप्रिय है , जबकि , कांग्रेस के अल्पमत लंगड़े बहुमत को भी वोह , बैसाखियों से चलाकर , इतनी पुख्ता , ,इतनी मज़बूत कर लेते है , के कांग्रेस अपने दोनों पैरों पर खडी होकर , विकास योजनाओं , गरीब मज़दूरों की हितकारी योजनाओं के साथ , पुरे पांच साल डंके की चोट पर जनहित कार्यों के साथ पूरा करती है ,, कहते है कोई यूँ ही जननायक नहीं हो जाता , कोई यूँ ही , संकट मोचक नहीं बन जाता , कोई यूँ ही , गरीबों का मसीहा नहीं बन जाता , कोई यूँ ही , अशोका दी ग्रेट ,, लोगों के दिलों की धड़कन , लोगों के दिलों का सम्राट नहीं हो जाता , इसके लिए , अशोक गहलोत की तरह , संवेदनशील बनना पढ़ता है , जनता के प्रति ज़िम्मेदार बनना पढ़ता है ,, पक्षपात से अलग थलग रहकर , निष्पक्ष ,, निर्भीक रहकर , गरीब , मज़दूर , किसान , महिलाओं , युवा सहित , सभी छत्तीस क़ौमों के लिए , गाँधीवादी विचारक बन , ईमानदारी से , दिन रात , अपने घर परिवार की तरह , आम लोगों के लिए फिक्रमंद होकर , सस्कारात्मक , कल्याणकारी , काम करना पढ़ता है , ,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिस तरह ,से ,, राजस्थान में कोरोना संकट के वक़्त , पहली और दूसरी लहर के वक़्त , कोई भूखा ना सोये ,, सभी को मुफ्त इलाज मिले , हर व्यक्ति को , तत्काल इलाज मिले , पीड़ित परिजनों को कल्याणकारी व्यवस्थाएं , क्षतिपूर्ति भत्ते , क्षतिपूर्ति राशि तत्काल मिले , इसके लिए भी अशोक गहलोत की अनुकरणीय योजनाए रही , है , जबकि अशोक गहलोत सरकार ने इन हालातों के बावजूद भी , राजस्थान के विकास का रथ रुकने नहीं दिया , राजस्थान में विकास , सौंदय्रकरण की योजनाए , चरम सीमा पर हैं , संवेदनशीलता देखिये ,, भाजपा के दिवंगत विधायकों के नाम पर भी , उनके क्षेत्र के किसी भी विश्विधायलय , या भवन का नामकरण रखा गया है ,, विधायकों को उनके क्षेत्र के विकास के लिए पांच करोड़ ,प्रतिवर्ष , हर वर्ग को , आर्थिक मदद , उन्हें सबसे अलग , सबसे जुदा कर देती है , अशोक गहलोत की यही महानता , उन्हें मज़बूती देती है , ताक़त देती है , और राजस्थान की जनता के बल पर ही , अशोक गहलोत उनके , उनकी सरकार के , कांग्रेस पार्टी के , राजस्थान के विकास , राजस्थान की अस्मिता , स्वाभिमान के खिलाफ जो भी खरीद फरोख्त ,, का बाज़ार हो , उकसाने ,भड़काने की सियासत हो ,तोड़फोड़ हो , कांग्रेस को ब्लेकमेल कर मनमानी करवाने की साज़िशें हो , फिर चाहे उसमे केंद्र सरकार की पूरी ताक़त लगी हो ,,, खोतळी खुली हुई हो , बढे बढे लालच के पासे फेंके गए हो ,, खुद महामहीम , विधानसभा के सत्र बुलाने तक में , ना नुकुर करने के प्रयास कर रहे हो , ऐसे में , अशोक गहलोत का नेतृत्व , बगावत के तेवरों , भड़काऊ कार्यक्रमों ,, के बावजूद भी , सुर्खुरू होकर , कांग्रेस को बचाते है , राजस्थान के स्वाभिमान को बचाते है , राजस्थान की सरकार को बचाते है ,, अशोक गहलोत ही हैं ,जिनकी कोरोना नियंत्रण मैनेज़मेंट की , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने , दिल खोल कर तारीफ़ की है , अशोक गहलोत ही है ,, जिन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में , राजस्थान को ऑक्सीजन दिलवाने , वेक्सिनेशन , रेमडेसिविर इंजक्शन ,ब्लेक फंगस की दवाये प्रबंधन , वेंटिलेटर वगेरा के लिए , लगातार , केंद्र सरकार में , प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी से , लगातार आँखों में आँखे डालकर , राजस्थान के लिए मदद ली है , अशोक गहलोत ही है , जिनकी लगातार मांग पर , केंद्र सरकार की वेक्सिनेशन सप्लाई की ट्रिपल क़ीमत , व्यवस्था को खुद प्रधानमंत्री जी को बदलना पढ़ा ,, उन्होंने , केंद्र सरकार , राज्यों की सरकार , और निजी अस्पतालों के लिए अलग अलग वेक्सिनेशन बिक्री की क़ीमते निर्धारित की थी ,लेकिन अशोक आंदोलन की वजह से , देश की आम जनता और , राज्यों का , राजस्थान राजय का , 18 अरब रूपये से भी ज़्यादा रुपया , वेक्सिनेशन कंपनियों की जेब में बेवजह जाने से बच गया ,, अशोक गहलोत , जहाँ रहते है , जिस पद पर , रहते है , बिंदास रहते है , हंसमुख रहते है , मुस्कुराते है , और गरीबों के हमदर्द बनकर ,बढ़ी से बढ़ी समस्याओं का समाधान करते है , भ्रष्टाचार के खिलाफ , संबंधित एजेंसियों को खुली छूट देकर , लगातार अभियान चलवाकर ,भ्रष्टाचार के कीड़े , मकोड़े अफसरों को पकड़वाते है , सज़ा दिलवाते है ,, कई बार उन्हें खुद की पार्टी के मंत्रियों , विधायकों के खिलाफ भी , भ्र्ष्टाचार की ,शिकायत जनविरोधी कार्यक्रमों की शिकायत , महिलाओं के साथ अत्याचार मामले में , कठोर फैसले लेकर , उन्हें जेल भेजना पढ़ा है ,, लेकिन वोह अशोक गहलोत है ,कहते है , शासन से बढ़कर कोई अपना पराया नहीं होता , यह अशोक गहलोत ने साबित कर दिखाया है , , अशोक गहलोत , किसी भी पद पर रहे , घमंड नहीं करते है , आम जनता से दुरी नहीं बनाते है , उनकी एक भी शिकायत ऐसी नहीं है , के उन्हें , उनके हमदर्दों ने , स्वागत के लिए रोका हो , और वोह उनका दिल तोड़ कर , उनकी मालाये तोड़ कर , बिना माला पहने निकल गए हो ऐसा कभी किसी यात्रा के दौरान,, कई दूसरे नेताओं की तरह उन्होंने कभी नहीं किया है ,, , अशोक गहलोत , फूलों की माला नहीं पहनते , लेकिन सूत की माला का स्वागत वोह स्वीकार करते है ,, वोह कार से उतरते है , कार्यकर्तों में ,उनके हमदर्दों में जाते है ,उनके दुःख दर्द सुनते है , उनसे पारिवारिक वातावरण में वार्तालाप करते है , जहाँ वोह जाते है ,, वहां वोह ,, लोगों का दिल जीत लेते है ,,, उनके दफ्तर में , जो भी सुझाव , जो भी पत्र जाते है ,उन्हें वोह पढ़ते है , उन पर कार्यवाही के आदेश देते है , यथासम्भव , जवाब भी देते है , , अशोक गहलोत का एक वाक़िया याद आता है , सांगोद के , विधायक भरत सिंह जी के विधासनभा क्षेत्र में किसान रैली थी , अशोक गहलोत , रैली के बाद ,बारां , सीमलिया कोटा रोड से , वापस कोटा लोट रहे थे ,, रास्ते में , पोलाई कलां , गावं के सरपंच पुष्पेंद्र सिंह , जो देहात कांग्रेस के जिला महासचिव भी थे , उनका , कहना ,था , अशोक जी कोटा के लिए इसी मार्ग से निकल रहे है ,, उन्हें रोक , सरपंच साहिब के ढाबे पर , अशोक जी का स्वागत करना है, अशोक गहलोत साहब का स्वास्थ्य खराब , उन्हें जाने की जल्दी थी , लेकिन ,, वहां स्वागत के लिए एकत्रित कांग्रेस जनों में ,पोलाई कलां सरपंच पुष्पेंद्र सिंह हाड़ा ,, सुल्तानपुर के पूर्व प्रधान रईस खान सहित कई जनप्रतिनिधयो , साथ , ,मुझ अख्तर खान अकेला ने , प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य , प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग का कोटा संभाग का चेयरमेन होने के नाते , उनकी गाडी रोकी , मेरे हाथ में माला थी , वोह जल्दी जाना चाहते थे , मेरा उनसे आग्रह था , के आप को , गाड़ी से उतरना होगा , कार्यकर्ताओं से सीधी बात करना होगी , उनके साथ थोड़ा वक़्त गुज़ारे , वोह आपका साथ , आपका आशीर्वाद , चाहते है , अशोक गहलोत के हाथ में मोबाईल,, मोबाईल , पर , वोह आवश्यक मेसेज दे रहे थे , उन्होंने वोह काम किया ,और हाड़ोती के ही नहीं राजस्थान के विकासपुरुष , शान्ति कुमार धारीवाल , गांधीवादी , पंकजमेहता ,, रविंद्र त्यागी , सहित , लम्बे लवाजमे के साथ , वोह कार से ,उतरे थोड़ा नहीं , कार्यकर्ताओं की उम्म्मीद से बहुत ज़्यादा ,रुके , , ,ढाबे पर एकत्रित एक एक कार्यकर्ता से परिचित हुए , पारिवारिक माहौल में ,हंसी मज़ाक़ किया ,, जो साथ लवाजमे में ,थे सभी को नाश्ते का इन्तिज़ार किया ,, कुछ कहा ,कुछ सूना ,, और थोड़े से वक़्त में , वहां एकत्रित ग्रावमासियों पदाधिकरियों को हमेशा के लिए , अपना फेंन , अपना समर्थक , अपना पुजारी बना लिया , कार्यकर्ता को यही सम्मान तो चाहिए , जो अशोक गहलोत , हर कार्यर्कता को बखूबी देते है , ,इसीलिए तो वोह अशोका दी ग्रेट है , अशोक महान है , संकट मोचक है , लंगड़े बहुमत को बैसाखी से मज़बूत कर ,बैसाखी हठा कर , कांग्रेस को दोनों पैरों पर खड़ी कर , मज़बूत सरकार चलाने की हिम्मत रखते है ,, जनता की दुआए उनके साथ है , वोह खरीद फरोख्त ,सरकारें गिराने , केंद्र सरकार की सारी कोशिशें , ,बगावत के लिए उकसाने के हर प्रयास को विफल कर , अपने नाराज़ साथियों को , फिर से अपने साथ , लाने ,उन्हें अपने बनाने की जादूगरी करते , है , वोह राजस्थान को सुरक्षित रखते है , संरक्षित रखते है , विकसित , सोंदर्यकरत रखते है , राजस्थान की जनता को , किसानों को , मज़दूरों को , महिलाओं को , कर्मचारी , अधिकारीयों को , कार्यकर्ताओं को , सभी छत्तीस क़ौमों को साथ लेकर , चलते है ,, इसीलिए तो अशोक गहलोत , अशोक गहलोत कहलाते है , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 जून 2021
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , जादूगर है , उनकी जादूगरी ,,कोंग्रेस में संकट मोचक ,फार्मूला है ,, वोह कांग्रेस के एक सच्चे सारथी है
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