यह मेरा कोटा है , यहां एक तरफ सौदंर्यकरण , विकास के बेहिसाब ऐतिहासिक कार्यों से कोटा चमक रहा है , तो दूसरी तरफ , प्रतिपक्ष के बैठे लोग , अपनी ज़िम्मेदारियाँ भुलाकर , सिर्फ धरने , धरने ,का खेल रहे है ,, जी हाँ दोस्तों ,, हाल ही में भाजपा नेताओं का धरना ,, कलेक्टर के चैंबर में धरना , एक फैशन सा बन गया , ,धैर्य , संयम ,प्रोटोकॉल की भी सीमा होती है , कलेक्टर रोज़ , मनाते , रोज़ इन नेताओं को समझाते , लेकिन जब पानी सर से हो गया ,, रोज़ रोज़ धरना फैशन सा हो गया , तो फिर ,, कोटा कलेक्टर को आखिर , क़ानून का पालक बनकर कहना ही पढ़ा , बहुत हुआ , रोज़ रोज़ समझाते है , नहीं मानते अब अगर ऐसा हुआ , तो अब मजबूरी में टाँगा टोली करके उठवाना शुरू कर देंगे , और विधि अनुसार मुक़दमा भी दर्ज करवाएंगे , इस मामले में हाड़ोती विकास मंच के राजेंद्र सांखला ने तो , इन विधायकों द्वारा कलेक्टर के चैंबर में धरने के नाम पर , कोविड प्रोटोकॉल जैसे ,, नाज़ुक मौके पर ,भी राजकार्य में बाधा करने पर , कार्यवाही की मांग को लेकर , पुलिस उप अधीक्षक को , शिकायत सौंपी है , धरने , प्रदर्शन , प्रतिपक्ष का हक़ है , लेकिन उसका लॉजिक होना चाहिए , जनहित होना चाहिए ,, अभी कोटा में एक निजी चिकित्सालय में , रेमडिसीवीर इंजक्शन के ब्लेक करने का मामला , ज़बरदस्त था ,, शिकायत हुई ,एफ आई आर हुई ,निजी अस्पताल में , एक महिला को , इंजक्शन लेकर देने पर भी , गुलुकोस चढ़ा दिया गया ,, कोई कार्यवाही नहीं हुई , ऐसे मामले में ,, प्रतिपक्ष को , संवेदनशील बनकर , धरना प्रदर्शन करना चाहिए था , लेकिन वहां , तो , ज़ुबान भी बंद , आँख भी बंद , और धरने प्रदर्शन की चेतावनी भी नहीं , अस्तपालों में , आम जनता को बीमित होने पर भी , चिंरजीवी योजना का लाभ नहीं देने की आम शिकायते रही , अख़बारों में प्रकाशन हुआ , लेकिन उन अस्पतालों के खिलाफ चिरंजीवी योजना के तहत जनता को उनका हक़ नहीं देने पर , कोई धरना नहीं , कोई प्रदर्शन नहीं , अस्पतालों के खिलाफ , कार्यवाही ,उनका लाइसेंस केंसिल करने की कोई डिमांड नहीं , कोटा में एरयपोर्ट की घोषणा के बाद भी , ,केंद्र सरकार का , एयरपोर्ट निर्माण की तरफ कोई क़दम नहीं ,, ऐसे में भाजपा विधायकों का कोई धरना , प्रदर्शन नहीं ,, कोटा में , ऑक्सीजन की मारा मारी रही , ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों की मोत हुई , वक़्त पर , केंद्र से दिए जाने वाले रेमडिसीवीर इंजक्शन और दवाये उपलब्ध नहीं हुई ,, वेंटिलेटर केंद्र से खराब आये ,, वेक्सिनेशन राजस्थान को उपलब्ध नहीं हो रही है ,, किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा , आंधी तूफ़ान , बारिश , से जो नुकसान हुआ है , उसकी भरपाई को लेकर कोई आंदोलन , कोई धरना , कोई प्रदर्शन नहीं ,, केंद्र से आम जनता को सुविधाएं , जिदंगियां , जीवनदायी दवाये दिलवाने की कोई पहल नहीं , कोई केंद्र पर दबाव नहीं ,, केसा विपक्ष , कैसे जनप्रतिनिधि , जो अस्तपालों में , इंजक्शन की ब्लैकमार्केटिंग ,, अस्पतालों में , इंजक्शन की जगह गुलुकोस चढाने के मामले में , प्रशासन की चुप्पी ,, पुलिस की धीमी गति अनुसधना पर एक सवाल नहीं उठाते है , ,त्वरति जांच , त्वरित कार्यवाही की मांग को लेकर , एक ज्ञापन भी पुलिस अधीक्षक या जिला कलेक्टर कोटा को नहीं देते है ,, चिरंजीवी योजना में , संविदा के बाद भी , आम सुपात्र लोगों को , यह निजी अस्पताल उन्हें , लिखी अनुबंध के बाद भी लाभ नहीं देते है , जनता से बिल ज़बरदस्ती लेते है ,शिकायतें होती है , लेकिन जनता के पक्ष में , यह विधायक , यह प्रतिपक्ष की पार्टी के नेता , कलेक्टर को ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही के लिए एक ज्ञापन भी नहीं देते है , अख़बारों तक में कोई बयान नहीं देते है , ,किसान रो रहे है , लेकिन उनके पक्ष में , समर्थन मुल्य खरीद , खाद आपूर्ति ,, बिजली के बिलों की माफ़ी ,, व्यापारियों के , आम जनता के बिजली के बिलों की माफ़ी , मामले सहित ,,कोटा बिजली कम्पनी की लूट के खिलाफ ,, यह विधायकगण , यह प्रतिपक्ष नेता , एक शब्द नहीं बोलते है ,, यह विधायक , यह प्रतिपक्ष के नेता निजी स्कूलों में , ज़ीरो सेशन होने पर भी , स्कूलों में फीस टेरिफ , और फ़ीस वसूली के जबरिया व्यवस्था पर एक आवाज़ नहीं उठाते है ,, यह विधायक , यह प्रतिपक्ष के नेता , आवागमन के वक़्त , ज़रूरतमंद लोगों के साथ पुलिस अभद्रता मामले में , एक निरीक्षक बन कर , सच क्या है , झूंठ क्या है , क्या ज़बरदस्ती चालान बाज़ी हुई , आम जनता को परेशानी हुई , इस मामले में तो एक शब्द नहीं बोलते है , ,तो फिर जनाब यह प्रतिपक्ष के विधायक , यह प्रतिपक्ष के नेता करते क्या है ,, अस्पतालों में विधायक कोष से , व्यवस्थाएं करना ,, खाद्य सामग्री के लिए , सामग्री वितरित करवाना , यह सरकार का पैसा है , कोई एहसान करने वाली बात नहीं , तो फिर तो , जनहित मामले में , प्रतिपक्ष , विधायक , और यह नेतागण ,, टांय टांय फिस्स ही साबित हुए ना , इनका आंकलन यह खुद करें , , जनता तो इनकी इस चुप्पी को , देख रही है , जनता केंद्र से , राजस्थान , कोटा को मदद दिलवाने के मामले में , इनके उपेक्षित रवैये को देख रही है , एयरपोर्ट मामले में इनका पतली गली से निकल जाना , जनता देख रही है , है ,अस्पतालों के घोटाले , इंजक्शन ब्लेकमार्केटिंग , , इंजक्शन की जगह , गुलुकोस चढ़ाने की स्वीकारित शिकायतों के बाद भी इनकी खामोशी ,, जनता देख रही है , जनता देख रहे है , के प्रतिपक्ष के नाते , एक निर्वाचित विधायक होने के नाते , एक केंद्र में सरकार के सियासी पार्टी पक्षकार होने के नाते , कोटा में ,, कोटा की जनता के प्रति इनकी क्या ज़िम्मेदारियाँ है , और यह क्या कर रहे है , अभी भी कुछ बिगड़ा , कोटा के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर साथ ,दो भ्रस्टाचारियों के खिलाफ जम कर आवाज़ उठाओ ,, बिजली के बिल माफ़ करवाने , ,बिजली कम्पनी की लूट के खिलाफ आवाज़ उठाओ , ,किसानों खाद आपूर्ति करवाओ ,, बिजली , पानी की व्यवस्था के साथ , उनकी फसल खराबे की आवाज़ उठाओ , जनता को अस्पतालों में जो लूटा है , चिरंजीवी योजना का लाभ जो नहीं मिला है , और नहीं मिल रहा है , , जो निजी अस्पतालों में , इंजक्शन ब्लैकमार्केटिंग , गुलुकोस लगाने की शिकायते है , ,उनके हक़ में बोलो , ऐस पी के यहां जाकर धरना प्रदर्शन करो , एयरपोर्ट की मांग उठाओ , केंद्र से राज्य को हर तरह की मदद के लिये धरना प्रदर्शन करो , पेट्रोल , डीज़ल की कीमतों को कम करवाने के लिए आवाज़ उठाओ , स्कूलों की फ़ीस कम करवाने , या व्यवहारिक फीस करवाने के लिए आवाज़ उठाओ , मुद्दे जनहित के बहुत है , लेकिन तुम निजी हित से ऊपर उठ कर ,, सियासत से ऊपर उठकर , जनहित में एक बार सोचो तो सही , प्रतिपक्ष बनकर , एक बार जनता के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का हक़ निभाओ तो सही ,, , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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