कुछ लोग भी अजीब है , बैंकों में बेलेंस है , पेट भरे हुए है ,, अल्लाह का करम है , कोई तकलीफ नहीं है , रिश्तेदार , दोस्तों , पड़ोसियों की फ़िक्र नहीं है , और बस जुमले भेजते रहते है , हाथ जोड़ कर विनती है , घर रहे , स्टे होम ,, गज़ब लोग हैं ना , उन्हें पता , नहीं उनके अपने शहर , उनके अपने मोहल्ले में , कितने परिवार बिलख रहे है , कितने लोग अस्प्ताल की लाइनों में , ऑक्सीजन , रेमडीसीवीर इंजक्शन के लिए भटक रहे है , बिस्तर नहीं मिल रहे है , रास्ते में पुलिस की बद्तमीज़ियां डाँट डपट सह रहे है ,, इनकी मदद कौन करेगा , अरे कैसे रहे , स्टे होम , कैसे कहें , ,घर में रहिये सुरक्षित रहिये , खुद को सुरक्षित रखना , दूसरों को तड़पता देखना , क्या इंसानियत है , यह शर्मसार करने वाले जुमले बंद कीजिये जनाब ,, किसी की मदद ज़रूर कीजिये , मदद नहीं भी हो तो कोशिश ज़रूर कीजिये , ,अख्तर
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 मई 2021
कुछ लोग भी अजीब है , बैंकों में बेलेंस है , पेट भरे हुए है
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