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16 मई 2021

विज्ञाननगर कोटा मेन चौराहा सोनू कोल्ड ड्रिंक के सामने स्थित ,जय मेडिकल स्टोर के पास , दवा होने पर भी , एक कोंग्रेसी नेता को , मेडकल स्टोर ने दवा देने से इसलिए इंकार कर दिया , क्योंकि पर्चे में लिखी बाक़ी दूसरी दवाये उन्होंने दूसरे मेडिकल स्टोर से खरीद ली थी,

 विज्ञाननगर कोटा मेन चौराहा सोनू कोल्ड ड्रिंक  के सामने स्थित ,जय  मेडिकल स्टोर के पास , दवा होने पर भी ,  एक कोंग्रेसी  नेता को , मेडकल स्टोर ने दवा देने से इसलिए इंकार कर दिया , क्योंकि पर्चे में लिखी बाक़ी दूसरी दवाये उन्होंने दूसरे मेडिकल स्टोर से खरीद ली थी, और  जय मेडिकल ने ,दवा निकालने के बाद भी , यह दवा देने से इंकार कर दिया ,, हरपाल राणा सचिव राजस्थान प्रदेश युवा को युवा कांग्रेस की लिखित शिकायत के बावजूद भी ,  इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं होना , ड्रग कंट्रोलर की जांच   को शक के दायरे में खड़ी करता है ,, देश में कोरोना   संक्रमण के  दौर में मेडिकल एमरजेंसी है ,, राजस्थान के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , रोज़  मर्रा ,दिन रात एक कर , लोगों को बचाने की कवायद में है ,  कोटा के  केबिनेट मंत्री शान्तिधारीवाल के ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश है , लेकिन कोटा के ड्रग कंट्रोलर , निरीक्षकों का , कोटा के मेडिकल स्टोरों पर , कोई कंट्रोल नहीं है , हालात यह है , के कोटा के मेडिकल स्टोर संचालक , इनकी शह पर आम आदमी तो दूर , खुद मुख्यमंत्री के प्रशंसकों , फ़ॉलोअर्स युवा नेताओं को भी अपमानित कर रहे है , दवाये देने से इंकार कर रहे है , हालात यह है , के शिकायत पर , ड्रग अधिकारी , ऐसे मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्यवाही की जगह , मांडोली की बातें कर रहे है , ,जी हाँ दोस्तों , कोटा के मेडिकल स्टोरों में , दवा , इंजक्शन , मेडिकल उपकरण , मामले में , किस तरह की खुली लूट है , कोटा वासियों का दर्द ही जानता है  ,, ऑक्सीजन मीटर की लूट , दवा लूट के नाम पर , स्टिंग ऑपरेशन चलाकर  कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ कार्यवाही भी हुई है , लेकिन जो ड्रग निरीक्षक ,  ड्रग नियंत्रक ,  जैसे अधिकारीयों के लाडले हैं , उन मेडिकल स्टोर के हौसले आज भी जनता के खिलाफ जस के तस बने है ,,,  कोटा विज्ञाननगर मुख्य चौराहे और स्थित राजीव प्लाज़ा ,  सोनू कोल्ड ड्रिंक के सामने स्थित ,, जय मेडिकल का कारनामा सुनिए ,, राजस्थान प्रदेश यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव , हरपाल सिंह राणा , को   उनकी श्रीमती के लिए दवा की  ज़रूरत थी , उन्होंने ,  डॉक्टर को दिखाया , और एक मेडिकल स्टोर से , दवाएं ली ,, मेडिकल स्टोर ने , सभी दवाये ,देकर  एक दवा ,, डेवसेट ऐ नहीं होने के कारण , दूसरे मेडिकल स्टोर से लेने के लिए कहा ,, हर पाल राणा , यह बकाया दवा लेने ,, 4 मई 2021 को जय मेडिकल , विज्ञानगर पहुंचे , पर्चा देखा , दवा निकाली ,और जब ,, दवा  निकालने  के बाद ,,  गैर फार्मेसिस्ट सहायक कर्मचारी ने ,, जय मेडिकल मालिक से , पर्चे में से एक दवा देने की बात कही , तो मालिक ने साफ़ इंकार करते हुए कहा , के हम सिर्फ एक दवा नहीं देंगे ,, लेना हो तो पूरी दवाये लो , हरपाल राणा ने आपत्ति जताई , ,तो जय मेडिकल मालिक ने कोई  सुनवाई नहीं की , उसी दिन ,, हरपाल राणा , ने तत्काल , इस घटना की सुचना ,संबंधित थानाधिकारी , संयुक्त निदेशक चिकित्सा को भी  फोन पर दी , जिन्होंने शिकायत  लिखकर ,ड्रग निंयन्त्रक को देने के लिए कहा ,, हर पाल राणा ने ,, दूसरे दिन 5 मई को इस मामले में विस्तृत लिखित शिकायत ड्रग कंट्रोलर को दी , अफसोसनाक बात यह है , के एक मेडिकल स्टोर ,, जो मेडिकल एमरजेंसी के वक़्त , लोकडाउन के वक़्त , महामारी अधिनियम लागु होने के वक़्त ,,  किसी भी व्यक्ति को दवा उपलब्ध होने पर , लिखित पर्चे पर दवा देने से इंकार नहीं कर सकता , अगर ऐसा करता है ,तो उसकी सज़ा ,गिरफ्तारी , मेडिकल स्टोर सीज़  करना ,, और उसका मेडिकल लाइसेसं निलंबन से कुछ कम नहीं ,, लेकिन  सभी तथ्य साबित होने पर भी ,, ड्रग कंट्रोलर के लाडले इस मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं  हुई  है , हद तो यह है , के शनिवार ईद के दिन , कलेक्टर , डॉक्टर विजय सरदाना ,, चिकित्सा अधिकारी , सहित सभी संबंधित अधिकारी , विज्ञानंनगर स्थित दो क़दम पर बनी डिस्पेंसरी के , कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन करने भी आये ,, लेकिन इस मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई , हालात यह है के मेडिकल स्टोर पर अगर कोई गरीब आदमी ,  चार पांच गोलियां लेने के लिए जाता है तो उसे भगा दिया जाता , है , पूरा पत्ता ,,  खरीदने का दबाव बनाया जाता है , अब एक गरीब आदमी की  जेब में , जितने रूपये होंगे , वोह उतनी ही तो दवा खरीद पायेगा ,,, मेडिकल स्टोरों के स्वीकृत रवय्ये है , इसलिए , ऐसे  मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही , तुरंत करना ज़रूरी है ,, और भविष्य के लिए ऐसी बदतमीज़ी , ना हो ,कोई किसी को दवा देने से इंकार ना करे , इसके लिए विस्तृत गाइड लाइन   की  ज़रूरत है ,, अगर , ड्रग कंट्रोलर ,  या ड्रग निरीक्षक , ऐसे मेडिकल  संचालकों को बचाने की कोशिश में है , तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही होना ही चाहिए ,, यह हाल तो , यूथ कांग्रेस के , प्रदेश सचिव , हरपाल राणा की  प्रमाणित लिखित शिकायत का है , जो खुद  भी ,  मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत तक  अपनी  पहुँच रखते है ,और उनकी शिकायत वाजिब है ,, इसके बावजूद भी ,,    उनकी शिकायत पर , आरोपित व्यक्ति को सज़ा मिलने  की जगह ,  उसे छूट दी जा रही है ,,  ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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