एक
धर्म गुरु जो हमेशा धर्म की राह पर चलने के निर्देश देते हैं , लेकिन आज
कलियुग कहो , या फिर मुसीबत का दौर वही धर्म गुरु , चाहे हिन्दू हों ,चाहे
मुस्लिम हो , चाहे सिक्ख हों , चाहे , क्रिश्चियन हो , चाहे , जेन हों
,बौद्ध हों , जो भी हो , अपने मज़हब के लोगों को , धार्मिक स्थलों से दूर
रहने की खुद हिदायतें दे रहे हैं , सोशल डिस्टेंसिंग , का पाठ पढ़ा रहे है
,,, यह सब ईश्वर , अल्लाह , वाहेगुरु , जिसस,,. श्री महावीरजी ,, जो भी
जिसको मानते हों , उनका ही तो प्रकोप है , उनकी ही तो सज़ा है ,, और हमे सज़ा
क्यों मिल रही है , क्यों , हमारे त्योहारों में ,हम बंदिशों में हो गए
है , ,मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारे में जाने के लिए हमारे पैरों में
बेड़ियाँ डाल दी गयी हैं ,, क्यों ,हमारी अज़ान , नमाज़ ,भजन , कीर्तन ,
उपदेश , धार्मिक सभाये , चतुर्मास ,, समेट दिए गये है , जिन धार्मिक स्थलों
में हम अल्लाह , ईश्वर ,भगवान ,, को तलाश करते है , अपने संकट के वक़्त ,
खुद को संकट से मुक्त करने के लिए प्रार्थनाये करते हैं ,, लेकिन आज ,,
हम सब अपने अपने , धार्मिक स्थलों के बाहर खड़े है , उनको कातर दृष्टि से
देख रहे है , अपने धार्मिक स्थलों में , प्रार्थनाएं ,करना , इबादत करना
,, सब कुछ अपराध हो गया है ,, अपने धार्मिक स्थल पर ,, इबादत करना ,, जेल
पहुंचाने के लिए अब काफी हो गया है , क्या कभी ऐसे बुरे दिन किसी ने देखे
हैं ,, , हमारे अपने धर्म गुरु , जिनकी ज़िम्मेदारी धार्मिक स्थलों की
हिफाज़त करना , वहां पूजा अर्चना ,,इबादत ,, करने के लिए , अपने अनुयाइयों
के हक़ों के लिए संघर्ष करना होता है , आज वही धर्मगुरु , स्वेच्छा से ,
अज़ान , कीर्तन , भजन , घंटियों , पर पाबंदी लगाने की सलाह दे रहे हैं ,,
वही धर्म गुरु ,, गिनती के लोगों की रस्मन इबादत , पूजा , अर्चना की
एडवाइज़री जारी कर रहे है ,, यह बात अलग है , के मुख्यमंत्री हों , प्रशासन
से जुड़े लोग हों , उन्हें आदर सत्कार देकर , उन्हें ऐसा करने के लिए
मोटिवेट कर रहे है , क्योंकि सरकार की जो एडवायज़री है , अगर इस मज़हबी
स्थलों की पाबंदियों को लेकर , सरकारी सख्ती होती , तो विद्रोह होता इसलिए
, अपने ही लोग ,अपने ही लोगों को समझा रहे है , पुलिस और प्रशासन का यह
कम्युनिटी लाइजनिंग सिस्टम है ,, जिसमे , प्रशासन पूरी तरह से कामयाब हुआ
है , हालात भी ऐसे है जो हमे यह सब करने को मजबूर कर रहे है , लकिन ऐसा
क्यों हो रहा है ,, हम से हमारा खुदा , हमारा भगवान ,वाहेगुरु , ,जीसस
क्यों खफा है , क्यों नाराज़ है ,, क्या कभी हमने सोचा है , हमारे धर्मगुरु ,
जो धर्म के नाम पर सियासत में आ गए है, , कुछ साधु , संत , ,मौलवी ,,
मुल्ला , क़ाज़ी अपना मूल काम छोड़कर ,कर , सियासत में आ गए है , वोह मंत्री
है , मंत्री दर्जा हैं , जब ऐसा है , जब उन्हें इस दर्जे का इनाम , हुकूमत
ने दिया है , तो वोह फिर , अपने इष्ट से ज़्यादा , सरकार , उन्हें इस ओहदे
पर लाने वाले व्यक्ति को खुश करने में अपना वक़्त लगाएंगे , , सरकार की मज़हब
के खिलाफ , मज़हब के अनुयायियों के खिलाफ ,, ,नीतियों को भी वोह ,
सकारात्मक तरीके से वकील बन कर प्रचारित करेंगे , या फिर खामोशी इख़्तियार
कर लेंगे ,, हमारे खुद के अख़लाक़ , आदाब , हमारे घरों में , रिश्तेदारों में
, पड़ोसियों में ,, दोस्तों में , गृहस्थी में , व्यापार में , नौकरियों
में , ईमानदाराना नहीं है ,, एक दूसरे से नफरत करना , बुराइयां करना ,
हमारा शोक हो गया है ,, ,रामराज कहो , ,या फिर इस्लाम का पड़ोसी कभी भूखा न
सोये , आपकी वजह से पड़ोसी को कोई तकलीफ न हो , यह आपकी ज़िम्मेदारी है यह
आपका सिद्धांत हों ,, इससे हम भटक गए है , धर्म युद्ध , , कहो या फिर जेहाद
कहो ,, जिसका अर्थ बुराई के खिलाफ जंग लड़ना , फिर बुराई करने वाला कोई
अपना , रिश्तेदार नातेदार ही क्यों ना हो ,, सच का साथ देना , इन सब
सिद्धांतों से हम भटक गए है ,, अब यज़ीद हैं ,फिरोन है , कंस है , कौरव है ,
और हम , उन गिनती के लोगों को ,भाईसाहब , काका जी , नेता जी कह रहे है ,
जो लोग अच्छे है , जो लोग सात्विक हैं , उन्हें हम तिरस्कृत कर रहे है ,
महिलाओं की इज़्ज़त , अस्मत हमारे लिए , अब अहमियत नहीं रखती , रोज़ मर्रा
इज़्ज़त अस्मत लुटती है , हम में से कुछ लोग धार्मिक आधार पर उन घटनाओं को
तोलते है , अपने अपने धर्म के ज़ालिमों को , फटकारने की जगह ,, उन्हें
दुलारते है ,, हीरो बनाते है , तो फिर जनाब , जब हम ईश्वर के ,, अल्लाह के ,
वाहेगुरु के , जीसस के ,, श्री महावीरजी ,,के ,मज़हबी संदेश के रास्तों से
हठ जाएंगे , भटक जाएन्गे , तो फिर हमे , उस अदृश्य शक्ति , जो यह सब चला
रही है , उसके प्रकोप का शिकार तो होना ही होगा , इसलिए कहते है अभी भी कुछ
नहीं बिगड़ा है , सुधर जाओ , अपने अपन धर्म मज़हब की गाइड लाइन पर लोट आओ ,
किसी का दिल मत दुखाओ , किसी को तकलीफ मत दो , बुराई का साथ मत दो , बुरे
को बुरा कहो , अच्छे को अच्छा कहकर , उसकी तारीफ करो , , सच के लिए संघर्षः
करो ,,, महिलाओं का सम्मान करो , , अराजकता , हिंसा,, लूट खसोट ,
भ्रष्टाचार , , मुनाफ़ाख़ोरी , ब्याजखोरी , जुएं , सट्टे , मार काट , का
रास्ता छोडो , ओरिजनल रामराज , ओरिजनल , हुज़ूर स अ व की हिदायतों का राज ,
ओरिजनल श्री महावीरजी की हिदायतों का राज , ओरिजनल जीसस की हिदायतों का राज
, गीता का राज , वाहेगुरु की हिदायतों का राज , फिर से आने के लिए , हम
अपने अपने धर्मों की तरफ लोट आये ,जो धर्मगुरु सियासी ,होकर हमे बहका
बरगला रहे हैं , उन्हें , उनकी करतूतों को सार्वजनिक करे , बुरे नेताओं को
घर बिठाओ , अच्छे लोगों को आगे लाओ , शायद फिर सब ठीक हो जाये , प्रकृति ,
का गुस्सा कम हो जाये ,, शायद , शायद ,, ओर हैं मन्दिर , मस्जिद ,
गुरुद्वारे दिलों में रखें , उन्हें इलाज के लिये भी तैयार रखें ,, अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 अप्रैल 2021
एक धर्म गुरु जो हमेशा धर्म की राह पर चलने के निर्देश देते हैं , लेकिन आज कलियुग कहो , या फिर मुसीबत का दौर वही धर्म गुरु , चाहे हिन्दू हों ,चाहे मुस्लिम हो , चाहे सिक्ख हों , चाहे , क्रिश्चियन हो , चाहे , जेन हों ,बौद्ध हों , जो भी हो , अपने मज़हब के लोगों को , धार्मिक स्थलों से दूर रहने की खुद हिदायतें दे रहे हैं
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