राजस्थान में , बालिग़ , नाबालिग बच्चों को , कथित सरकारी मान्यता स्तर पर , संजीव पासबुक , एक्सीलेंट पासबुक में ,, आतंकवाद के नाम पर धर्म को बदनाम करने की साज़िश का पर्दाफाश होने पर भी , अब तक प्रकाशक , मुद्रक , लेखक , मालिक , वितरक की गिरफ्तारी नहीं होने ,, सभी प्रकाशित पासबुकों को , सरकारी स्तर पर ज़ब्त कर राजसात नहीं करने के मामले में , में मुझ पर लानत बरसाता हूँ , में मुझ से खुद शर्मिन्दा हों जाता हूँ ,, आपका मुझे पता नहीं , आप तो मेरी पार्टी है , मेरे वोटों से चुनी हुई सरकार हैं ,, आप विधायक है ,, आप मंत्री की क़तार में है , आप मंत्री दर्जा हांसिल करने की जी हुज़ूरी की क़तार में हैं ,, भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से मुझे कोई शिकायत नहीं , भाजपा के पूर्व मंत्रियों , पूर्व मंत्री दर्जा लोगों से मुझे कोई शिकायत नहीं , मुझे ,राष्ट्रिय स्वम सेवक संघ के अग्रिम संगठन ,राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के ज़िम्मेदारों से भी कोई शिकायत नहीं , उन्हें क्या लेना देना , वोह पार्टी लाइन क्यों पार करेंगे , उन्हें हमसे हमदर्दी होगी भी तो सिर्फ दिलों में ,,वोह सार्वजनिक रूप से इस मामले में विरोध या बवाल क्यों करेंगे ,, लेकिन मेरी अपनी पार्टी के नो विधायक , दर्जनों हारे हुए विधायक , पूर्व मंत्री दर्जा , सियासी स्तर पर सरकार के नज़दीक जी हुज़ूरी में लगे मेरे अपने लोग , मेरी पार्टी के राष्ट्रिय स्तर और राज्य स्तर पर सिर्फ मेरी परेशानियां , मेरे दुःख ,मेरी तकलीफों ,, मेरी तरक़्क़ी पर फोकस कर , बनाये गए , मेरे अपने अल्पसंख्यक विभाग से मुझे शर्मिंदगी है , मुझे मुझ से शर्मिंदगी है ,, मुझे मेरी हिफाज़त के लिए जो अब तक आयोग नहीं बना है ,, उससे शर्मिंदगी है ,, लेकिन मुझे फख्र भी है ,, विधायक रफ़ीक़ खान पर , जिन्होंने इस मुद्दे को , विधानसभा में उठाकर , सरकार के समक्ष रखा ,, वोह बात अलग है के , जिस विधानसभा में ,, कोरोना काल में ,, स्कूलों में ,,वार्षिक उत्सव , का मुद्दा उठाते ही तत्काल एक घंटे में ,, पुरे राजस्थान के हर स्कूल में चल रहे वार्षिक उत्सवों पर रोक के आदेश हुए थे ,, रफ़ीक खान विधायक साहब ने जब इस सवाल को , इस अपराध को , संजीदगी से उठाकर , ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने , किताबें ज़ब्त करने की मांग उठाई , तो अब तक ,उस मामले में ,, विधासभा स्तर पर , सरकारी स्तर पर , एक रत्ती भर कार्यवाही भी नहीं हुई , मुझेः फख्र है यूनुस चोपदार पर ,जिसने ऐसे संभीर संज्ञेय मामले में , एफ आई आर लिखवाने की कोशिश की , मेरी सरकार , मेरा राजस्थान ,, जहाँ किसी भी संज्ञेय अपराध में ,, एफ आई आर दर्ज नहीं करने पर ,, संबंधित थानधिकारी के खिलाफ ,, 166 विधि की अवज्ञा मामले में मुक़दमा दर्ज कर , कार्यवाही का प्रावधान है , ऐसे गैर ज़िम्मेदार थानाधिकारी को ,, निलंबित कर सज़ा देने का प्रावधान है , उसी थाने में फरियाद लेकर गए यूनुस चोपदार , फरियादी नहीं बने ,, मुल्ज़िम बन गए , गिरफ्तार हो गए ,, इस मामले कब तक आखिर कब तक हम जी हुज़ूरी , हम सियासत के शिकार होते रहेंगे , अरे फेंक दो मंत्री बनने की उम्मीदें , फेंक दो मंत्री दर्जा पदों की उम्मीदें , ज़रा अपने ज़मीर को जगाओं ,, सच सामने तो लाओ , सरकार को बताओ तो सही , उसे क्या करना ,है ,सरकार तो तुम्हारी हमदर्द है , संवेदनशील है ,, ,गाँधीवादी है ,, तुम सरकार को हनुमान जी की तरह उनकी शक्तियां , कर्तव्य याद तो दिलाओ ,, सरकार तो हमेशा इंसाफ करने के लिए बैठी है , लेकिन तुम कहो तो सही ,, रफ़ीक़ साहब विधायक जी ,, सवाल उठाकर चुप नहीं बैठे , विशेषाधिकार प्रस्ताव लाये ,, पूरक प्रश्न पूंछे ,, लेकिन कार्यवाही के लिए नो विधायक विधासनभा में धरना दें तो सही , जी हज़ूरी में लगे , सभी लोग , एक दिन के लिए , अपने मज़हब के बारे में ,मज़हब से जुड़े लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए , शिकायतकर्ता बने तो सही , इस मामले में गुस्सा वाजिब है , मुझे ही नहीं सभी को गुस्सा है ,, लेकिन तोड़ फोड़ , हिंसा ,प्रदर्शन इसका इलाज नहीं ,, शिकायत सही जगह करना , अपने अपने क्षेत्र के अपने समाज के विधायकों , पूर्व मंत्री दर्जा लोगों को घेरना उन्हें शर्मिंदा करना ,,उन्हें जी हुज़ूरी चाहे वोह करें ,, लेकिन इस मामले में ,, गंभीर मामले में इंसाफ के लिए , याद दिलाना , मजबूर करना , गाँधीवादी तरीके से यह सब करना , हमारा फ़र्ज़ है , तोड़फोड़ , हिंसा , गालीगलोच , हमारी तहज़ीब नहीं ,,, सरकार में बैठे अधिकारी , सरकार में बैठे सलाहकार , हो सकता है ,आज भी संघ से जुड़े हो , हो सकता है , वोह एक पूरे धर्म को , डंके की चोट पर , आतकवादी लिखकर , बच्चों को पढ़ाने की तहज़ीब को ,, विधि सम्मत ठहरा रहे हो , लेकिन हमारे देश का संविधान तो कुछ और कहता है , हमारे देश की सी आर पी सी , देश की आई पी सी , देश के दूसरे क़ानून तो कुछ और कहते है , यहां तक के ऐसे मामलों में दर्जनों लोग ,, विधि विरुद्ध क्रिया कलाप अधिनियम में , सालों जेल में रहकर सज़ा भी काट चुके है , संजीव पासबुक प्रकाशन , एक्सीलेंट पासबुक प्रकाशन में ,सरकार को सख्त रवय्या अपनाना चाहिए , यह कोई भीख नहीं , यह कोई फेवर नहीं , यह हक़ है , सरकार की [अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की ज़िम्मेदारी है ,, सरकार तुरंत इस मामले में विधिक प्रसंज्ञान लेकर ,, 95 सी आर पी सी के विधिक प्रावधानों के तहत , हर ज़िले , हर वितरक , पुस्तक विक्रेता , स्टॉकिस्ट , मुद्रक , प्रकाशक के यहां से ,, सभी पासबुकों को तुरंत सम्हरपित यानि क़ानूनी रूप से ज़ब्त कर राजसात करे ,,, एस ओ जी में इस मामले में मुक़दमा दर्ज करवाकर , अपराध धाराएं तो में क्या लिखूं , मंशा अगर साफ हो तो , हर शख्स जानता है ,के कितना गंभीर अपराध है , इन धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर , उक्त पासबुकों के प्रकाशक , मालिक , मुद्रक , वितरक , विक्रेता ,, इस पासबुक के लेखक , अनुमोदित करने वाले सरकारी अधिकारी , समर्थन करने वाले जो भी लोग हों ,उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर , जेल भिजवाए , स्पेशल केस ऑफिसर , स्पेशल , सरकारी पैरोकार नियुक्त कर , तुरंत दस दिन में चालान पेश करने का इतिहास बनाये , चलान पेश करने के पहले , अपराध की कढ़ी से कढ़ी जोड़ें , सभी सुबूत एकत्रित करवाए , अदालत से भी प्रार्थना करें की प्रकरण को दिन प्रतिदिन सुनवाई कर ,ऐसे अपराधियों को कठोरतम सज़ा दिलवाये , ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा घृणास्पद अपराध इस राजस्थान में , इस गाँधीवादी , ईमानदार , निष्पक्ष , संवेदनशील सरकार में , हरगिज़ , हरगिज़ , ख़्वाबों में भी करने की नहीं सोचे , लेकिन यह सब कब होगा , जब मेरे अपने हमदर्द , इन्साफ के लिए , जी हुज़ूरी छोड़ेंगे , , आने वाले कल में , उन्हें कुछ मिल जाए इस सौदेबाज़ी में ,, अपनी चुप्पी नहीं रखकर , चुप्प्पी तोड़ने की हिम्मत करेंगे ,, मेरे अपने मज़हब का होने का वोह फ़र्ज़ अदा करेंगे ,, तब ही ऐसा मुमकिन है , वर्ना तो इन्ना लिल्लाह ऐ , माँ अससाबेरीन ,, है और अल्लाह इन्साफ करता है , अल्लाह इंसाफ करने वालों के साथ है ,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 मार्च 2021
राजस्थान में , बालिग़ , नाबालिग बच्चों को , कथित सरकारी मान्यता स्तर पर , संजीव पासबुक , एक्सीलेंट पासबुक में ,, आतंकवाद के नाम पर धर्म को बदनाम करने की साज़िश का पर्दाफाश होने पर भी , अब तक प्रकाशक , मुद्रक , लेखक , मालिक , वितरक की गिरफ्तारी नहीं होने ,, सभी प्रकाशित पासबुकों को , सरकारी स्तर पर ज़ब्त कर राजसात नहीं करने के मामले में , में मुझ पर लानत बरसाता हूँ
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