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23 मार्च 2021

ऐ शिव ,, तुम , विश्व जल दिवस , पर इसलिए जाना था

 ऐ शिव ,, तुम , विश्व जल दिवस , पर  इसलिए जाना था , क्योंकि तुमने हर वक़्त , हर लम्हा ,, पानी को , नीला सोना कहकर , पानी की बून्द बून्द , बचाने के लिए , न्यायिक तरीके से , आधिकारिक तरीके से ,आंदोलन किया , इस आंदोलन की शुरुआत , कोटा में ,तुम्हारे , हाईकोर्ट जज के चलते , विधिक न्यायिक प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष ,, होने के नाते , तुमने , कोटा के टैगोर हॉल में ही , चंबल तट होने , सी ऐ डी की नहरों की शाखाएं होने के नाते , तार्किक तरीके से किया था ,, ऐ शिव , तुमने ,,, कोटा में ही ,,मेरे लिखित सुझाव पर ,, सुप्रीमकोर्ट के शीला वर्से के दिशा निर्देशों पर ,, गिरफ्तार शुदा हर अभियुक्त को ,, थाना स्तर से ही , गिरफ्तार होते ही , रिमांड  न्यायालय में , जूनियर वकीलों का पेनल बनाकर ,  उन्हें प्रतिमाह ,, मानदेय तय कर विधिक न्यायिक प्राधिकरण से ,, हर मजिस्ट्रेट के समक्ष , अभियुक्त के प्रथम बार पेश करते वक़्त , रिमांड के वक़्त भी , उसे उसका पक्ष ज़रिये वकील रखने का अधिकार ,, अधिकृत रूप से दिया था ,,, राजस्थान के हर थाने में , अधिकृत पेनल लॉयर्स की सूचि लगवाई गयी थी ,,, अदालतों में ,इन पेनल लॉयर्स की सूचि लगवाई गयी थी ,, जेलों में ,वकीलों का पेनल जाकर ,, अभियुक्तों को , मुफ्त विधिक सहायता उपलब्ध करा रहा था ,,, ऐ शिव तुम क़ानून के चलते फिरते , एन्सायक्लोपेडिया थे ,, तुमने ,, मानवाधिकार व्यवस्था के तहत , अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद , डी के बसू मामले के दिशा निर्देशों को ,, हर थाना स्तर पर , हर हाल में लागु करने के सख्त दिशा निर्देश दिए थे ,,, ऐ शिव ,, तुम्हारा वोह एक ऑटो लेकर ,, ऑटो से रोज़ नियमित अदालत , आना , जाना ,  कोटा की हर गलियों , सड़कों को आज भी याद आता है , साहित्य में तुम्हारा वोह कामयाब अंदाज़ ,एक अल्फ़ाज़ में ,दुनिया का दर्द भर देना ,, एक साहित्यकार ही जानता है , ऐ शिव , तुम वही हो , जिसके फैसले आज भी नज़ीर है , कोटा में एक बालिग़ लड़की को , रेलवे कॉलोनी के एक पुलिस अधिकारी ने ज़बरदस्ती , उसकी इच्छा के विरुद्ध बयान दिलवाकर जब नारीशाला भेजा , तो तुमने विधि सम्मत आदेश जारी कर , उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए , भविष्य में कोई ऐसा न कर सके इसके लिए विशिष्ठ दिशा निर्देश दिए , जबकि मुआवज़ा भी दिलवाया ,, तुम्हारे फैसलों की देश भर के न्यायविदों में धूम रही , ऐ शिव तुम पाठशालाओं में  मनमानी फ़ीस को व्यस्थित करने की समिति के चेयरमेन बने , तब तुम स्कूलों के ज़रूरी खर्च , वेतन खर्च , और बच्चों की फीस का संतुलन रिसर्च किया और , स्कूलों की फीस में बच्चों , अभिभावकों से  मनमानी करने पर रोक लगाई ,, तुम जब विधि आयोग के राष्ट्रिय सदस्य बने , तब तुमने ,, देश भर में , महिलाओं  पर हो रहे अत्याचार ,,, महिलाओं द्वारा महिलाओं के ही खिलाफ ,, दहेज़ प्रताड़ना के अनुचित दुरूपयोग ,, पारिवारिक मामलों में समझाइश कर , समझौते करवाने के प्रयास कर , टूटे हुए घरों को बसाने के जो सुझाव दिए आज वोह प्रासंगिक है ,, थाना स्तर हो ,, अदालत स्तर हो , महिला समिति स्तर हो ,, पारिवारिक न्यायालय का स्तर हो , सभी जगह , समझाइश के रास्ते खुले है , और किए   पारिवारिक विवादों के निस्तारण , तुम्हारे इसी समझाइश के फार्मूले से , निस्तारित भी हो रहे है ,, लेकिन , लेकिन , क्या बताऊं , ,कोटा में तुम्हारी इन बहुमुखी प्रतिभाओं का ,, अनुकरणीय सम्मान ,, रहा भी , नहीं भी रहा , और कल तुम्हारे निधन पर , कोटा के जिला जज साहिब ने , वकीलों की डाइरेक्ट्री का विमोचन कर , , वकीलों को एक साथ जोड़ने , उन्हें विधिक साक्षर करने के , के फार्मूले को आगे बढ़ाया , क्या करते ,, हाईकोर्ट प्रशासन ने रेफरेंस को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं दिए , हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ,, कोई शोक कार्य निलंबन तत्काल नहीं रखा , तो फिर कोटा के जज हों , या फिर वकील  हों ,उन्होंने भी , उसी का अनुसरण किया ,,, ,लेकिन कोटा आहत है , दुखी है , लंच बाद शोक कार्यस्थगन शुरू किया ,, कोटा में एक सरकारी नौकरी छोड़कर , वकालत में आना , फिर वकालत में , एक विधि विशेषज्ञ बेस्ट पैरोकार के रूप में ,अपनी पहचान बनाना ,,  हाईकोर्ट जज , की नियुक्ति के बाद भी ,, सभी से अलग हठ कर बेस्ट से बेस्ट , जजमेंट ,, विधिक न्यायिक प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के नाते , बेस्ट से बेस्ट वर्किंग व्यवस्था ,, अनुकरणीय व्यवस्था ,, राष्ट्रिय विधि आयोग के सदस्य के नाते , सारगर्भित विधिक संशोधन की व्यवहारिक रिपोर्ट , विधिक न्यायिक प्राधिकरण के ज़रिये , जूनियर वकीलों को सीधे मासिक शुल्क व्यवस्था से जोड़ना ,, निजी स्कूल फीस निर्धारण समिति के चेयरमेन होने के नाते ,, आमद खर्च के बीच के कम  मुनाफे के संतुलन के साथ , स्कूली फीस का व्यववहारिक निर्धारण ,, आज भी तुम्हारे फैसले , लोगों के लिए ,, न्यायिक व्यवस्था के लिए ,, विधिक साक्षरता की पहचान है , तुम्हारे ,गीत , तुम्हारी ग़ज़लें ,, तुम्हारी पुस्तकों का प्रकाशन , तुम्हारी साहित्यिक मजलिसें कोटा को , राजस्थान को , हिंदुस्तान को , देश के आकाशवाणी , दूरदर्शन , धर्मयुग , सरिता , से लेकर ,आज की सभी मैगज़ीन , दैनिक अख़बारों  में विशिष्ठ पहचान है ,, ,लेकिन , लेकिन , लेकिन ?????? यह कोटा है , यह कोटा है ???? तुम याद किये जाओगे , तुम याद आओगे , तुम याद रखे जाओगे , तुम्हारे अपने कर्मों की वजह से ,, तुम्हारी अपनी ज्ञानवर्धक सोच की वजह से , ,, कोटा की क़ानून की दुनिया में तुम अमर हो , तुम अजर हो ,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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