आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

27 फ़रवरी 2021

औरत बिक जाती है

 

औरत बिक जाती है
प्यार के दो बोल से
पति के कह देने भर से
आज खाने में मजा आ गया
बच्चे जब कहते है
मां मुझे समझती है
वो दुगने उत्साह से
जुट जाती है
उनकी पसंद को खोज लाती है
सास जब कहती है
मेरी बहू औरो सी नहीं
वो अपनी मां को उस दिन भूल जाती है
सास से दिल का रिश्ता निभाती है
सच में औरत बहुत सस्ते में बिक जाती है
प्यार के दो बोल को तरस जाती है
बस खोजती है अपने सम्मान को
कभी पति की आंखो में
कभी बच्चो के सपनो में
ओर कभी रिश्तों ओर अपनो में
वो सब को देख खुश हो लेती है
बिना विटामिन खाए जी लेती है
सब को मुस्कराया देख खुश हो लेती है
उनके खिले चेहरे में खुद को संजो लेती है
औरत को देह से अलग जान पाओगे
तो सही मायनों में उसके प्यार को पाओगे
वो खुद को मिटा कर भी खुश होती है
दर्द झेलकर भी जिंदगी देती है
काश उसके मोल को समझ पाओ
उसके पास जा कभी प्यार से बतलाओ
उसके कहे को हल्के में ना उड़ाओ
उसे भी अपनी तरह काबिल बताओ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...