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04 फ़रवरी 2021

गंगा का हमने क्या हाल कर दिया है

गंगा का हमने क्या हाल कर दिया है। नई पीढ़ी तो यही समझेगी की भगीरथ ऐसी ही गंगा धरती पर लाए थे। पत्रकारिता का क्या हाल हो गया। नई पीढ़ी समझेगी पत्रकारिता का मूल स्वरूप यही है। अब टेक्नोलॉजी ने स्वतंत्र पत्रकारिता की राह खोली है तो इसे आगे बढ़ाए। पूंजीपतियों के चंगुल में पत्रकारिता का रूप विकृत हो गया। पूंजीपतियों को पत्रकारिता के मूल्यों को नहीं अपितु अपनी पूंजी बढ़ाने ओर पत्रकारों के शोषण के लिए हर तरह के समझौते मान्य होते है।
राजेन्द्र सिंह जादौन
पत्रकार चंडीगढ़

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