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19 अक्टूबर 2017

उदयपुर नगरी की पिछले दिनों यात्रा के खट्टे मीठे अनुभव रहे ,,

दोस्तों राजस्थान की पर्यटन नगरी ,,झीलों की नगरी ,,,राजस्थान का कश्मीर कहे जाने वाली ,,शूरवीर महाराणा प्रताप की नगरी ,,वफ़ादार जांबाज़ सैनिक हकीम खान सूरी की नगरी ,,,भामाशाह की नगरी ,,,गुलामी के खिलाफ आज़ादी के क्रांतिकारी सिपाही की नगरी ,,उदयपुर नगरी की पिछले दिनों यात्रा के खट्टे मीठे अनुभव रहे ,,,पत्नी ,,पुत्रियों के साथ पारिवारिक पर्यटन यात्रा का कार्यक्रम था ,,ज़ाहिर है नए नए कपड़े अटेची में फोटुओं के चक्कर में ठूस ठूस के भरना थे ,,लेकिन क़ुदरत को कुछ और ही मंज़ूर था ,,एक लाल अटेची में सभी क़ीमती कपड़े ,,कोटा रेलवे स्टेशन से चलने वाले ट्रेन उदयपुर मेवाड़ एक्सप्रेस के रिज़र्वेशन कोच में सीट के नीचे ज़ंज़ीर से बंधी थी ,चोर आये ज़ंज़ीर काटी और अटेची ले गए ,,,सभी जानते है ,,आधी रात को आने वाली ट्रेन अर्ध निंद्रा होने से ट्रेन में खूब सुलाती है और ऐसे ही चोरो से लुटवाती भी है ,,खेर उदयपुर में पता चला अटेची चोरी हुई ,,अफ़सोस हुआ ,,लेकिन महाराणाप्रताप की नगरी थी साहस होना ही था ,,भामाशाह की नगरी थी मददगारों की पोटली खुलना ही थी और ,वफादार सिपाही हकीम खान सूरी की बलिदान की नगरी थी इसलिए वफादार साथियों की मदद मिलना ही थी ,,,अटेची चोरी का गम भुलाया ,दोस्तों से मिले ,,पर्यटन नगरी उदयपुर भ्रमण किया ,,मज़े लिए माउंट आबू घूमे ,लोट के बुद्धू घर को आये ,,लेकिन चोर इस सफर को बेमज़ा न कर सके ,,अल्लाह की क्या मस्लेहत थी वोह अल्लाह जाने ,लेकिन अल्लाह ने थोड़ी तकलीफ दी तो बहुत सारी खुशियां ,अनुभव ,,बहुत प्यार ,,मोहब्बत भी इसी यात्रा के दौरान दी ,,,में आभारी हूँ अल्पसंख्यक कर्मचारी अधिकारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हारून खान का ,,में आभारी हूँ ओ टी एस के राणावत साहिब का ,,मोहन लाल शर्मा जी का ,में आभारी हूँ ,, उदयपुर के जांबाज़ पत्रकार अख्तर खान साहिब का ,में आभारी हूँ मेरे भाई पत्रकार भूपेंद्र शर्मा ,,पत्रकार प्रशांत जोशी का ,,में आभारी हूँ अम्बामाता थानाधिकारी नेत्रपाल सिंह साहिब का ,,में आभारी हूँ पंकज सर का ,,में आभारी हूँ मेरे भाई एडवोकेट कमल देव ,,,का में आभारी हूँ फ़िरोज़ खान का साथियों का जिन्होंने संकट की घडी में मुझे हिम्मत दी ,,ताक़त दी एक मार्गदर्शक बनकर मुझे उदयपुर ,माउंट आबू से रूबरू कराया ,में आभारी हूँ उन चोरो का जिन्होंने मुझे रिज़र्वेशन कोच में टी टी और सुरक्षाकर्मी पुलिस के भरोसे नहीं रहने का सबक़ सिखाया ,,में आभारी हूँ दोलतराम जी आर पी सिपाही का जिन्होंने मुझे सिखाया के उदयपुर सिटी में जी आर पी थाना दूर है ,,वहां चौकी पर एफ आई आर काटने की कोई व्यवस्था नहीं है ,,कई मुसाफिर रोज़ परेशांन होकर बिना रिपोर्ट लिखाये चले जाते है ,,खुद दौलतराम इस मामले में जी आर पी अधिकारियो को उदयपुर सीटी में सेटअप के लिए कई सालों से कहने की बात कहकर अधिकारीयों की लापरवाही दर्शाते रहे ,,,,में सभी भाइयों का आभारी हूँ खासकर राजू गाइड ,,ताहिर भाई ऑटो चालक का जिन्होंने रेडीमेट कपड़े दिलवाकर फिर से जेंटलमेन बनवा दिया ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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