कांग्रेस शासन में आधार को निराधार बताकर ,,खुद का शासन आते ही इसी
निराधार को आधार बताकर जनता के लिए इसे ज़रूरी करने वाले साहिब ,,,में पहले
भी आधार के खिलाफ था ,,,आज भी आधार के खिलाफ हूँ ,,ममता बनर्जी ,सहित न
जाने कितने लाखो ,करोडो ,लोग है जो इसे गैर ज़रूरी मानते है ,,में हमारी
सरकार के वक़्त भी आधार को निजता के अधिकार का उलंग्घन मानकर काफी कुछ लिख
चुका था ,शिकायते कर चुका था ,,मेरा मानना है यह सिर्फ विदेश में किसी की
भी निजता को बेचने का एक मात्र व्यापार है ,,,आपकी आँखे ,,आपकी
उँगलियों ,,आपके अंगूठे का निशाँन ,,आपका चेहरा ,,,डेटा बना है ,,,हर जगह
सी सी टी वी कैमरे लगे है ज़रा सोचो ,,आपकी आँखे सी सी टी वी से चुराकर
,उसको सॉफ्टवेयर में डालकर कोई भी हैकर आपकी निजता चुरा सकता है ,,,आपकी
सुरक्षा को खतरा हो सकता है ,,,,हमारे देश में आई टी सेक्टर कई साल पिछड़ा
हुआ है ,,यहां आधार कार्ड बनाने की मशीन नहीं है ,,जो आधार कार्ड बनाने की
मशीने है उसमे बुज़ुर्ग लोगो और कई जवान लोगो के उँगलियों के निशान भी नहीं आ
रहे है ,,मोबाइल लिंक में भी कई अंगूठो के निशान से आधार नहीं खुला है
,,सरकारी योजनाओ के लाभ की धर पकड़ ,,किसी भी नयी सोफ्टवेयर से हो सकती है
,,,लेकिन आधार मतलब आम जनता को सुरक्षा के निशाने पर रखना ,,या आधार के
आंकड़े विदेशो को बेचना ही है ,,कहावत कव्वा चले हंस की चाल ,,,अपनी चाल भी
भूल जाए ,,,,नाच न जाने आंगन टेड़ा ,,,,नक़ल में भी अक़्ल की ज़रूरत होती है
,,,,,को भी ज़रा देख लेना ,,,,फिर जनता को स्पष्टीकरण दे दो ,कांग्रेस के
शासन में जो आधार निराधार बताकर आम जनता को गुमराह कर वोट मांगे थे ,,आज
वही आधार क्रियान्यवन ,,किसके दबाव में ,,तुम्हारी ज़िद बन गया है साहिब
,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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