तो फ़रमाया कि तुम इसको पकड़ लो और डरो नहीं मैं अभी इसकी पहली सी सूरत फिर किए देता हूँ (21)
और अपने हाथ को समेंट कर अपने बग़ल में तो कर लो (फिर देखो कि) वह बग़ैर किसी बीमारी के सफे़द चमकता दमकता हुआ निकलेगा ये दूसरा मौजिज़ा है (22)
(ये) ताकि हम तुमको अपनी (कु़दरत की) बड़ी-बड़ी निशानियाँ दिखाएँ (23) अब तुम फ़िरऔन के पास जाओ उसने बहुत सर उठाया है (24)
मूसा ने अर्ज़ की परवरदिगार (मैं जाता तो हूँ) मगर तू मेरे लिए मेरे सीने को कुशादा फरमा और दिलेर बना 25
और मेरा काम मेरे लिए आसान कर दे 26
और मेरी ज़बान से लुक़नत की गिरह खोल दे (27)
ताकि लोग मेरी बात अच्छी तरह समझें और (28)
मेरे कुनबे वालो में से मेरे भाई हारून (29)
को मेरा वज़ीर बोझ बटाने वाला बना दे (30)
और अपने हाथ को समेंट कर अपने बग़ल में तो कर लो (फिर देखो कि) वह बग़ैर किसी बीमारी के सफे़द चमकता दमकता हुआ निकलेगा ये दूसरा मौजिज़ा है (22)
(ये) ताकि हम तुमको अपनी (कु़दरत की) बड़ी-बड़ी निशानियाँ दिखाएँ (23) अब तुम फ़िरऔन के पास जाओ उसने बहुत सर उठाया है (24)
मूसा ने अर्ज़ की परवरदिगार (मैं जाता तो हूँ) मगर तू मेरे लिए मेरे सीने को कुशादा फरमा और दिलेर बना 25
और मेरा काम मेरे लिए आसान कर दे 26
और मेरी ज़बान से लुक़नत की गिरह खोल दे (27)
ताकि लोग मेरी बात अच्छी तरह समझें और (28)
मेरे कुनबे वालो में से मेरे भाई हारून (29)
को मेरा वज़ीर बोझ बटाने वाला बना दे (30)
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