देश के सबसे बढे,,, सरकारी सुविधाभोगी ,, दवा व्यापारी उद्योगपति ,,ने ,,कल
ऋषियौं का भारतीय संस्कृति का अपमान कर दिया ,,ऋषि मुनि जो पहाड़ो ,,जंगलो
पर तपस्या ,,किया करते थे ,,,राज पाठ ठुकरा कर ,,त्याग करते थे ,,, भारतीय
ऋषि मुनि में से किसी ने भी ,,कभी ,,जुमला नहीं कहा ,,,ऋषि मुनियों ने तो
,,जो कहा ,,वोह करके दिखाया ,,वोह सिद्धांत पर थे ,,वोह सत्ता के लिए
फसादात नहीं करते थे ,,ऋषि मुनि ,,जंगलों में भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाने की
कार्ययोजना तैयार करते थे ,,,उसे बनाकर भी दिखाते थे ,,वोह बहादुर भी होते
थे ,,,इन्होने एक को राष्ट्रिय संत कहा था ,,जो एक नाबालिग बच्ची ,,आज भी
अपनी अस्मत के इंसाफ के लिए तरस रही है ,,,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)