एक टी वी चैनल समझ तो आप गए होंगे ,,हम तो पूंछेंगे ,,कार्यक्रम चलाते है
,,अपने मुंहे मियाँ मिट्ठू बनते है ,,मेने उनसे कहा कभी ,प्रधानमंत्री सर
से भी ,,पंद्रह लाख लाने ,,काला धन लाने ,,बेरोज़ारो को रोज़गार देने ,,देश
के फौजियों के साथ नृशंसता के बदले ,,दस सर लाने का वायदा किया था ,,ऐसे कई
वायदे थे ,,इन वायदों पर कभी आदरणीय प्रधानमंत्री जी को बुलाकर उनसे
,,पूंछा क्या ,,हम तो पूंछेंगे ,,में लगातार लिख रहा हूँ ,लेकिन ये चैनल
कार्यक्रम अभी तक देश के लिए यह ज्वलंत सवाल पूंछने की हिम्मत नहीं कर सका
है ,ऐसे में ऐसे चैनल को तो अब किसी से भी सवाल पूंछने की नैतिकता ही नहीं
बची साहिब ,,अख्तर
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