मेरठ/मुजफ्फरनगर. पीएम नरेंद्र मोदी
के चेतावनी के बावजूद बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं का विवादास्पद बयान
जारी है। मुजफ्फरनगर के शामिली में रविवार को बीजेपी की फायरब्रांड नेता
साध्वी प्राची ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि
देश की आजादी में उनका कोई योगदान नहीं है। उनके इस बयान की कड़ी निंदा
करते हुए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के संरक्षक अशोक सिंघल ने कहा कि
गांधी पर सवाल उठाना अनुचित है। साध्वी अब वीएचपी की सदस्य भी नहीं हैं।
इलाहाबाद में अशोक सिंघल ने यह भी कहा कि वह एक राजनीतिज्ञ हैं और चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वैसे भी वीएचपी में चुनाव लड़ने वाले लोग कतई नहीं होते हैं। हो सकता है कि वह कभी वीएचपी में रही हों, लेकिन अब नहीं हैं। उन्होंने साध्वी के बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बापू पर कोई भी सवाल उठाना अनुचित है। बापू ने देश को एक नई दिशा दी। ऐसे में सभी को उनका सम्मान करना चाहिए।
अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाली साध्वी प्राची महात्मा गांधी तक ही नहीं रुकीं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को देशद्रोही तक कह डाला। प्राची ने कहा कि यदि सईद की अलगाववादी नेताओं के प्रति यही नीति रही तो बीजेपी सरकार अपना समर्थन वापस ले लेगी। हाल ही में सईद ने अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को रिहा करने का फैसला लिया था।
इलाहाबाद में अशोक सिंघल ने यह भी कहा कि वह एक राजनीतिज्ञ हैं और चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वैसे भी वीएचपी में चुनाव लड़ने वाले लोग कतई नहीं होते हैं। हो सकता है कि वह कभी वीएचपी में रही हों, लेकिन अब नहीं हैं। उन्होंने साध्वी के बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बापू पर कोई भी सवाल उठाना अनुचित है। बापू ने देश को एक नई दिशा दी। ऐसे में सभी को उनका सम्मान करना चाहिए।
अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाली साध्वी प्राची महात्मा गांधी तक ही नहीं रुकीं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को देशद्रोही तक कह डाला। प्राची ने कहा कि यदि सईद की अलगाववादी नेताओं के प्रति यही नीति रही तो बीजेपी सरकार अपना समर्थन वापस ले लेगी। हाल ही में सईद ने अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को रिहा करने का फैसला लिया था।
'कहां गया क्रांतिकारियों के फांसी का फंदा'
साध्वी प्राची ने कहा कि देश के संग्रहालय में आज भी वह रस्सी सुरक्षित है, जिससे महात्मा गांधी अपनी बकरी बांधा करते थे। वहीं, शर्म की बात यह है कि सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को जिस रस्सी के फंदे से फांसी दी गई थी, वह गायब है। उसे लोगों ने भुला दिया। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें इस बात के लिए जेल भी जाना पड़े तो वे तैयार हैं।
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