मेरा दिल
तुम्हारा घर है
यही तुम
मुझे बार बार
ज़लील करते हो
ऐसा क्यों करते हो
दिमाग से पूंछू अगर
तो वोह मेरे हाल पे
मुस्कुरा देता है ,,अख्तर
तुम्हारा घर है
यही तुम
मुझे बार बार
ज़लील करते हो
ऐसा क्यों करते हो
दिमाग से पूंछू अगर
तो वोह मेरे हाल पे
मुस्कुरा देता है ,,अख्तर
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