नई दिल्ली. पद्म विभूषण जैसे देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक
सम्मान से सोमवार को नवाजे गए पूर्व उप प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ
नेता लालकृष्ण आडवाणी ने ऐसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों की टाइमिंग पर ही सवाल
खड़े कर दिए। आडवाणी ने कहा कि ऐसे सम्मान समय पर दिए जाने चाहिए। उन्होंने
कहा कि लोगों को ये अवॉर्ड तब दिए जाने चाहिए, जब उनका स्वास्थ्य अच्छा
हो। 87 साल के आडवाणी ने दिवंगत लोगों को प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाने पर
भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसे पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिए जाने
चाहिए।
आडवाणी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए
कहा, 'उदाहरण के लिए मेरे सीनियर वाजपेयी को भारत रत्न बहुत पहले मिल जाना
चाहिए था। मैंने इसका सुझाव उप-राष्ट्रपति को दिया था।' उन्होंने कहा,
'मुझे बहुत खुशी होती अगर वाजपेयी जी को यह सम्मान 5-7 साल पहले मिला
होता।' आडवाणी ने कहा, 'यह पहली बार है कि मेरे सीनियर अटल बिहारी वाजपेयी,
प्रकाश सिंह बादल और मुझे देश के द्वारा सम्मानित किया गया है। मैं बहुत
खुश हूं।'
आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी ने अपने पिता को मिले सम्मान पर खुशी
जताते हुए कहा, 'मेरे पिता बचपन से ही देशसेवा के कामों में लगे हुए हैं।'
उन्होंने कहा, 'अटल-आडवाणी की जोड़ी को इस देश का इतिहास हमेशा याद रखेगा।
दोनों को एक ही साल में सम्मानित किया गया है।'
गौरतलब है कि आज ही प्रख्यात शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन
मालवीय को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन
में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मालवीय के
परिजनों को भारत रत्न सौंपा। इसके साथ ही आज कई लोगों को पद्म पुरस्कारों
से सम्मानित भी किया गया।
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