खुश हूँ में आज
क्योंकि
तुम्हे टूट कर
चाहने की सज़ा
तुम्हारी बेवफाई से
मुझे जो मिल गई है
मुझे पता है
अपने कुतर्को
अपने झूंठे सुबूतो से
तुम खुद को वफ़ा की पुतली साबित करोगे
लेकिन कुछ नहीं
अब कुछ नहीं
तुम्हे टूट कर चाहने
तुमसे वफ़ा की सज़ा
तुम्हारी बेवफाई से
मुझे मिल गई है ,,,,,,,,,,,,,,
क्योंकि
तुम्हे टूट कर
चाहने की सज़ा
तुम्हारी बेवफाई से
मुझे जो मिल गई है
मुझे पता है
अपने कुतर्को
अपने झूंठे सुबूतो से
तुम खुद को वफ़ा की पुतली साबित करोगे
लेकिन कुछ नहीं
अब कुछ नहीं
तुम्हे टूट कर चाहने
तुमसे वफ़ा की सज़ा
तुम्हारी बेवफाई से
मुझे मिल गई है ,,,,,,,,,,,,,,
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