दोस्तों हरियाली के ग्राउंड में मुस्कुराता यह चेहरा रामखिलाड़ी मीणा सच
में राम के खिलाड़ी है ,,इनमे धर्म के प्रति मान सम्मान है तो अपने आचरण में
भी धार्मिक शिक्षा मर्यादाओं के तहत प्यार ,,सद्भाव ,,मदद का जज़्बा
,,शांतिपूर्ण स्वभाव इनकी आदत बन गयी ,,भाई रामखिलाड़ी मीणा राजस्थान के है
लेकिन अभी वर्तमान में आल इण्डिया रेडियों में असिस्टेंट न्यूज़ डाइरेक्टर
के पद पर कार्यरत है ,,,जहां समाचार भारती के विधि नियमों से यह को
ऑर्डिनेट कर तीखी खबरों का लेखन और सम्पादन करते है और इनकी खबरों की
निष्पक्षता ,,,प्रचार प्रसार के तोर तरीकों को सभी अधीनस्थ खूब सराहते है
,,इनमे नीडरता ,,निर्भीकता का जज़्बा है ,,साफ़ गोई है लेकिन फिर भी यह लोगों
के जज़्बात को समझते है ,,इनकी कोशिश होती है के इनके आचरण से किसी को
तकलीफ ना हो बल्कि कुछ ना कुछ उन्हें मिल ही जाए ,,,,,रामखिलाड़ी मीणा का
बचपन सवाईमाधोपुर गंगापुर सीटी के पास स्थित एक गांव जीवली में किसान की
गोद में गुज़रा ,,फिर इसी गांव से इन्होने ने प्रारम्भिक प्राइमरी शिक्षा
पास की ,,,कम उम्र पढ़ाई का जज़्बा पैदल सर्दी गर्मी बरसात में पांच किलोमीटर
दूर जाना ,,पैरों में फफोले पढ़ जाते थे लेकिन पढ़ाया के प्रति उत्साह ऐसा
के हमेशा क्लास में अव्वल रहे ,,दसवी के बाद जयपुर शहर में आये भाइयों का
कहना था के अलग अलग पढ़ेंगे इसलिए एक जगह नहीं रह सके ,,इनके एक भाई
राजस्थान प्रशासनिक सेवा में वरिष्ठ अधिकारी है ,,,,रामखिलाड़ी मीणा ने
राजस्थान युनिवर्सीटी से ग्रेजुएट कर फिर एम ऐ किया ,,,इनका शोक लिखने का
था इसलिए अख़बारों में लिखते रहे और लेखन के शोक ने इन्हे दिल्ली पहुंचा
दिया जहां इन्होने मास कम्युनिकेशन का डिप्लोमा किया ,,दिल्ली में रहकर
इन्हे होसला मिला ,,पत्रकारों ,,लेखक और दूसरे ज़िम्मेदार लोगों से मिलने का
अवसर मिला ,,इनके पास सर्विस के कई ऑफर थे लेकिन इनका मक़सद अपनी लेखनी से
लोगों की खिदमत करना था ,,,,रामखिलाड़ी मीणा ने यु पी एस सी से सुचना सहायक
की परीक्षा पास की और फिर इन्हे सबसे पहले राजस्थान की उद्योग नगरी कोटा
में भारत सरकार के सुचना कार्यालय में नियुक्त किया गया ,,इनके आचरण ,,इनके
स्वभाव ,,चुटकुलेबाजी ,,जांबाजी ,,याराना निभाने की क़ूवत ने इन्हे हर दिल
अज़ीज़ बना दिया ,,कोटा के सभी अख़बार नियमित रूप से केंद्र के इनके प्रेस नोट
का इन्तिज़ार करते थे ,,कोई इंटरनेट नहीं ,,मोबाईल नहीं लेकिन फिर भी इनका
सुचना तंत्र सरकार की सभी घोषणाओं और केंद्रीय मंत्रियों की खबरों को सभी
अख़बारों में पहुंचाने में सक्षम था ,,फोटु उस वक़्त ब्लॉक बनाकर भेजे जाते
थे इसलिए कार्यालय से लगभग संबंधित फोटो ब्लॉग मिल जाते थे ,,,पुरे तेरा
साल में रामखिलाड़ी मीणा कोटा के सभी छोटे बढ़े पत्रकारों के पारिवारिक
सदस्य बन चुके थे ,,कई बार सियासी मीटिंगों में जो यह प्रेसनोट में नहीं
लिख सकते थे आधी रात को भी अगर इन्हे जगाया गया तो इन्होें संबंधित
जानकारी देकर अपनी ज़िम्मेदारी निभाई घर पर पत्नी को निर्देश थे के कोई भी
फोन हो में सो रहा हूँ तो भी मुझे जगा कर बात करना इसीलिए पत्रकार
रामखिलाड़ी मीणा को अपनी धरोहर समझते रहे लेकिन यह धरोहर अब प्रमोशन होने के
बाद दिल्ली में आल इण्डिया रेडियों सर्विस में सहायक निदेशक समाचार पद का
काम बखूबी निभा रहे है ,,,,कोटा से इतनी दूर होने पर भी इनका रिश्ता कोटा
से आज भी जुड़ा है ,,इनकी यदि ,,इनकी हंसी ठिठोली ,,इनकी पत्रकारों को खबर
वक़्त पर पहुंचाने की तकनीक आज भी यादों में शामिल है लेकिन सोशल मिडिया के
हम सब शुक्रगुज़ार है जो इस माध्यम से इस हर दिल अज़ीज़ शख्सियत से मुलाक़ात
होती रहती है ,,अंदाज़ वही ,,कामकाज के तरीके वही ,,गेरो को जल्द अपना बनाना
इनकी फितरत है और इसमें वोह कामयाबी से लोगों के खिदमतगार बने है दिल्ली
में भी आप का अधिनष्ठ स्टाफ इनसे सुखी है ,,,तो भाई ऐसे है हमारे राम
खिलाडी मीणा साहब ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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