खतरे से बाहर नहीं गैंगरेप की शिकार, ज्यादा खून बहने से बिगड़ी हालत
नई दिल्ली। आठ दिन पहले चलती बस में गैंगरेप की शिकार हुई
लड़की की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने
सोमवार को कहा कि कल के मुकाबले लड़की की स्थिति ठीक नहीं है। हालांकि वह
होश में है, बात भी कर रही है लेकिन खतरे से बाहर नहीं है। वह अब भी
वेंटिलेटर पर है। ज्यादा खून बहने की वजह से उसकी हालत बिगड़ी है। हालांकि
किडनी का काम करना राहत की बात है।
गैंगरेप के आरोपियों को फांसी की मांग लेकर जहां देश भर में लोग सड़कों पर उतरे हैं, वहीं दिल्ली के वकीलों ने आरोपियों का बायकॉट कर दिया है। स्थानीय
वकीलों ने दुष्कर्म के आरोपियों का केस लडऩे से मना कर दिया है। दक्षिण
दिल्ली में वकीलों ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में प्रदर्शन भी किया।
इस बीच आरोपी पवन गुप्ता, विनय और राम सिंह को 6 जनवरी तक के लिए
तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। तीनों ने शिनाख्त परेड में शामिल होने से मना
कर दिया है, साथ ही कहा है कि उन्होंने गलत काम किया है इसलिए उन्हें
फांसी पर चढ़ा दिया जाना चाहिए।
रविवार को तिहाड़ जेल में कैदियों को जैसे ही पता लगा कि यह राम सिंह
है, उन्होंने उसकी जमकर पिटाई कर डाली। पहले भी कैदियों ने एक आरोपी मुकेश को पेशाब तक पिला दिया था।
जेल नंबर-4 में बंद मुकेश रविवार को पुलिस रिमांड पर बाहर आ गया। सूत्र
बताते हैं कि राम सिंह को तिहाड़ की उस जेल नंबर-3 में रखा गया है जिस जेल
में आतंकवादी अफजल गुरु बंद है। उसे वॉर्ड में दूसरे कैदियों के साथ न रखकर
अलग से हाई सिक्युरिटी सेल में रखा गया है। गैंग रेप के अन्य मुलजिमों में
अक्षय ठाकुर को जेल नंबर-4 में और विनय शर्मा एवं पवन गुप्ता को जेल
नंबर-7 में बंद किया गया है।
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