झुंझुनूं.नूआं वह खुशनसीब गांव, जहां के पांच भाइयों ने
भारत-पाक के बीच 1971 की जंग लड़ी थी। तब ये सेना में थे। अलग-अलग मोर्चो
पर रहते हुए इन्होंने दुश्मन के दांत खट्टे किए थे। इनके दो अन्य भाई भी
फौजी थे। इस परिवार की अब भी पांचवी पीढ़ी के युवा सेना में विभिन्न जगहों
पर तैनात हैं। इन भाइयों की मां हाजन बिस्मिल्ला इस पर फख्र करती हैं।
108 साल की बिस्मिल्ला बानो के जेहन में आज फिर वही मंजर है जो 16
दिसंबर, 1971 का था। वे कहती हैं उस दिन की खबर रेडियो पर सुनी थी। बेटों
से तो बात काफी दिनों बाद हो पाई थी।सैनिकों के गांव के लिए प्रसिद्ध नूआं
के पूर्व सैनिक मोहम्मद नजर खां के आठ बेटे हैं। सात बेटे सेना में बहादुरी
दिखा चुके हैं।
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