न्यूयॉर्क.   चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत  करने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। दक्षिण एशिया में साल 2010 में चीन  से ज्यादा हथियार भारत ने खरीदे। लेकिन  सऊदी अरब ने इस मामले में इन दो  दोनों देशों को पीछे छोड़ दिया। 
अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट  के मुताबिक साल 2003 से 2010 के बीच विकासशील देशों में हथियार खरीद के  मामले में सऊदी अरब ने सबको पीछे छोड़ दिया। 2003 से 2010 के बीच इसने 29  अरब डॉलर के हथियार खरीदे, जबकि भारत और चीन ने क्रमश: 17 और 13.2 अरब डॉलर  के हथियार खरीदे। मिस्र ने 12.1 अरब डॉलर और इजरायल ने 10.3 अरब डॉलर के  हथियार खरीदे। 
साल 2010 में पारंपरिक हथियारों की खरीद के मामले  में विकासशील देशों के बीच भारत पहले नंबर पर रहा। अमेरिकी कांग्रेस की एक  रिपोर्ट के मुताबिक भारत के साथ हथियारों के 5.8 अरब अमेरिकी डॉलर के  समझौते के लिए कई देश कोशिश कर रहे थे।  दुनिया भर में 2010 में 40.4 अरब  अमेरिकी डॉलर के हथियारों की बिक्री हुई थी। लेकिन यह बिक्री 2009 की तुलना  में 38 फीसदी कम थी। साल 2009 में करीब 65.2 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार  बेचे गए गए थे। 
लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहे भारत के बाद  हथियारों की खरीद के मामले में दूसरा नंबर ताइवान का रहा। ताइवान ने 2010  में 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार खरीदे जबकि सऊदी अरब ने 2.2 अरब  अमेरिकी डॉलर कीमत के हथियार खरीदे। पाकिस्तान ने भी 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर  के हथियार खरीदे। अमेरिकी संसद की 75 पेज की रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में  सबसे ज़्यादा हथियार विकासशील देशों ने खरीदे। बीते साल विकासशील देशों को  30.7 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार बेचे गए जो पूरी दुनिया में हथियारों के  कुल सौदों का 76.2 फीसदी है।
दूसरी तरफ, हथियार बेचने में अमेरिका  सबसे आगे रहा। अमेरिका ने विकासशील देशों को 60 अरब डॉलर के हथियार बेचे।  रूस ने 38, ब्रिटेन ने 19, फ्रांस ने 12.3, चीन ने 11.6, जर्मनी ने 6.2 और  इजरायल ने 3.5 अरब डॉलर की बिक्री की। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले  समय में रूस के लिए बड़ी चुनौती आने वाली है। अभी भारत के लिए रूस हथियारों  का बड़ा आपूर्तिकर्ता है, लेकिन दूसरे देश उसे कड़ी टक्कर दे रहे हैं। 
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 सितंबर 2011
सऊदी अरब ने जुटाए भारत-चीन से ज्यादा हथियार, अमेरिका सबसे बड़ा सौदागर
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